मोबाइल और इंटरनेट की दुनिया में भी लाखों करोड़ों लोग ऐसे हैं जिनकी सुबह की शुरुआत अखबार से ही होती है. लेकिन महीने में कितने दिन अखबार आया, अलग-अलग दिन अखबार के दाम क्या थे और हर महीने हॉकर का बिल कितना है, ये पता करना एक बड़ी समस्या है. ऐसे ही हॉकर के लिए भी घर-घर जाकर लोगों से बिल वसूलना बहुत समय लेने वाला और थकाऊ काम होता है. लेकिन अब इन परेशानियों को पेपरकिंग नाम का एक ऐप बहुत आसानी से दूर कर रहा है.

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न्यूजपेपर उद्योग को टेक्नालॉजी से जोड़ने के मकसद से शुरू हुए इस स्टार्टअप को लोगों का तगड़ा रिस्पांस मिला है. पेपरकिंग की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार अब तक इस ऐप से 1589 वेंडर जुड़ चुके हैं. इससे कुल 1.20 लाख बिल जनरेट हो चुके हैं, 1.05 ग्राहक इससे जुड़े हैं और हर महीने अभी कुल चार लाख रुपये का पेमेंट इसके जरिए हो रहा है.

वेंडर को पेपरकिंग ऐप में अपने सभी ग्राहकों का विवरण एड करना होता है. अखबार की दैनिक कीमत अपने आप अपडेट होती है. वेंडर को बस जिस दिन पेपर नहीं डाला है, उसकी डिटेल फीड करनी होती है और महीने के अंत में बिल जनरेट हो जाता है. ग्राहक मैसेज और ईमेल के जरिए  बिल अपने आप चला जाता है. उन्हें मैसेज के साथ ही बिल पेमेंट करने के लिए एक लिंक भी दिजा जाता है, जहां वो भुगतान कर सकते हैं. इस तरह दरवाजे दरवाजे जाने की झंझट खत्म.

पेपरकिंग अंग्रेजी, हिंदी और मराठी भाषाओं में उपलब्ध है और फिलहाल कंपनी का फोकस मुंबई के बाज़ार पर है. पेपरकिंग से जुड़े अधिकतर वेंडर्स ठाणे, नवी मुंबई और अंधेरी के हैं. इस स्टार्टअप की शुरुआत नीरज तिवारी, रितेश रघुवंशी और देव पांडेय ने मिलकर की है.