अगर आपने शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) देखा है तो उसमें हर एपिसोड में पीयूष बंसल को फाउंडर्स से ये पूछते देखा होगा- आपका विजन (Vision) क्या है? सिर्फ पीयूष बंसल ही नहीं, बाकी सभी निवेशक भी स्टार्टअप (Startup) में पैसे लगाने से पहले उसका विजन जानना चाहते हैं. हर स्टार्टअप के लिए विजन लिखना जरूरी होता है. इससे निवेशकों को स्टार्टअप फाउंडर की दूरदर्शिता का पता चलता है.

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किसी भी स्टार्टअप को एक मकसद से साथ शुरू किया जाता है. यह मकसद ही उस स्टार्टअप का विजन या मिशन होता है. यह दरअसल, कंपनी के उद्देश्य और ब्रांड को दिखाता है. कंपनी का विजन और मिशन लिखते में हर फाउंडर को कुछ वक्त देना जरूरी होता है. यह आपके बिजनेस में कुछ अतिरिक्त वैल्यू जोड़ने का काम करते हैं. आइए जानते हैं कैसे लिखा जाता है विजन और क्या होते हैं इसके स्टेप्स.

ये सोचें कि कंपनी क्यों बनी, क्या करना है?

जब भी आप अपने स्टार्टअप का विजन और मिशन लिखते हैं तो सबसे पहले आपको ये सोचना चाहिए कि आपकी कंपनी बनी क्यों है. ये भी सोचना चाहिए कि आपकी कंपनी क्या करती है और यह भी ध्यान रखना होगा कि आप अपने स्टार्टअप से ग्राहकों पर क्या इंप्रेशन डालना चाहते हैं. किसी भी स्टार्टअप का विजन और मिशन शुरुआती दौर में निवेशकों को अपनी ओर खींचने में यानी फंडिंग हासिल करने में बहुत मददगार साबित होते हैं.

एक अच्छे से लिखा गया विजन ना सिर्फ आपके स्टार्टअप का मकसद बताता है, बल्कि यह भी बताता है कि वह किस दिशा में जाएगा. साथ ही यह आपकी टीम को प्रोत्साहित करने और एक कॉमन गोल यानी मकसद को लेकर काम करने में भी मदद करता है. 

स्टार्टअप के मकसद और वैल्यू को समझें

विजन लिखने के लिए आपको सबसे पहले ये समझना होगा कि आपके स्टार्टअप को आगे ले जाने का मकसद क्या है और किस वैल्यू की वजह से आप उसके लिए काम कर रहे हैं. उन समस्याओं के बारे में सोचें, जिन्हें आप सॉल्व करने की कोशिश कर रहे हैं. यह भी देखें कि आप अपने ग्राहकों को क्या वैल्यू डिलीवर कर रहे हैं. साथ ही यह भी देखें कि आपके स्टार्टअप का समाज और इंडस्ट्री पर कैसा सकारात्मक असर पड़ेगा.

भविष्य की कल्पना करें

किसी भी स्टार्टअप के विजन से उसके भविष्य की एक तस्वीर बनती है. कल्पना करें कि आप आने वाले 5-10 या 20 सालों में अपनी कंपनी को कहां देखते हैं या कितना बड़ा देखते हैं. सोचिए कि आपका स्टार्टअप समाज, ग्राहकों और दुनिया पर क्या सकारात्मक असर डाल रहा है. उस बदलाव की भी कल्पना करिए जो आपके स्टार्टअप से आ सकता है. 

विजन को छोटा रखें, जिसे याद रखना आसान हो

विजन ऐसा होना चाहिए जो छोटा और आसान हो. साथ ही वह ऐसा हो, जिसे आसानी से याद भी रखा जा सके. विजन लिखते वक्त शब्द भी ज्यादा भारी नहीं इस्तेमाल करने चाहिए, ताकि उसे समझना हर किसी के लिए आसान हो सके.