क्या होते हैं Bootstrapped Startups? जानिए Business करने के लिए इन्हें कहां से और कैसे मिलता है पैसा
अगर आपने शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) देखा होगा, तो उसमें आपने कई बार सुना होगा कि कुछ स्टार्टअप फाउंडर खुद को बूटस्ट्रैप्ड बोलते थे. अब सवाल ये उठता है कि आखिर बूटस्ट्रैप्ड का मतलब क्या होता है. आइए जानते हैं.
आज के वक्त में स्टार्टअप (Startup) कल्चर तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में लोगों को नए-नए स्टार्टअप टर्म सुनने को मिलते हैं. ऐसा ही एक स्टार्टअप टर्म है बूटस्ट्रैप्ड स्टार्टअप (Bootstrapped Startups). अगर आपने शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) देखा होगा, तो उसमें आपने कई बार सुना होगा कि कुछ स्टार्टअप फाउंडर खुद को बूटस्ट्रैप्ड बोलते थे. अब सवाल ये उठता है कि आखिर बूटस्ट्रैप्ड का मतलब क्या होता है और इस तरह के स्टार्टअप को पैसा कहां से (How Bootstrapped Startups Arrange Fund) मिलता है. आइए जानते हैं.
पहले जानिए क्या होता है बूटस्ट्रैप्ड स्टार्टअप
आसान भाषा में समझें तो उस स्टार्टअप को बूटस्ट्रैप्ड स्टार्टअप कहा जाता है, जिसने बिजनेस के लिए किसी भी निवेशक से पैसे नहीं लिए होते हैं. यानी उस बिजनेस में सारा पैसा फाउंडर का ही लगा होता है. ये पैसे उसके अपने बचत के पैसे हो सकते हैं या किसी दोस्त-रिश्तेदार से उधार लिए हुए हो सकते हैं या फिर किसी बैंक से लोन लिए हुए हो सकते हैं. इस तरह के बिजनेस में सारी इक्विटी फाउंडर्स के पास होती है.
बूटस्ट्रैप्ड स्टार्टअप का क्या है फायदा?
- किसी स्टार्टअप के बूटस्ट्रैप्ड होने के कई फायदे होते हैं. सबसे बड़ा फायदा तो यही होता है बिजनेस की सारी इक्विटी फाउंडर्स के पास होती है तो मुनाफे में से किसी दूसरे को हिस्सा देने की जरूरत नहीं होती है.
- कोई बाहर का निवेशक ना होने की वजह से फाउंडर के हाथ में बिजनेस का सारा कंट्रोल होता है.
- निवेशक आ जाने के बाद कई बार मुनाफा कमाने के चक्कर में बिजनेस का विजन बदल जाया करता है, लेकिन बूटस्ट्रैप्ड में ये फायदा होता है और फाउंडर्स अपने विजन को ध्यान में रखते हुए बिजनेस कर सकते हैं.
बूटस्टैप्ड स्टार्टअप कैसे करते हैं पैसों का इंतजाम?
जो भी स्टार्टअप बूटस्ट्रैप्ड होते हैं, वह पैसों के लिए कई तरह के सोर्स का इस्तेमाल करते हैं. आइए एक-एक कर के सबके बारे में जानते हैं.
खुद की बचत के पैसे
अधिकतर स्टार्टअप अपनी बचत के पैसों का इस्तेमाल कर के स्टार्टअप की शुरुआत करते हैं. कुछ फाउंडर्स रईस घरों के होते हैं तो उनके पास बिजनेस शुरू करने के लिए कुछ पैसे होते हैं या यूं कहें कि वह पैसे उन्हें घर में ही किसी से मिल जाते हैं. वहीं कई ऐसे भी फाउंडर होते हैं जो पहले कुछ साल नौकरी करते हैं और पैसे जुटाते हैं, उसके बाद फिर अपना स्टार्टअप शुरू करते हैं.
दोस्त-रिश्तेदार से उधार
अधिकतर फाउंडर बिजनेस की शुरुआत तो अपने पैसों से करते हैं, लेकिन बाद में जब उन्हें पैसों की जरूरत पड़ती है तो वह दोस्तों-रिस्तेदारों से पैसे उधार मांग लेते हैं. कुछ फाउंडर्स तो बिजनेस की शुरुआत ही उधार लेकर करते हैं, लेकिन ऐसे हालात में बहुत ही कम पैसे मिल पाते हैं, क्योंकि रिस्क बहुत ज्यादा होता है.
बैंक से लोन
अधिकतर बूटस्ट्रैप्ड स्टार्टअप बिजनेस की शुरुआत अपने पैसे लगाकर करते हैं और फिर जब उन्हें पैसों की जरूरत पड़ती है तो वह बैंक से लोन ले लेते हैं. हालांकि, इसके लिए आपको बैंक को इस बात के लिए मनाना पड़ता है कि आपका बिजनेस अच्छा चल रहा है या उसमें बहुत कुछ बेहतर करने की क्षमता है.
साइड प्रोजेक्ट से कमाई
कई ऐसे भी स्टार्टअप होते हैं जो अपने मुख्य विजन को हासिल करने के लिए एक साइड प्रोजेक्ट भी चलाते हैं, जिससे उन्हें कमाई होती रहे और स्टार्टअप को पैसों की दिक्कत का सामना ना करना पड़े. यह साइड प्रोजेक्ट कई लोगों के लिए उनकी नौकरी होती है, कई लोगों के लिए कोई साइड बिजनेस होता है तो कई लोग कंसल्टिंग सर्विस या पार्ट टाइम जॉब कर के अपने स्टार्टअप के लिए पैसे कमाते हैं.
क्राउडफंडिंग और कम्युनिटी सपोर्ट
आप अपने इनोवेटिव आइडिया को दिखाकर क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म्स से पैसे भी जुटा सकते हैं. बूटस्ट्रैप्ड स्टार्टअप्स के लिए यह बहुत ही लोकप्रिय तरीका है. इसके जरिए वह काफी सारा पैसा जुटाते हैं और अपने बिजनेस को आगे बढ़ाते हैं. अगर आपका स्टार्टअप आइडिया ऐसा, जो बहुत सारे लोगों का भला कर रहा है, तब तो आपको क्राउडफंडिंग से बड़ी आसानी से ढेर सारा पैसा मिल सकता है.