शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन (Shark Tank India Season 4) में एक ऐसा स्टार्टअप (Startup) आया, जो दावा करता है कि वह सिर्फ 6 क्लिक और 60 सेकेंड में आपकी किसी भी वारंटी से जुड़ी शिकायत को रजिस्टर करने में मदद करता है. इस स्टार्टअप का नाम है OneDios, जिसकी शुरुआत की है गाजियाबाद के रहने वाला नितिन चावला ने. 

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यह स्टार्टअप लोगों को एक ऐप के जरिए एक प्लेटफॉर्म ऑफर कर रहा है. इसके जरिए लोग अपनी रिक्वेस्ट बुक कर सकते हैं. फाउंडर का दावा है कि लोग सिर्फ 6 क्लिक और 60 सेकेंड में अपनी रिक्वेस्ट बुक कर सकते हैं. उन्हें किसी कस्टमर केयर पर फोन कर के अपना ढेर सारा टाइम बर्बाद करने की जरूरत नहीं.  

कई सालों तक की नौकरी, फिर शुरू किया बिजनेस

नितिन ने बीकॉम किया है और उसके बाद एमएससी किया. पहली कंपनी में उन्हें 15 लाख की सेल का टारगेट मिला. कहा गया कि अगर इसे अचीव कर लिया तो डेवलपमेंट में रख देंगे. उस टारगेट को नितिन ने अचीव कर लिया और वह सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में आ गए. कुछ समय बाद उन्होंने एक दूसकी कंपनी ज्वाइन की और वहां पहला मोबाइल ऐप बनाया. इसके बाद आईबीएम में करीब 12 सालों तक उन्होंने प्रोजेक्ट मैनेजर की तरह काम किया. आईबीएम में वह इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर को हेड कर रहे थे. इस स्टार्टअप की शुरुआत उन्होंने 2019 में की और 2020 में उन्होंने आईबीएम से इस्तीफा दे दिया. 

भारी नुकसान में है स्टार्टअप

इस स्टार्टअप ने 2023-24 में 3.7 करोड़ रुपये की सेल की, लेकिन 5.5 करोड़ रुपये बर्न किए. वहीं इस साल अक्टूबर तक कंपनी की सेल 3.25 करोड़ रुपये रही. कंपनी की 85 फीसदी सेल रिटेलर से आती है, जबकि 15 फीसदी ऐप से आती है. 

किसी भी शार्क ने नहीं दी फंडिंग

इस स्टार्टअप के लिए फाउंडर ने 1.5 फीसदी इक्विटी के बदले 75 लाख रुपये की फंडिंग मांगी. अभी तक ये स्टार्टअप 16.5 करोड़ रुपये की फंडिंग उठा चुका है. शार्क टैंक इंडिया के शो पर किसी भी जज ने इस स्टार्टअप में पैसे नहीं लगाए.

फाउंडर पर भड़के शार्क

इस स्टार्टअप के फाउंडर पर सभी शार्क भड़के हुए नजर आए. अनुपम मित्तल ने तो ये तक कह दिया कि आपका ये बिजनेस तो खत्म ही हो गया, जो पट्टी पढ़ानी है पढ़ाओ. वहीं जो नंबर वह बता रहे थे, उस पर भी किसी को भरोसा नहीं हो रहा था. वरुण दुआ बोले कि उन्हें कनफ्यूजन है. अमन गुप्ता को भी फाउंडर की किसी बात पर भरोसा नहीं हुआ. फाउंडर के जाने के बाद विनीता ने तो यहां तक कहा कि यह फाउंडर झूठ बोल रहा था. किसी भी शार्क को इस स्टार्टअप का बिजनेस समझ नहीं आया, उल्टा सभी कनफ्यूज हो गए.