शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India-3) के तीसरे सीजन में हाल ही में एक ऐसा स्टार्टअप (Startup) आया, जिसने शादी-ब्याह जैसे मौकों पर कपड़ों पर होने वाले खर्च को बहुत कम कर दिया है. दरअसल, यह स्टार्टअप बहुत ही कम कीमत में कपड़े किराए पर मुहैया कराता है. वैसे भी, अधिकतर लोगों की शादी की शेरवानी या सूट एक-दो बार पहनने के बाद बस यूं ही पड़ा रहता है, यह स्टार्टअप उन कपड़ों से ही किराया कमाता है. इस स्टार्टअप का नाम है Candid Men, जिसकी शुरुआत 2017 में रिषभ पोद्दार और श्वेता पोद्दार की भाई-बहन की जोड़ी ने बेंगलुरु से की थी. 

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रिषभ कहते हैं कि उन्होंने जो 13 हजार रुपये का सूट पहना है, वह उन्हें सिर्फ 1500 रुपये में मिल गया है, क्योंकि उन्होंने उसे किराए पर लिया है. इस स्टार्टअप ने लोगों की इसी मानसिकता को समझा है और उसी के साथ ये स्टार्टअप जा पहुंचा शार्क टैंक इंडिया, अपने बिजनेस के लिए फंडिंग जुटाने. बहुत सारे लोग शादी-ब्याह जैसे मौकों पर बहुत अच्छे दिखना तो चाहते हैं, लेकिन महंगे कपड़े नहीं खरीदना चाहते. 

यह अभी सिर्फ पुरुषों के लिए किराए के कपड़े मुहैया कराता है. इस प्लेटफॉर्म से आप किसी भी प्रोडक्ट की कीमत का महज 10-15 फीसदी चुकाकर किराए पर कपड़े ले सकते हैं. यहां से आप जोधपुरी, कुर्ता पैजामा, शेरवानी, सूट, टक्सीडो जैसे तमाम कपड़े किराए पर ले सकते हैं. कई सारे डिजाइन तो इस स्टार्टअप ने खुद ही बनाए हैं. श्वेता कहते हैं कि 50 फीसदी कपड़े खुद डिजाइन करते हैं और 50 फीसदी आउटसोर्स करते हैं. स्टार्टअप का दावा है उसने आज तक अपने ग्राहकों के करीब 60 करोड़ रुपये से भी ज्यादा बचाए हैं. अभी इस स्टार्टअप के स्टोरी बेंगलुरु, हैदराबाद और दिल्ली में हैं. 

कहां से आया आइडिया?

श्वेता कहती हैं कि एक बार दो शादियां साथ में ही पड़ गईं. उस वक्त उन्होंने 30-35 हजार रुपये खर्च कर के कपड़े खरीदे. पहली शादी में तो वह कपड़े पहन कर उन्हें बहुत अच्छा लगा, लेकिन कुछ ही दिन बाद दूसरी शादी में वही कपड़े पहनने में उन्हें हिचकिचाहत हो रही थी और उन्हें उतना अच्छा भी नहीं लग रहा था. तब ये समझ आया कि दोबारा तो इतने पैसे नहीं खर्च कर सकते हैं. ये समस्या बहुत सारे लोगों की है, तो श्वेता को लगा कि रेंटल कपड़ों के बिजनेस में बड़ा स्कोप है. उसके बाद भाई-बहन ने मिलकर कैंडिड मेन की शुरुआत की. 

899-6000 रुपये है रेंटल कीमत

श्वेता-रिषभ के पिता का तमिलनाडु के इरोड में टेक्सटाइल का बिजनेस है, जिसके चलते दोनों को कपड़ों की काफी जानकारी है. रिषभ ने कुछ वक्त पिता की कंपनी में भी काम किया. अमेरिका से भी पढ़ाई कर के वापस आ चुके हैं. श्वेता कहती हैं कि कंपनी हर 1.5 साल में कपड़ों को रोटेट करने के बाद हटा देती है, जिससे लोगों को नए-नए और ट्रेंडिंग डिजाइन मिलते हैं. इनकी कीमत 899 रुपये से शुरू होकर 6000 रुपये तक जाती है. ये कीमत करीब 4 दिन के लिए कपड़े किराए पर देने के हैं. कंपनी का एवरेज वैल्यू ऑर्डर लगभग 2300 रुपये है. वहीं कंपनी ग्राहकों से पिक-अप और ड्रॉप का अलग से चार्ज लेती है.

80% ऑफलाइन बिजनेस

साल 2018 तक यह कंपनी सिर्फ ऑनलाइन बिजनेस कर रही थी, उसके बाद फाउंडर्स ने अपने ऑफिस में ही ट्रायल रूम बनाकर ऑफलाइन बिजनेस में एंट्री की. ऐसा इसलिए क्या गया, ताकि लोग कपड़ों का फील ले सकें. इस बिजनेस में एक बड़ी दिक्कत ये है कि लोग कपड़े लेकर वापस ना करें, लेकिन श्वेता बताती हैं कि अभी तक उनके बिजनेस में ऐसा 1 फीसदी से भी कम बार होता है. इस वक्त कंपनी का 80 फीसदी बिजनेस ऑफलाइन है और 20 फीसदी बिजनेस ऑनलाइन है.

बूटस्ट्रैप्ड है और प्रॉफिटेबल स्टार्टअप

यह बिजनेस अभी तक बूटस्ट्रैप्ड है और प्रॉफिटेबल भी है. अगर बात करें कमाई की तो 2019-20 में कंपनी ने 1 करोड़ रुपये का बिजनेस किया था, जो 2022-21 में कोविड के चलते गिरकर 42 लाख रुपये हो गया. वहीं 2021-22 में उनकी कमाई 85 लाख रुपये हो गई, जो 2022-23 में 2.1 करोड़ रुपये रही. कंपनी को उम्मीद है कि इस साल उनका बिजनेस 6 करोड़ रुपये तक हो सकता है.

फंडिंग और फ्यूचर

इस स्टार्टअप ने 30 करोड़ रुपये के वैल्युएशन पर 60 लाख रुपये के बदले 2 फीसदी इक्विटी देने की पेशकश की. हालांकि, विनीता सिंह और अमित जैन से उन्हें 20 करोड़ रुपये की वैल्युएशन पर 3 फीसदी इक्विटी के बदले 60 लाख रुपये मिले. हालांकि, इसकी एक कंडीशन है कि स्टार्टअप इस साल 2 करोड़ रुपये का मुनाफा (PAT) कमाएगा, वरना इक्विटी 3 फीसदी के बदले 5 फीसदी हो जाएगी.