सरकार की तरफ से पिछले कई दिनों से लगातार बहुत सारी ऑनलाइन गेमिंग (Online Gaming) कंपनियों को जीएसटी के नोटिस (GST Notice) भेजे जा रहे हैं. ड्रीम 11 को तो अब तक का सबसे बड़ा 28 हजार करोड़ रुपये का नोटिस भेजा गया है. बार-बार कहा जा रहा है कि सरकार की तरफ से ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर 28 फीसदी जीएसटी के हिसाब से नोटिस भेजे जा रहे हैं. गेमिंग इंडस्ट्री पर 28 फीसदी GST को अक्टूबर से लागू किया गया है, लेकिन तमाम गेमिंग कंपनियों को रेस्ट्रोस्पेक्टिव तरीके से नोटिस भेजे जा रहे हैं. यानी इन कंपनियों को पुरानी तारीख से नोटिस भेजा जा रहे हैं.

जीएसटी रेट्रोस्पेक्टिव नहीं, हमेशा से है ये नियम

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इस पर सरकार ने कहा है कि ऑनलाइन बेटिंग यानी सट्टेबाजी पर हमेशा से 28 फीसदी जीएसटी लगता था और यह टैक्स नोटिस रेट्रोस्पेक्टिव नहीं हैं. शनिवार, 7 अक्टूबर को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में वित्त सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि किसी भी तरीके से रेट्रोस्पेक्टिव नहीं है, क्योंकि पहले से ही कानून ऐसा ही है. कानून को रेट्रोस्पेक्टिव तरीके से संशोधित नहीं किया गया है. यह टैक्स देनदारी इसलिए हैं, क्योंकि मनी ऑनलाइन गेम्स में सट्टेबाजी होती है, तो उन पर हमेशा से ही 28 फीसदी जीएसटी लगती थी.

'28% जीएसटी से पूरा स्टार्टअप ईकोसिस्टम खतरे में'

जीएसटी काउंसिल की मीटिंग के दौरान कई लोगों ने कहा कि बहुत सारे राज्य इस बात का मुद्दा उठा रहे हैं कि ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर रेस्ट्रोस्पेक्टिव तरीके से जीएसटी लगाया जा रहा है. कुछ कंपनियों पर तो उनके टर्नओवर से भी अधिक जीएसटी लगाया जा रहा है. दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने भी कहा था कि ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर लगाए जाने वाले 28 फीसदी जीएसटी के नियम को वापस लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसकी वजह से कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है और नतीजा ये होगा कि पूरा स्टार्टअप ईकोसिस्टम ही इस जीएसटी की वजह से खतरे में पड़ सकता है.

50 हजार करोड़ रुपये के टैक्स नोटिस हुए जारी

टैक्स अथॉरिटीज की तरफ से तमाम कंपनियों को करीब 50 हजार करोड़ रुपये के टैक्स नोटिस जारी किए गए हैं. DGGI ने पिछले ही हफ्ते यूनिकॉर्न Dream11 को करीब 28000 करोड़ रुपये का जीएसटी नोटिस जारी किया था. इससे पहले Games24x7 की पैरेंट कंपनी को भी करीब 21 हजार करोड़ रुपये का नोटिस जारी किया जा चुका है.

ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म अपनी कुल प्लेटफॉर्म फीस पर पहले 18 फीसदी जीएसटी चुका रहे थे, क्योंकि तब तक इसे लेकर कोई नियम नहीं था. वहीं दूसरी तरफ, सट्टेबाजी पर 28 फीसदी जीएसटी लगता था. नए जीएसटी रेट 1 अक्टूबर से जारी हुए हैं, जिसके तहत सभी रीयल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर सट्टेबाजी की पूरी फेस वैल्यू का 28 फीसदी जीएसटी लगाए जाने का नियम बनाया गया है.

भारी टैक्स के चलते कई बिजनेस हुए बंद

गेमिंग प्लेटफॉर्म्स को डर है कि जीएसटी में इतनी बड़ी बढ़ोतरी से पूरा बिजनेस ही प्रभावित हो सकता है. इस टैक्स की वजह से मोबाइल प्रीमियर लीग और Hike जैसे गेमिंग प्लेटफॉर्म बहुत सारे लोगों की छंटनी कर चुके हैं. वहीं Quizzy, OWN और Fantok जैसे गेमिंग प्लेटफॉर्म्स ने अस्थाई तौर पर अपने बिजनेस बंद कर दिए हैं. गेमिंग इंडस्ट्री पर जीएसटी लगाने का कितना बुरा असर पड़ा है, ये साफ दिख रहा है.