स्टार्टअप (Startup) की दुनिया में पिछले कई महीनों से काफी उथल-पुथल देखने को मिल रही है. स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग विंटर (Funding Winter) के चलते बहुत सारे लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है. फंडिंग विंटर का मतलब है कि स्टार्टअप्स को फंडिंग जुटाने में बहुत अधिक दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. फंडिंग ना मिल पाने की वजह से तमाम स्टार्टअप्स का नुकसान आए दिन बढ़ता ही जा रहा है. नुकसान से बचने के लिए या यूं कहें कि नुकसान को कम करने के लिए बहुत सारे स्टार्टअप ने छंटनी (Layoffs in Startups) शुरू कर दी है. ताजा मामला हेल्थ टेक स्टार्टअप मोजोकेयर (Health Tech Startup Mojocare) का है, जिसके 80 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी होने की खबर सामने आ रही है.

करीब 200 कर्मचारियों को निकाला

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दुनिया भर के स्टार्टअप में छंटनी की खबर देने वाले स्टार्टअप layoffs.fyi से मिले आंकड़ों के अनुसार Mojocare ने अपने करीब 80 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. इसके तहत करीब 170-180 तक कर्मचारियों की छंटनी की खबर है. कई जगह तो ये भी खबर है कि कंपनी ने करीब 200 कर्मचारियों को नौकरी से निकला दिया है. खबर तो यहां तक है कि कंपनी ने बिना पहले से कोई सूचना दिए ही इन कर्मचारियों की ईमेल और स्लैक आईडी को डिसएबल कर दिया था. हालांकि, अभी तक कंपनी की तरफ से इस पर कोई भी बयान जारी नहीं किया गया है. 

फंडिंग मिलने के साल भर के अंदर हुई छंटनी

इस छंटनी में सबसे दिलचस्प बात ये है कि इस स्टार्टअप ने करीब 9 महीने पहले ही 20.6 मिलियन डॉलर यानी करीब 169 करोड़ रुपये की फंडिंग हासिल की थी. फंडिंग हासिल करने के करीब साल भर में ही बेंगलुरु की इस कंपनी ने बड़ी संख्या में लोगों की छंटनी की है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कंपनी के प्रवक्ता ने कहा है कि तमाम कोशिशों के बाद हमारा बिजनेस पिछले कुछ महीनों में अच्छा नहीं चल रहा था, इसलिए कंपनी को ये फैसला लेना पड़ा.

साल भर पहले मिली थी 20.6 मिलियन डॉलर की फंडिंग

पिछले साल अगस्त-सितंबर के दौरान में मोजोकेयर ने सीरीज ए फंडिंग राउंड में करीब 20.6 मिलियन ड़ॉलर जुटाए थे. इस राउंड का नेतृत्व किया था B Capital, Chiratae Ventures, Sequoia India’s Surge और Better Capital ने. इस राउंड में कंपनी को टाइम्स ग्रुप के एमडी विनीत जैन, क्रेड के फाउंडर कुनाल शाह,  Curefoods के फाउंडर अंकित नागोरी, Forward के फाउंडर और सीईओ Adrian Auon, Telenor Health के फाउंडर और सीईओ साजिद रहमान, Brightchamps के फाउंडर और सीईओ रवि भूषण और Bounce के फाउंडर और सीईओ विवेकानंद एचआर से भी फंडिंग मिली थी.

क्या कहा है कंपनी ने?

छंटनी की खबर पर कंपनी ने 17 जून को बयान देते हुए कहा- 'बाजार की खराब हालत को देखते हुए हमें Mojocare में अपनी यूनिट इकनॉमिक्स में सुधार के लिए कुछ कठिन फैसले लेने पड़े हैं. हमारी तमाम कोशिशों के बावजूद पिछले कुछ महीनों में हमारे बिजनेस के बुनियादी सिद्धांत काम नहीं कर पाए हैं. ऐसे में कैपिटल एफिशिंट बनने के लिए हमने लागत में कटौती का फैसला किया है. कंपनी को मुनाफा देने वाले और स्थिर बनाने के लिए हमने एक छोटी लेकिन मजबूत टीम के रूप में काम करने का फैसला किया है. यह इसलिए किया गया है, जिससे हमें ये पता चल सके कि आगे बढ़ना है तो कंपनी के लिए क्या सही रहेगा.'

एक अन्य बयान में 18 जून को कंपनी ने कहा- 'Mojocare में हम निवेशकों के साथ मिलकर इस पर काम कर रहे हैं कि आगे क्या करना चाहिए. हम कंपनी से पैसे निकालने के सभी आरोपों का स्पष्ट रूप से खंडन करते हैं. अपने निवेशकों के साथ हम सक्रिय रूप से यह पता लगा रहे हैं कि बिजनेस के लिए सबसे अच्छा क्या है.'