आज के दौर में स्टार्टअप (Startup) कल्चर तेजी से फैल रहा है. सरकार भी स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने की तमाम कोशिशें कर रही है. पीएम मोदी ने 2016 में स्टार्टअप इंडिया (Startup India) की शुरुआत ही स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने के लिए की थी. दरअसल, स्टार्टअप कल्चर की वजह से इनोवेशन (Inovation) को खूब बढ़ावा मिला है. नए-नए स्टार्टअप बेहद यूनीक और इनोवेटिव आइडिया के साथ आ रहे हैं. इन स्टार्टअप्स की वजह से सिर्फ उन लोगों का ही फायदा नहीं हो रहा है, जो स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं, बल्कि पूरी युवा पीढ़ी को बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है. आइए जानते हैं कैसे तमाम स्टार्टअप्स युवा पीढ़ी को बना रहे हैं हुनरमंद और सिखा रहे हैं तरह-तरह की स्किल्स.

E-Learning Platform सबसे खास

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एक वक्त था जब ऑनलाइन एजुकेशन के बारे में बात करने वालों पर लोग हंसते थे. आज के वक्त में बहुत सारे ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म शुरू हो गए हैं, जो तरह-तरह की स्किल सिखाते हैं. यह सिर्फ आम चीजें नहीं सिखाते, बल्कि कोडिंग से लेकर डिजाइनिंग तक अब ऑनलाइन सीखी जा सकती है. जब कभी कुछ पढ़ने या सीखने की बात आती थी तो सामने एक तस्वीर उभरती थी कि एक अध्यापक होगा और कुछ विद्यार्थी होंगे. हालांकि, आज के वक्त में इंटरनेट की मदद से इंटरेक्टिव लर्निंग कराई जा रही है. इसके लिए 2डी, 3डी और यहां तक कि एआर-वीआर का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि किसी भी कॉन्सेप्ट को आसानी से समझाया जा सके. इससे युवा पीढ़ी चीजों के बेहतर और आसान तरीके से समझ पा रही है.

नौकरी के हिसाब से ट्रेनिंग

कॉलेज में जब कोई प्रोफेशनल पढ़ाई कराई जाती है तो बहुत सारे युवा उसे ये सोचकर करते हैं कि यहां से निकलते ही उन्हें नौकरी मिल जाएगी. हालांकि, कंपनियों में जो काम होता है, वह कॉलेज-यूनिवर्सिटी की पढ़ाई से काफी अलग होता है. इस गैप को बहुत सारे स्टार्टअप ने देखा और बिजनेस का मौका देखा. ऐसे कई स्टार्टअप शुरू हो गए हैं जिन्होंने कॉलेज की पढ़ाई के बाद स्टूडेंट्स को तमाम कंपनियों में नौकरी के हिसाब से ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया है. आसान भाषा में कहें तो यह स्टार्टअप स्टूडेंट्स को नौकरी की ट्रेनिंग देते हैं. इससे कंपनियों को काम करने के लिए तैयार वर्कफोर्स मिलती है, जिससे ऐसे लोगों को आसानी से नौकरी मिल जाती है. यह स्टार्टअप ट्रेनिंग, वर्कशॉप, इंटर्नशिप और नौकरी दिलाने जैसे काम करते हैं. 

Incubators और Accelerators

यह ऐसी संस्थाएं होती हैं, जो नए-नए आंत्रप्रेन्योर्स को स्टार्टअप शुरू करने और उसे आगे बढ़ाने में मदद करती हैं. इनका मकसद होता है कि आंत्रप्रेन्योर्स को मेंटरशिप और नेटवर्किंग का मौका मुहैया कराया जाए. इतना ही नहीं, ये संस्थाएं बहुत सारे स्टार्टअप के शुरू होने और उनके बिजनेस को बढ़ाने में मदद करती हैं. इनसे वह युवा स्किल्ड हो रहे हैं, जो कोई स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं या शुरू कर चुके हैं.

Hackathon और Competition

बहुत सारे स्टार्टअप Hackathon और Competition का आयोजन करते हैं. इनके जरिए ऐसे प्रतिभाशाली युवा सामने आते हैं, जिनमें इनोवेशन और इमेजिनेशन की भरमार होती है. इससे एक तो स्किल्ड लोगों को आगे आने के मौके मिलते हैं, वहीं बहुत सारे युवा ऐसी स्किल्स सीखने के लिए प्रोत्साहित होते हैं. 

पिछड़े इलाके के युवाओं को फायदा

तमाम ऐसे भी स्टार्टअप होते हैं जो पिछड़े इलाकों के युवाओं के लिए कुछ खास करते हैं. अगर ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म का ही उदाहरण ले लें तो यह प्लेटफॉर्म दूर-दराज के इलाकों में भी एजुकेशन मुहैया कराने की ताकत रखते हैं. इस तरह ये सारे स्टार्टअप सुनिश्चित करते हैं कि सफलता की ओर चलते हुए इस यात्रा में कोई पीछे ना छूट जाए. एक दूर-दराज के बच्चे को हो सकता है कि पैसों की दिक्कत हो, परिवार से दूर ना जा पा रहा हो या उसे अंग्रेजी-हिंदी ना आती हो. आज तक ऐसे-ऐसे स्टार्टअप आ गए हैं जो तमाम भाषाओं में चीजें सिखा रहे हैं. साथ ही सस्ते स्मार्टफोन और इंटरनेट की ताकत के चलते दूर-दराज के युवा भी अच्छी एजुकेशन आसानी से हासिल कर पा रहे हैं और अपने भविष्य के लिए कुछ बेहतर सोच पा रहे हैं.