Shark Tank India-4: 'गंजी हो रही दुनिया', 22 हजार की Credit Card Limit से बनाया 7Cr का बिजनेस, जजों को हुआ शक
शार्क टैंक पर कई ऐसे स्टार्टअप आते हैं, जिनके फाउंडर कुछ अतरंगी पिच करते हैं. एक ऐसा ही स्टार्टअप शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन में भी आया, जिसका नाम है Havintha, जिसका मतलब है रिलेशन का पुल.
शार्क टैंक पर कई ऐसे स्टार्टअप आते हैं, जिनके फाउंडर कुछ अतरंगी पिच करते हैं. एक ऐसा ही स्टार्टअप शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन में भी आया, जिसका नाम है Havintha, जिसका मतलब है रिलेशन का पुल. यह इंदौर का स्टार्टअप है, जिसके फाउंडर का नाम है भरत खत्री. फाउंडर ने आते ही कहा- 'गंजी हो रही है दुनिया'. वह बोले कि हेयर फॉल की वजह से लोगों का कॉन्फिडेंस टूट जाता है. नॉर्मल शैंपू में कई तरह के कैमिकल होते हैं, लेकिन इस स्टार्टअप के प्रोडक्ट्स पूरी तरह नेचुरल हैं.
फाउंडर का दावा है Havintha में वह दादी-नानी के नुस्खों वाले प्रोडक्ट बनाते हैं, जो नेचुरल इनग्रेडिएंट से बनते हैं. अब तक यह स्टार्टअप 10 लाख से भी ज्यादा लोगों को अपने प्रोडक्ट पहुंचा चुका है. इस कंपनी ने मार्केटिंग पर ना के बराबर खर्च किया है. फाउंडर का कहना है कि उनकी ज्यादातर मार्केटिंग अपने आप ही वर्ड ऑफ माउथ से हो रही है. उनका विजन है कि वह 5 साल में 500 करोड़ रुपये की कंपनी बनाना चाहते हैं.
खुद हुई परेशान तो शुरू किया बिजनेस
2016-17 के दौरान भरत को खुद भी हेयर फॉल हो रहा था. अपनी खुद की परेशानी से निजात पाने के लिए उन्होंने रिसर्च शुरू की और फिर एक बिजनेस शुरू करने का इरादा बना लिया. शुरू में तो उन्होंने बिजनेस अकेले ही शुरू किया था, लेकिन आज उनके पास एक बड़ी टीम है. इनके प्रोडक्ट्स पाउडर फॉर्म में आते हैं, जिसे पानी में घोलकर बालों में लगाना होता है. कंपनी के सारे प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग वह खुद ही करते हैं.
क्रेडिट कार्ड की लिमिट से खड़ा किया बिजनेस
भरत बताते हैं कि उन्होंने अपने क्रेडिट कार्ड की 22 हजार रुपये की लिमिट का इस्तेाल करते हुए अपना बिजनेस खड़ा किया है. 2019-20 में उनके बिजनेस की सेल 50 लाख रुपये थी. अगले साल यह 77 लाख हुई और उसके अगले साल 3.1 करोड़ रुपये और फिर 4.1 करोड़ रुपये. पिछले साल कंपनी की सेल 5 करोड़ रुपये रही है. इस साल उन्हें उम्मीद है कि वह 7 करोड़ रुपये तक का बिजनेस करेंगे. उन्हें अपने बिजनेस में 20 फीसदी से भी ज्यादा का मुनाफा हो रहा है. हेविंता के सारे प्रोडक्ट ऑनलाइन ही बिकते हैं.
जजों को हुआ शक, घूमा दिमाग
जब फाउंडर से पूछा गया कि ये प्रोडक्ट बालों का झड़ना कैसे रोकते हैं, तो वह कुछ नहीं बता पाए. पता चला कि उन्हें ना तो खुद आयुर्वेद की कोई जानकारी है, ना ही उनके पास कोई आयुर्वेद का डॉक्टर है. हालांकि, उनका दावा था कि उनके पास प्रोडक्ट्स की लैब टेस्टिंग रिपोर्ट है और आयुष लाइसेंस भी है. इसके बावजूद विनीता ने देखा कि प्रोडक्ट के लेबल पर इनग्रेडिएंट्स की लिस्ट नियमों के हिसाब से नहीं है.
सिर्फ पीयूष ने दिया ऑफर, लेकिन...
अपने स्टार्टअप के लिए फाउंडर ने 2 फीसदी इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये मांगे. अनुपम, अमन और विनीता इस डील से आउट हो गए. वहीं कुणाल ने कहा कि अभी वह प्रॉपराइटरशिप हैं, इसलिए निवेश नहीं हो सकता, लेकिन स्ट्रक्चर सही होने के बाद वह निवेश की बात कर सकते हैं, लेकिन अभी के लिए आउट हैं. वहीं पीयूष बंसल ने 10 फीसदी इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये और 1 करोड़ रुपये वापस मिलने तक 2 फीसदी रॉयल्टी मांगी. फाउंडर ने उनकी फंडिंग नहीं ली. अनुपम आखिर तक ये कहते रहे कि कुछ तो गड़बड़ है इस बिजनेस में.