MP government's new start-up policy: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मध्य प्रदेश की नयी स्टार्टअप नीति की औपचारिक शुरुआत की. इस योजना का मकसद नए एंटरप्रेन्योर को प्रोत्साहित करना है. राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि इस नीति में स्टार्टअप उद्यमों के लिए ऑफिस के किराए, कर्मचारियों के वेतन और प्रोडक्ट्स के पेटेंट को लेकर अनुदान दिया जाएगा. वहीं सरकारी खरीद में आरक्षण समेत कई आकर्षक सुविधाओं और रियायतों का भी प्रावधान किया गया है. 

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आज देश में 70,000 मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप

पीएम मोदी ने इस मौके पर कुछ एंटरप्रेन्योर्स से उनके स्टार्टअप के बारे में जानने के लिए बातचीत भी की. वहीं  उन्हें सलाह दी कि कैसे वो लोगों को फायदा पहुंचा सकते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में, देश में 300 से 400 स्टार्ट-अप थे, लेकिन आठ साल बाद अब 70,000 मान्यता प्राप्त स्टार्टअप हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इंदौर में समारोह को संबोधित किया.

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पोर्टल का भी किया शुभारंभ 

प्रधानमंत्री ने राज्य की स्टार्टअप नीति के साथ ही एक ऑनलाइन पोर्टल का भी शुभारंभ किया, जिसके जरिए नये उद्यमों को स्टार्टअप नीति का फायदा पहुंचाया जाएगा. इस पोर्टल को केंद्र सरकार के संबंधित पोर्टल से जोड़ा गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चार नये एंटरप्रेन्योर को वित्तीय सहायता दी. उन्होंने बताया कि राज्य की अलग-अलग समस्याओं के समाधान के लिए ‘‘स्टार्टअप इनोवेशन चैलेंज’’ जल्द ही शुरू किया जाएगा और इसमें चयनित उद्यमों को एक करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा.

26 जनवरी से लेकर अब तक 700 करोड़ की फंडिंग

मुख्यमंत्री ने कहा कि नये उद्यमों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के चलते राज्य के स्टार्टअप को 26 जनवरी से लेकर अब तक कुल 700 करोड़ रुपये की फंडिंग मिल चुकी है. राज्य के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) विभाग के सचिव पी नरहरि ने कहा कि अगर कोई नया उद्यम किराये की जगह पर चल रहा है, तो उसे इस नीति के तहत राज्य सरकार हर माह 5,000 रुपये किराये के लिए देगी. उन्होंने बताया कि सलेक्टेड स्टार्टअप को अधिकतम 25 कर्मचारियों के लिए प्रति कर्मचारी 5,000 रुपये का मासिक वेतन भत्ता दिया जाएगा.

उन्होंने बताया कि स्टार्टअप उद्यमों को उनके कर्मचारियों की ट्रेनिंग के लिए भी अलग से भत्ता दिया जाएगा. पी नरहरि ने बताया कि फिलहाल राज्य में केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त 1,937 स्टार्टअप हैं, जिनमें से 45 प्रतिशत उद्यम महिलाएं चला रही हैं.