ईवी बैटरी रीसाइक्लिंग में भारतीय और यूरोपीय संघ के स्टार्टअप व्यावसायिक सहयोग को दे रहे बढ़ावा
इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बैटरियों का रिसायकल एक भू-राजनीतिक और जलवायु संबंधी अनिवार्यता है. सरकार के अनुसार, इस क्षेत्र में भारतीय और यूरोपीय स्टार्टअप नवाचार और व्यावसायिक सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं.
इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बैटरियों का रिसायकल एक भू-राजनीतिक और जलवायु संबंधी अनिवार्यता है. सरकार के अनुसार, इस क्षेत्र में भारतीय और यूरोपीय स्टार्टअप नवाचार और व्यावसायिक सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं. सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय ने यूरोपीय संघ के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की. इस मुलाकात के साथ नवाचार, स्थिरता और अर्थव्यवस्था में परिवर्तन के लिए भारत और यूरोपीय संघ की साझा प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया.
इसमें यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के बैटरी रीसाइक्लिंग प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में स्टार्टअप के प्रतिनिधि, भारत में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के अधिकारी और चुनिंदा भारतीय स्टार्टअप के सदस्य शामिल थे. सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद ने कहा कि यह सहयोग "प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, बाजार पहुंच और सह-विकास के लिए नए अवसर पैदा करता है. यह आर्थिक लचीलापन और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है."
यह बैठक राष्ट्रीय राजधानी में भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) कार्य समूह 2 (डब्ल्यूजी 2) के तहत आयोजित की गई थी. भारत में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल की उप प्रमुख डॉ. इवा सुवारा ने व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद के समर्थन के माध्यम से कहा "हम यूरोपीय संघ और भारतीय स्टार्टअप को एकजुट होने, नवाचार में अग्रणी होने, व्यापार सहयोग को बढ़ावा देने और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को बाजार में लाने में सहायता करने में सक्षम हैं."
इस बैठक में ईवी बैटरी रीसाइक्लिंग प्रौद्योगिकियों के महत्वपूर्ण क्षेत्र में भारतीय और यूरोपीय स्टार्टअप के बीच सहयोग को बढ़ावा देने में हुई प्रगति पर ध्यान केंद्रित किया गया. भारत से भाग लेने वाले स्टार्टअप में बैटएक्स एनर्जीज, एवरग्रीन लिथियम रीसाइक्लिंग, एलडब्ल्यू3 प्राइवेट लिमिटेड और लोहुम शामिल थे, जबकि यूरोपीय संघ के स्टार्टअप में इकोमेट रिफाइनिंग और एनेरिस शामिल थे.
भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी की घोषणा यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल 2022 में की थी. इसे फरवरी 2023 में स्थापित किया गया था. यह तंत्र दोनों पक्षों को व्यापार, विश्वसनीय प्रौद्योगिकी और सुरक्षा के क्षेत्र में चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाता है.