Shark Tank India-3: सवा साल में पति-पत्नी ने खड़ा किया ₹2 करोड़ हर महीने कमाने वाला Startup, निवेश के लिए मची होड़, मिली 5 शार्क डील
Shark Tank India में हाल ही में अपैरल से जुड़ा एक ऐसा स्टार्टअप (Startup) आया, जिसने सारी शार्क के बीच पहले तो रेस करवा दी और आखिर में एक ऐसा ऑफर दिया, जिसे कोई मना नहीं कर सका. इसी के साथ इस स्टार्टअप ने 5 शार्क डील (5 Shark Deal) हासिल कर ली.
Shark Tank India में हाल ही में अपैरल से जुड़ा एक ऐसा स्टार्टअप (Startup) आया, जिसने सारी शार्क के बीच पहले तो रेस करवा दी और आखिर में एक ऐसा ऑफर दिया, जिसे कोई मना नहीं कर सका. इसी के साथ इस स्टार्टअप ने 5 शार्क डील (5 Shark Deal) हासिल कर ली. वैसे तो शुरुआत में अमन गुप्ता (Aman Gupta) का मानना था कि ऑल शार्क डील से फायदा नहीं होता है, लेकिन फाउंडर्स का ऑफर ऐसा था, जिसे कोई मना नहीं कर सका और सभी ने पैसे लगाने के लिए हां कर दी.
इस स्टार्टअप का नाम है Littlebox, जिसकी शुरुआत असम के गुवाहाटी में रहने वाले पार्था काकाटी (Partha Kakati) और रिमझिम डेका (Rimjim Deka) ने की है. यह एक फास्ट फैशन डी2सी ब्रांड है, जो आज की जनरेशन यानी जेनजी (Zen Z) को टारगेट करता है. इसकी शुरुआत जून 2022 में हुई थी और तब से अब तक कंपनी ने पैन इंडिया 2 लाख से भी ज्यादा प्रोडक्ट शिप किए हैं. कंपनी का दावा है कि अभी वह हर रोज 1200 से भी ज्यादा शिपमेंट शिप करते हैं.
दिल्ली और गुवाहाटी, दो जगहों से चलता है कंपनी का बिजनेस
बिजनेस के दो ऑपरेशनल एरिया है. मार्केटिंग, कंटेंट, आईटी और ऑपरेशन गुवाहाटी में है. वहीं वेयरहाउस और फैक्ट्री दिल्ली में है. घर तो गुवाहाटी में है, लेकिन आधा वक्त दिल्ली में भी गुजरता है. दोनों ही फाउंडर्स एक दूसरे को करीब 18 सालों से जानते हैं और करीब 6 साल पहले दोनों ने शादी कर ली. तब से अब तक वह पति-पत्नी की तरह बिजनेस को चला रहे हैं. गुवाहाटी में इस तरह के बिजनेस के लिए पर्याप्त साधन नहीं थे, इसलिए फैक्ट्री दिल्ली में लगाई. वहीं ये पहले से सोच रखा था कि सब कुछ दिल्ली में नहीं करना है, गुवाहाटी भी आना है, इसलिए कुछ हिस्सा गुवाहाटी में रखा.
होम टाउन के लिए है बेहिसाब प्यार
रिमझिम कहती हैं- 'हम चाहते हैं कि हम अपने होम टाउन को भी कुछ दें. साथ ही हम यहां के युवाओं को अपना बिजनेस शुरू करने के लिए मोटिवेट करना चाहते हैं.' असम में 5 साल पहले स्टार्टअप जैसा कुछ नहीं था, अब लोग कर रहे हैं. वहां की सरकार भी खूब मदद करती है. इनक्युबेशन सेंटर भी हैं, जो स्टार्टअप्स की मदद करते हैं. 2012 में भी रिमझिम ने एक ब्रांड शुरू किया था, जिसे उन्होंने करीब 10 साल तक चलाया. वह बिजनेस अभी भी चल रहा है. उस बिजनेस में पेपरवर्क वगैरह नहीं किया था, जिसके चलते कुछ इश्यू हो गए और बाद में दिक्कत झेलनी पड़ी.
