पिछले करीब डेढ़ साल से स्टार्टअप ईकोसिस्टम (Startup Ecosystem) में फंडिंग विंटर (Funding Winter) का दौर चल रहा है. इसी बीच एक फिनटेक स्टार्टअप InCred Financial Services Ltd की होल्डिंग कंपनी InCred Holdings Limited ने 60 मिलियन डॉलर यानी करीब 500 करोड़ रुपये की कमिटमेंट हासिल की है. कंपनी यह फंडिंग सीरीज डी राउंड के तहत जुटा रही है. इस तरह देखा जाए तो यह साल 2023 का दूसरा ऐसा स्टार्टअप है, जो यूनिकॉर्न क्लब (Unicorn Club) में शामिल हुआ है. बता दें कि कुछ समय पहले जेप्टो यूनिकॉर्न क्लब में एंट्री मारने वाला इस साल का पहला स्टार्टअप (Startup) बना था. 

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InCred को डी राउंड की फंडिंग के लिए कई निवेशकों से कमिटमेंट मिले हैं, जिनमें ग्लोबल प्राइवेट इक्विटी फंड, कॉरपोरेट ट्रेजरी, फैमिली ऑफिस और UHNI शामिल हैं. इन लोगों के निवेश के चलते ही कंपनी यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुई है. बता दें कि किसी भी स्टार्टअप को यूनिकॉर्न तब कहा जाता है, जब उसका वैल्युएशन 1 अरब डॉलर से अधिक हो जाता है. ताजा राउंड से मिली फंडिंग का इस्तेमाल कंपनी अपने तमाम बिजनेस वर्टिकल्स जैसे कंज्यूमर लोन, स्टूडेंट लोन और MSME लेंडिंग को बढ़ाने पर जोर देगी. 

क्या बोले कंपनी के फाउंडर?

InCred के सीईओ और फाउंडर भूपिंदर सिंह ने कहा- 'इस फंडिंग कमिटमेंट से हमारी स्टार्टअप जर्नी एक बड़े मुकाम पर पहुंच गई है और साथ ही इसने हमें एक यूनिकॉर्न बना दिया है. हमारे बिजनेस में आने वाले सालों में शानदार ग्रोथ देखने को मिलेगी. हम चाहते हैं कि हर InCred भारतीय परिवार का एक अहम हिस्सा बने, क्योंकि आने वाले सालों में भारत की अर्थव्यवस्था में तगड़ी ग्रोथ देखने को मिल रही है.' InCred Finance का दावा है कि उसने पिछले 6 सालों में करीब 7500 करोड़ रुपये की लोन बुक बना ली है. पिछले 3 सालों में कंपनी का बिजनेस औसतन 50 फीसदी की सालाना दर से बढ़ रहा है. 

जेप्टा बना था इस साल का पहला यूनिकॉर्न

अगस्त महीने के आखिरी हफ्ते में Zepto इस साल यानी 2023 का पहला यूनिकॉर्न स्टार्टअप (Unicorn Startup) बना था. इस क्विक-कॉमर्स स्टार्टअप ने 1.4 अरब डॉलर की वैल्युएशन (Valuation) पर 200 मिलियन डॉलर की फंडिंग (Funding) जुटाई थी. इस तरह अब कंपनी की वैल्युएशन 1 अरब डॉलर से ज्यादा हो गई, जिसके चलते भारत में 11 महीनों से यूनिकॉर्न का जो सूखा पड़ा था, वह खत्म हो गया. फंडिंग विंटर (Funding Winter) के इस दौर में करीब साल भर बाद कोई स्टार्टअप यूनिकॉर्न बना था.

जेप्टो ने Series E राउंड की फंडिंग जुटाई थी, जिसका नेतृत्व अमेरिका के एक असेट मैनेजमेंट फर्म StepStone Group ने किया था. इस राउंड में Goodwater Capital ने भी हिस्सा लिया था. स्टार्टअप के कुछ पुराने निवेशकों ने भी इसमें पैसे लगाए. मई 2022 में जेप्टो का वैल्युएशन करीब 900 मिलियन डॉलर था. जेप्टो से पहले सितंबर 2022 में Molbio Diagnostics ने यूनिकॉर्न क्लब में एंट्री मारी थी.

2021 में लगभग हर हफ्ते बनते थे यूनिकॉर्न

साल 2021 स्टार्टअप्स की फंडिंग के लिए सबसे अच्छा साल था. इस दौरान देश में लगभग हर हफ्ते एक स्टार्टअप यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो रहा था. सिर्फ 2021 में ही करीब 44 स्टार्टअप यूनिकॉर्न बने. वहीं पिछले साल यानी 2022 में करीब 23 यूनिकॉर्न बने. उसके बाद से निवेशकों ने फंडिंग बहुत कम कर दी और इस फंडिंग विंटर के दौर में 11 महीने से कोई यूनिकॉर्न नहीं बना था. 

जेप्टो में कंपनी ने किया है कितना निवेश?

जेप्टो ने जो 200 मिलियन डॉलर की फंडिंग उठाई है, उसमें से 75 मिलियन डॉलर StepStone Group से आए, जबकि 30 मिलियन डॉलर Goodwater Capital से आए. बता दें कि ये दोनों ही जेप्टो में नए निवेशक हैं. यह निवेश StepStone का भारत में पहला निवेश भी है. वहीं Goodwater Capital ने इससे पहले ऑडियो स्ट्रीमिंग स्टार्टअप पॉकेट एफएम में भी पैसे लगाए हुए हैं. इसके अलावा Goodwater Capital ने Teachmint और Yellowclass जैसे एडटेक स्टार्टअप्स में भी पैसे लगाए हुए हैं. बाकी के 95 मिलियन डॉलर जेप्टो को मौजूदा निवेशकों से हासिल हुए हैं. इनमें Nexus Venture Partners, Glade Brook Capital और Lachy Groom जैसे निवेशक शामिल हैं.