Shark Tank India-4: इन दो बहनों ने गुड़ से बनाया बड़ा Business, शो पर अनुपम की बोलती कर दी बंद! मिले ₹50 लाख
दो चचेरी बहनों ने अच्छी क्वालिटी का और 5 से 10 ग्राम के साइज का गुड़ बनाना शुरू किया. वह अपने स्टार्टअप (Startup) को लेकर पहुंची शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन (Shark Tank India Season 4) में, जहां से उन्हें मिली फंडिंग (Funding). दोनों बहनों की हाजिर जवाबी देख सभी शार्क मजाक में बोले अनुपम की तो बोलती ही बंद हो गई है.
पहले के जमाने में गुड़ (Jaggery) खूब खाया जाता था, क्योंकि यह चीनी की तुलना में बहुत अच्छा होता है. लेकिन आज के वक्त में गुड़ का इस्तेमाल बहुत ही कम हो चुका है और ये सिर्फ पूजा-पाठ में ही बाहर निकलता है. बाजार के गुड़ में रंग मिला होता है और उसमें फंगस या मोल्ड होने का भी खतरा रहता है. ऐसे में दो चचेरी बहनों ने अच्छी क्वालिटी का और 5 से 10 ग्राम के साइज का गुड़ बनाना शुरू किया. वह अपने स्टार्टअप (Startup) को लेकर पहुंची शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन (Shark Tank India Season 4) में, जहां से उन्हें मिली फंडिंग (Funding). दोनों बहनों की हाजिर जवाबी देख सभी शार्क मजाक में बोले अनुपम की तो बोलती ही बंद हो गई है.
इस स्टार्टअप का नाम है GudWorld, जिसकी शुरुआत महाराष्ट्र की रहने वाली प्रीति शिंदे और सायली शिंदे ने अप्रैल 2021 में की. तब से लेकर अब तक यह स्टार्टअप 2 करोड़ से भी अधिक गुड बाइट्स बेच चुका है. इनका 5 ग्राम का साइज सबसे ज्यादा खास है, क्योंकि उसे बनाना सबसे मुश्किल काम है और लोगों के लिए उसे इस्तेमाल करना बेहद आसान है. इस कंपनी के 12 नेचुरल इनफ्यूज फ्लेवर्स भी हैं.
40 सालों से गुड़ बना रहा परिवार
कंपनी के सारे प्रोडक्ट्स को यूएसएफडीए सर्टिफाइड स्टेनलेस स्टील मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी में तैयार किए जाते हैं. पिछले 40 सालों ने इनका परिवार गुड़ बना रहा है, जिसे दोनों बहनों ने टेक्नोलॉजी के साथ मिला दिया है. इस स्टार्टअप के प्रोडक्ट ऑनलाइन और ऑफलाइन चैनल के जरिए दुनिया भर में बिक रहा है.
40 सालों से फाउंडर्स का परिवार जो गुड़ बना रहा था, वह 5 किलो और 10 किलो के बड़े लॉट बना रहा था. 2014 में परिवार ने पुराना प्लांट बंद किया और सोचा कि अब ऐसा गुड़ बनाएंगे. गुड़ में बहुत मिलावट होती है, इसमें कलर मिलाते हैं, सल्फर मिलाते हैं और क्लीनजिंग एजेंट भी डाले जाते हैं.
बनाया 5 ग्राम का गुड़ क्यूब
इस स्टार्टअप ने 5 ग्राम के क्यूब वाला प्रोडक्ट दिसंबर 2019 में क्रैक किया. उस वक्त इसकी कोई पैकेजिंग नहीं थी, क्योंकि तब फाउंडर्स कॉलेज से बस निकले ही थे. हर साल दुबई में GulFood नाम से एक इंटरनेशनल फूड एग्जिबिशन होता है, जिसमें एपीडा की मदद से फरवरी 2020 में गुडवर्ल्ड का भी एक स्टॉल लग सका. वहां 24 देशों के लोग आए और उन्होंने इन प्रोडक्ट की खूब तारीफ की. डिमांड देखी तो फाउंडर्स ने तय कर लिया कि इसे अब एक बड़ा बिजनेस बनाना है.
चीन भी खरीदता है इनके प्रोडक्ट
भारत में अभी गुड़ का मार्केट करीब 6500 करोड़ रुपये का है. वहीं दूसरी ओर पूरी दुनिया की बात करें तो गुड़ का मार्केट करीब 4.2 अरब डॉलर का है. चीन में गुड़ बहुत ज्यादा इस्तेमाल होता है और यह गुड़ का सबसे बड़ा इंपोर्टर भी है. गुड वर्ल्ड भी अपने प्रोडक्ट चीन को निर्यात करता है.
तगड़ी कमाई कर रही है कंपनी
साल 2023-24 में कंपनी ने 1.48 करोड़ रुपये की सेल की. वहीं इस साल अक्टूबर तक कंपनी 2.2 करोड़ रुपये की सेल कर चुकी है और उम्मीद है कि 2024-25 में कंपनी की सेल 6-7 करोड़ रुपये तक का आंकड़ा छू सकती है. कंपनी की 60 फीसदी सेल ऑफलाइन चैनल से होती है. 15 फीसदी ऑनलाइन है और 20 फीसदी का एक्सपोर्ट है. वहीं 5 फीसदी सेल होरेका से आती है.
अभी इस स्टार्टअप के प्रोडक्ट्स 6-7 राज्यों में 2800 से भी अधिक स्टोर्स में उपलब्ध हैं. बता दें कि इनके पास करीब 400 एकड़ खेत हैं, जिसमें से 100-150 एकड़ में वह गन्ने की खेती करते हैं, जिसका इस्तेमाल गुड़ बनाने में होता है.
बूटस्ट्रैप्ड है ये स्टार्टअप
यह एक बूटस्ट्रैप्ड स्टार्टअप है, जिसमें अभी तक सिर्फ परिवार ने ही पैसे लगाए हैं. अब तक कंपनी में करीब 4.5 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है. इस स्टार्टअप में 45 फीसदी हिस्सेदारी प्रीति के पास है, जबकि 25 फीसदी हिस्सेदारी सायली के पास है. वहीं दो ब्रदर इन लॉ के पास 15-15 फीसदी और वह भी कंपनी में फुल टाइम काम करते हैं.
अमन ने दिए 50 लाख रुपये
फाउंडर्स ने अपने स्टार्टअप के लिए 2 फीसदी इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये की फंडिंग मांगी. इस डील से पीयूष, विनीता और अनुपम आउट हो गए. वहीं अमन और वरुण ने 6 फीसदी इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये की फंडिंग का ऑफर दिया. फाउंडर्स ने 50 लाख के बदले 3 फीसदी इक्विटी का काउंटर ऑफर दिया, जिसके बाद वरुण डील से आउट हो गए. आखिरकार अमन गुप्ता ने 5 फीसदी इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये की फंडिंग दी.