अमेरिका की असेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) Fidelity Investments ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Meesho का वैल्युएशन बढ़ाया है. साथ ही फिनटेक कंपनी Pine Labs के वैल्युएशन में भी बढ़ोतरी की गई है. यह जानकारी कंपनी की तरफ से अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) में फाइलिंग से पता चली है. फाइलिंग के अनुसार Fidelity ने Meesho में अपने निवेश की वैल्यू जुलाई 2023 तक 43.24 मिलियन डॉलर निकाली है. यह महीने दर महीने के आधार पर करीब 5.41 फीसदी अधिक है. 

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पिछले महीने यानी जून में मीशो में कंपनी के स्टेक की वैल्यू 41.02 मिलियन डॉलर आंकी गई थी. इससे मीशो का वैल्युएशन करीब 5 अरब डॉलर हो गया है, जो सितंबर 2021 में 4.9 अरब डॉलर था. उस वक्त कंपनी ने Fidelity और B Capital Group के नेतृत्व में हुए एक फंडिंग राउंड से 4.9 अरब डॉलर के वैल्युएशन पर 570 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई थी. बता दें कि अप्रैल 2023 में Fidelity ने मीशो का वैल्युएशन घटा दिया था.

Pine Labs का वैल्युएशन भी बढ़ा

SEC फाइलिंग से ये भी साफ हुआ है कि Fidelity ने एक दूसरे स्टार्टअप Pine Labs का वैल्युएशन भी बढ़ाया है. Pine Labs में Fidelity के स्टेक की वैल्यू महीने दर महीने के हिसाब से लगभग 4.6 फीसदी बढ़कर 34.77 मिलियन डॉलर हो गई है. यह वैल्यू 31 जुलाई 2023 के हिसाब से है. इस तरह Fidelity ने Pine Labs का वैल्युएशन भी बढ़ा दिया है. बता दें कि इसी साल जून में Fidelity ने कंपनी का वैल्यूएशन घटाते हुए  4.5 अरब डॉलर कर दिया था. वहीं मैसेजिंग प्लेटफॉर्म Gupshup के वैल्युएशन में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

हाल ही में मीशो हुई है प्रॉफिटेबल

सॉफ्टबैंक के निवेश वाले ई-कॉमर्स स्टार्टअप Meesho के भी जून तिमाही के नतीजे जारी हो गए हैं. नतीजों में अब मीशो भी मुनाफे में पहुंच गई है. मीशो पहली बार मुनाफे में पहुंची है. मीशो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रायटर्स को दिए इंटरव्यू में कहा है कि अगले 12-18 महीनों में कंपनी अपना आईपीआई (IPO) लाने की प्लानिंग कर रही है. बता दें कि मीशो ने भारत के ई-कॉमर्स मार्केट में अमेजन और वॉलमार्ट को तगड़ी टक्कर दी हुई है. मीशो कपड़े और कॉस्मेटिक्स जैसे बिना ब्रांड वाले प्रोडक्ट्स के जरिए भारत के छोटे कस्बों और शहरों को टारगेट करती है. PitchBook के आंकड़ों से पता चलता है कि आखिरी बार कंपनी की वैल्युएशन करीब 7 अरब डॉलर यानी लगभग 58 हजार करोड़ रुपये आंकी गई थी. 

8 साल से नुकसान ही झेल रही थी कंपनी

मीशो की शुरुआत साल 2015 में हुई थी, जिसमें जापान के सॉफ्टबैंक ने भी निवेश किया हुआ है. इसकी शुरुआत आईआईटी से पढ़ाई करने वाले विदित अत्रे और संजीव बरनवाल ने की थी. कंपनी ने पिछले 12 माह में एक अरब से ज्यादा ऑर्डर सर्व किए हैं. यह कंपनी जब से शुरू हुई है, तभी से यह नुकसान झेल रही है. यानी पिछले करीब 8 सालों में कभी भी कंपनी ने मुनाफा नहीं कमाया. यह पहली बार है कि कंपनी मुनाफे में आई है, इसीलिए अब कंपनी जल्द ही अपना आईपीओ भी लाना चाहती है, ताकि इस उपलब्धि को भुनाया जा सके.

मीशो को कितना मुनाफा हुआ है, इसकी जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है. मीशो अभी तक लिस्टेड कंपनी नहीं है, जिसकी वजह से उस पर अपने फाइनेंशियल रिजल्ट सार्विजनिक करने की बाध्यता नहीं है. हालांकि, कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर धीरेश बंसल ने रॉयटर्स को बताया है कि जनवरी से जून के बीच यानी इस साल की पहली छमाही में कंपनी का रेवेन्यू 40 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है. इस साल के अंत तक कंपनी 80 करोड़ डॉलर से भी अधिक का रेवेन्यू कमा सकती है.

12-18 महीने में आ सकता है आईपीओ

धीरेश बंसल ने बताया है कि अगले 12-18 महीने में कंपनी अपना आईपीओ ला सकती है. वह बोले- 'हमें लगता है कि ग्रोथ, स्केल और प्रॉफिटेबिलिटी की संभावनाएं मौजूद हैं, लेकिन हम एक पर्याप्त ट्रैक रिकॉर्ड कायम करना चाहते हैं, जिस पर मार्केट के निवेशक गौर करें.'

मीशो एक ऐसे समय में मुनाफे में पहुंची है, जब पूरे स्टार्टअप ईकोसिस्टम को फंडिंग जुटाने में दिक्कत हो रही है. इसकी वजह से बहुत सारे स्टार्टअप में छंटनी भी की जा रही है. मीशो ने भी मई के महीने में ही 15 फीसदी यानी करीब 250 लोगों को नौकरी से निकाला था.