Inception फिल्म की कहानी बनी हकीकत! इस Startup ने सपने में कराई दो लोगों की बात, नामुमकिन को ऐसे बनाया मुमकिन
सपने तो हर कोई देखता है, लेकिन क्या दो लोग मिलकर एक सपना (Dream) देख सकते हैं? जी हां, बिल्कुल.. अमेरिकन फिल्म मेकर क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म इंसेप्शन (Inception) की तरह. एक स्टार्टअप ने इस नामुमकिन काम को मुमकिन बना दिया है.
सपने तो हर कोई देखता है, लेकिन क्या दो लोग मिलकर एक सपना (Dream) देख सकते हैं? जी हां, बिल्कुल.. अमेरिकन फिल्म मेकर क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म इंसेप्शन (Inception) की तरह. यकीनन आप यही कहेंगे कि ये नामुमकिन है.. वो तो फिल्म थी, हकीकत में ऐसा नहीं हो सकता. लेकिन जब भी बात स्टार्टअप (Startup) की होती है तो अक्सर नामुमकिन भी मुमकिन होने लगता है. कैलिफोर्निया के एक स्टार्टअप ने भी कुछ ऐसा ही दावा किया है, जिस पर किसी को यकीन नहीं हो रहा है.
इस स्टार्टअप का नाम है REMspace, जिसका दावा सुनने वालों के कान खड़े हो गए हैं.इस स्टार्टअप का दावा है कि उसने दो लोगों के बीच उनके सपनों में बात करवाई है. यहां जिस सपने में कम्युनिकेशन की बात हो रही है, वह है ल्यूसिड ड्रीम (Lucid Dream). स्लीप रिसर्च की दुनिया में यह अदभुद एक्सपेरिमेंट एक नई शुरुआत जैसा हो सकता है. हालांकि, अभी इस रिसर्च को साइंटिफिक वैलिडेशन नहीं मिली है, उसके लिए फाउंडर्स ने अप्लाई किया हुआ है.
पहले समझिए क्या होता है ल्यूसिड ड्रीम?
ल्यूसिड ड्रीम वह अवस्था होती है, जिसमें दो लोग ये बात जानते हैं कि वह सपना देख रहे हैं. ऐसे में लोग अपने एक्शन को कंट्रोल कर सकते हैं. यह रैपिड आई मूवमेंट (REM) स्लीप के दौरान होता है. बता दें कि इसी अवस्था में अधिकतर लोगों को सपने आते हैं. सपनों को काबू में करने की बातें और कोशिशें तो सालों से चल रही थीं, लेकिन REMspace के एक्सपेरिमेंट ने इसे मुमकिन बनाने का काम किया है.
दो लोगों के बीच ऐसे किया गया एक्सपेरिमेंट
इस एक्सपेरिमेंट में दो लोगों को ल्यूसिड ड्रीम की अवस्था में रखा गया. इसके लिए स्टार्टअप द्वारा बनाए गए एक खास सेटअप का इस्तेमाल किया गया. वैसे तो कंपनी ने ये नहीं बताया है कि इस एक्सपेरिमेंट में किन इक्विपमेंट्स का इस्तेमाल किया गया है, लेकिन बताया जा रहा है कि इसमें दिमाग की तरंगों और अन्य बायोलॉजिकल डेटा का इस्तेमाल हुआ होगा. इसके लिए सेंसर और सर्वर का इस्तेमाल किया गया होगा, जिससे पता चल सके कि लोग ल्यूसिड ड्रीम में पहुंच चुके हैं.
जब एक शख्स ल्यूसिड ड्रीम की अवस्था में पहुंच गया तो सर्वर की तरफ से उसे ईयरबड्स के जरिए एक आसान सा मैसेज भेजा गया. रिसर्चर्स का दावा है कि उस मैसेज को एक स्पेशल तरीके से बनाई गई भाषा में रिकॉर्ड किया गया था. दावा है कि शख्स ने उस मैसेज को सपने में दोहराया, जिसे रिकॉर्ड कर के स्टोर कर लिया गया है. इसके बाद दूसरा शख्स एक ल्यूसिड ड्रीम की अवस्था में जाता है, जहां उसे पहले शख्स का रिकॉर्ड किया गया मैसेज मिलता है और उसने जागने पर इस मैसेज को दोहराया.
दिमाग में माइक्रोचिप लगाने की कोशिश भी कर चुके हैं फाउंडर
इस टेक्नोलॉजी को कंपनी के फाउंडर और सीईओ Michael Raduga ने डेवलप किया है. उन्हें इस तरह के अजीबोगरीब आइडिया के लिए ही जाना जाता है. उन्होंने अपने सपनों को कंट्रोल करने के मकसद से अपने दिमाग में एक माइक्रोचिप भी लगवाने की कोशिश की थी. Michael Raduga हमेशा से ही ल्यूसिड ड्रीमिंग को लेकर काफी उत्साहित रहे हैं. उन्होंने अपने ट्विटर पर कुछ दिन पहले ही बताया था कि सपने में दो लोगों की बात का एक्सपेरिमेंट वह दो बार सफलतापूर्वक कर चुके हैं. पहली बार 24 सितंबर 2024 और दूसरी बात 8 अक्टूबर 2024 को यह एक्सपेरिमेंट किया गया.
अगर माइकल का ये एक्सपेरिमेंट सफल रहता है तो यह एक नए दौर की शुरुआत कर सकता है. इसका इस्तेमाल करते हुए कई तरह के काम हो सकते हैं. मेडिकल हिस्ट्री में भी कई कामों के लिए इसका इस्तेमाल हो सकता है. देखना दिलचस्प होगा कि इस एक्सपेरिमेंट को साइंटिफिक वैलिडेशन कब तक मिलता है.