IIT कानपुर ने शुरू किया UDAAN कार्यक्रम, Drone Startups को होगा फायदा, जानिए डीटेल्स
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर में स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (SIIC) ने शनिवार को भारत में ड्रोन स्टार्टअप (Drone Startup) को बढ़ावा देने के लिए UAV/UAS/ड्रोन एक्सेलेरेशन एंड नेटवर्किंग (UDAAN) कार्यक्रम शुरू किया.
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर में स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (SIIC) ने शनिवार को भारत में ड्रोन स्टार्टअप (Drone Startup) को बढ़ावा देने के लिए UAV/UAS/ड्रोन एक्सेलेरेशन एंड नेटवर्किंग (UDAAN) कार्यक्रम शुरू किया. यह लॉन्च SIIC और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के बीच पार्टनरशिप का एक हिस्सा है. SIIC आईआईटी कानपुर में मानव रहित हवाई वाहनों की कैपेसिटी बिल्डिंग, ट्रेनिंग और डिजाइन के लिए एक्सिलेंस सेंटर (ड्रोन CoE कानपुर) बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की एक पहल है.
यह कार्यक्रम भारत में ड्रोन स्टार्टअप को अपने व्यवसायों को तेज़ी से बढ़ाने के लिए जरूरी रिसोर्स और विशेषज्ञता देगा. UDAAN कार्यक्रम के तहत तेजी से उन्हें स्केल करने के लिए हर साल 20 स्टार्टअप्स को चुना जाएगा. इन स्टार्टअप्स को SIIC, IIT कानपुर में इनक्यूबेट किया जाएगा, जहां उन्हें अत्याधुनिक रिसर्च और डेवलपमेंट की सुविधाएं, तकनीकी सलाह, फंडिंग के मौके और इंडस्ट्री से जुड़े संबंधों तक पहुंच मिलेगी.
आईआईटी कानपुर के एसआईआईसी में प्रभारी प्रोफेसर अंकुश शर्मा ने कहा कि उड़ान कार्यक्रम स्टार्टअप को 'विश्व स्तरीय संसाधनों और मार्गदर्शन तक पहुंच' प्रदान करेगा और 'भारत में यूएवी उद्योग के विकास को बढ़ावा देने' में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि यह 'तकनीकी प्रगति में भी योगदान देगा, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में क्रांति लाने की क्षमता है'.
चुने गए स्टार्टअप्स में हर ग्रुप में टॉप-6 स्टार्टअप्स को हर साल 3 लाख रुपये की फेलोशिप सहायता मिलेगी, जो उनके निरंतर इनोवेशन और डेवलपमेंट के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करेगी. उड़ान कार्यक्रम में भाग लेने के इच्छुक स्टार्टअप को DPIIT के साथ निजी लिमिटेड कंपनियों के रूप में रजिस्टर होना जरूरी है. साथ ही उन्हें यूएवी/ड्रोन क्षेत्र में काम करने वाला होना चाहिए और उत्पाद विकास, परीक्षण, डिज़ाइन सत्यापन या तकनीकी परामर्श पर ध्यान केंद्रित करने वाला होना चाहिए. इसके अलावा, उनका सालाना टर्नओवर 3 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए. यह आवेदन 20 जून तक खुले हैं.