हर महीने 2 करोड़ का बिजनेस करता है ये स्टार्टअप
कंपनी की सारी सेल ऑनलाइन हो रही है कंपनी की वेबसाइट से. कंपनी परफॉर्मेंस मार्केटिंग करती है, जिसके लिए इंस्टाग्राम का खूब इस्तेमाल होता है. महज 1 साल 3 महीने में ही लिटिलबॉक्स ने 2 करोड़ रुपये प्रति महीने की सेल हासिल कर ली है. इस साल यानी 2023-24 में कंपनी का नेट रेवेन्यू 36 करोड़ रुपये के करीब रहने का अनुमान है. अभी कंपनी का EBITDA 15 फीसदी है यानी कंपनी मुनाफे में चल रही है. कंपनी का एवरेज वैल्यू ऑर्डर 1250 रुपये है, वहीं 22 फीसदी रिटर्निंग यूजर हैं.
फाउंडर्स ने मांगा था 75 करोड़ का वैल्युएशन
इस स्टार्टअप ने अपनी पिच की शुरुआत में 75 करोड़ रुपये की वैल्युएशन मांगी थी. इसके लिए उन्होंने 75 लाख रुपये के बदले 1 फीसदी इक्विटी देने का ऑफर दिया था. इस पर सबसे पहले अमन गुप्ता ने ऑफर दिया और 25 करोड़ रुपये के वैल्युएशन पर 2 फीसदी इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये दिए. साथ ही उन्होंने 25 लाख रुपये का लोन 12 फीसदी ब्याज पर 2 साल के लिए ऑफर किया.
पैसे लगाने के लिए रेस करने लगे शार्क
नमिता थापर ने 60 करोड़ रुपये के वैल्युएशन पर 30 लाख रुपये 0.5 फीसदी के लिए ऑफर किए. साथ ही 45 लाख डेट दिया, जिसके लिए 2 फीसदी रॉयल्टी मांग, जब तक उनके पैसे 90 लाख नहीं हो जाते. विनीता सिंह 75 लाख रुपये के बदले 2 फीसदी इक्विटी लेने का ऑफर दिया. वहीं अमित जैन ने 50 करोड़ रुपये के वैल्युएशन पर 1 फीसदी इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये देने का ऑफर दिया. साथ ही 12 फीसदी ब्याज पर 2 साल के लिए 25 लाख रुपये लोन देने का ऑफर दिया. अनुपम ने 75 लाख रुपये की वैल्युएशन देते हुए 2 फीसदी रॉयल्टी मांगी, जब तक उनके पैसे 1.5 गुना नहीं हो जाते.
आखिरकार हुई 5 शार्क डील
इसके बाद सारे शार्क में डील लेने के लिए एक रेस लगी और हर कोई धीरे-धीरे 75 लाख रुपये के बदले 1 फीसदी या 1.5 फीसदी तक इक्विटी लेने के लिए राजी हो गया. हालांकि, असली शार्क तो फाउंडर्स थे, जिन्होंने पहले से ही मन बना रखा था कि सबको डील में शामिल कराना है. उन्होंने जब इस बारे में कहा तो अमन गुप्ता ने तुरंत ही 5 शार्क डील का हिस्सा बनने से मना कर दिया. वह इससे पहले भी नमिता थापर से इस पर बात कर चुके थे और कहा था कि वह 5 शार्क डील में नहीं जाएंगे, क्योंकि उसमें बहुत ही कम इक्विटी मिलती है. लेकिन फाउंडर्स ने फिर कहा कि वह वैल्युएशन नहीं बल्कि वैल्यू देख रहे हैं और सभी को साथ लेना चाहते हैं, भले ही इक्विटी डाइल्यूशन बढ़ाना पड़े. आखिरकार 30 करोड़ रुपये के वैल्युएशन पर 2.5 फीसदी इक्विटी के बदले 75 लाख रुपये की 5 शार्क डील हुई.