Shark Tank India-3: दीपिंदर गोयल ने की अपनी पहली डील, काफी देर चली ना-नुकुर, मजेदार है निवेश की ये कहानी
आर्टिशनल फेनी बनाने वाले स्टार्टअप Goenchi Feni की शुरुआत गोवा के रहने वाले भाई-बहन यश प्रदीप सावरडेकर और तुलिका प्रदीप सावरडेकर ने अप्रैल 2023 में की थी. स्टार्टअप का दावा है कि यह फेनी पिछले 500 सालों से बन रही है और गोवा की परंपरा का हिस्सा है.
शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India-3) में अब कुछ ऐसे भी स्टार्टअप (Startup) आने लगे हैं, जिन्हें देखकर हैरानी होने लगती है. एल्कोहल से जुड़ा स्टार्टअप Goenchi Feni भी कुछ ऐसा ही है, जिसने सबको हैरान कर दिया. हालांकि, उनके बिजनेस (Business) में निवेश करने के लिए तमाम शार्क तैयार नहीं हुए. वहीं दूसरी ओर, दीपिंदर गोयल ने इस स्टार्टअप में पैसे लगाए, जो शार्क टैंक में उनका पहला इन्वेस्टमेंट रहा.
आर्टिशनल फेनी बनाने वाले स्टार्टअप Goenchi Feni की शुरुआत गोवा के रहने वाले भाई-बहन यश प्रदीप सावरडेकर और तुलिका प्रदीप सावरडेकर ने अप्रैल 2023 में की थी. स्टार्टअप का दावा है कि यह फेनी पिछले 500 सालों से बन रही है और गोवा की परंपरा का हिस्सा है. पूर्वजों ने इसे बनाने की प्रक्रिया के बारे में पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाया है. गोवा की काजू फेनी इतनी खास है कि गोवा को इसका जीआई टैग भी मिला हुआ है.
6 महीनों में 100 स्टोर तक पहुंची Goenchi Feni
कोरोना काल के बाद यश और तुलिका पूरे देश में घूमे और फिर उन्होंने जाना कि गोवा की फेनी सबसे अच्छी फेनी है. अपने स्टार्टअप के तहत बनाई जा रही फेनी में वह कोई शुगर नहीं मिलाते हैं. महज 6 महीनों में इस स्टार्टअप की फेनी गोवा के 100 से भी अधिक वाइन स्टोर और रिटेल स्टोर में पहुंच चुकी है.
हर देश को अपनी स्पिरिट पर होता है गर्व
यश कहते हैं कि तमाम देशों को अपने देश की ड्रिंक पर गर्व होता है. रूस में वोडका, मैक्सिको में टकीला, जापान में साके, कोरिया में सोजू, ब्राजील में कसासा,हर देश को अपनी स्पिरिट पर गर्व है. वहीं भारत की स्पिरिट को देसी दारू कह दिया जाता है. यही वजह है कि बहुत सारे फेनी कारीगरों ने भी अपना काम छोड़ दिया और अब ये विलुप्त हो रही है. इस स्टार्टअप का विजन है कि ये स्वदेशी स्पिरिट को ग्लोबल ले जाया जाए.
कहां से आया ये आइडिया?
यश बताते हैं कि वह मिडिल ईस्ट में एक फ्लाइट अटेंडेंट थे, जहां एक बार उनसे किसी ने पूछा कि आपको यहां लोग कौन सी ड्रिंक पीते हैं. यश ने जवाब दिया कि व्हिस्की पीते हैं. इस पर एक और सवाल आया कि आपके यहां बनने वाली कौन सी ड्रिंक लोग पीते हैं, जिस पर यश जवाब नहीं दे सके. वहां से ही मन में एक आइडिया ने जन्म ले लिया कि देसी स्पिरिट को ग्लोबल लेवल पर पहुंचाया जा सकता है.
कितना बड़ा मार्केट, कितनी है कीमत?
अभी इस स्टार्टअप के दो प्रोडक्ट हैं. पहला है कैश्यू यानी काजू फेनी और दूसरी है कोकोनट फेनी यानी नारियल फेनी. गोवा के लोकल लोग तो फेनी काफी पसंद करते हैं, लेकिन बाकी लोग इसे पीने से हिचकते हैं. अभी कंपनी के प्रोडक्ट की कीमत 1449 रुपये है. यश बताते हैं कि गोवा में एल्कोहल का टोटल मार्केट 3600 करोड़ रुपये का है, जबकि फेनी का मार्केट करीब 450 करोड़ रुपये का है. अभी यह ब्रांड सिर्फ गोवा तक सीमित है, जो हर महीने करीब 10 लाख रुपये कमाता है और बूटस्ट्रैप्ड है.
फाउंडर्स ने मांगा 20 करोड़ का वैल्युएशन
यश और तुलिका ने 1 करोड़ के निवेश के बदले 20 करोड़ रुपये के वैल्युएशन पर 5 फीसदी इक्विटी देने की पेशकश की थी. दोनों के स्टार्टअप और उनकी मेहनत से तो सभी शार्क इंप्रेस हुए, लेकिन जब बात पैसे लगाने की आई तो सिर्फ दीपिंदर गोयल को छोड़कर एक के बाद एक सभी शार्क पीछे हट गए. दीपिंदर गोयल का ऑफर भी बड़ा ही यूनीक था. उन्होंने सबसे पहले तो ये पूछा कि क्या हर 4 हफ्तों में रविवार को वह दोनों दीपिंदर के साथ नाश्ता करने दिल्ली आ सकते हैं?
दीपिंदर गोयल ने की शार्क टैंक में पहली डील
जब दोनों ने हां कर दी तो उन्होंने दो ऑफर दिए. पहला ऑफर था 10 फीसदी के लिए 1 करोड़ रुपये और दूसरा ऑफर था 15 फीसदी के लिए 2 करोड़ रुपये. दीपिंदर ने कहा कि यहां बात पैसों की नहीं है, बल्कि प्राइड की है और कैटेगरी क्रिएशन के चैलेंज से लड़ने की है. हालांकि, फाउंडर्स ने पहले तो निवेश लेने से मना कर दिया, लेकिन जब तमाम शार्क ने समझाया कि ऐसा मौका नहीं मिलेगा तो वह राजी हो गए. इसके बाद आया असली ट्विस्ट, जब दीपिंदर ने कह दिया कि 10 फीसदी के लिए 1 करोड़ की डील अब वह नहीं करना चाहते. फिर तमाम शार्क ने दीपिंदर से कहा कि ऐसा ना करें, फाउंडर्स काफी नर्वस हैं, जिसके बाद 15 फीसदी के लिए 2 करोड़ वाली डील पर बात बन गई. इस तरह कंपनी की वैल्युएशन 13.33 करोड़ रुपये लगी.