बजट (Budget 2024) के दिन भले ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के पिटारे से आम आदमी के लिए कुछ खास ना निकला हो, लेकिन डीआरडीओ (DRDO) ने एक बड़ी सफलता हासिल की है. रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि डीआरडीओ ने पीएसएलवी सी-58 की तरफ से लॉन्च किए गए पेलोड पर कक्षा की कार्यक्षमता में डीआरडीओ की प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीडीएफ) योजना के तहत विकसित एक ग्रीन प्रोपल्शन सिस्टम को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है.

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मंत्रालय ने कहा कि ऊंचाई नियंत्रण और सूक्ष्म उपग्रहों को कक्षा में बनाए रखने के लिए 1एन क्लास ग्रीन मोनोप्रोपेलेंट थ्रस्टर की इस परियोजना को मंजूरी दी गई है, जिसे बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (विकास एजेंसी) ने विकसित किया है. इसमें कहा गया है कि इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी), बेंगलुरु में पीएसएलवी ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल (पीओईएम) से टेलीमेट्री डेटा को जमीनी स्तर के समाधान के साथ वैलिडेट किया गया है और यह सभी प्रदर्शन मापदंडों से अधिक पाया गया है.

मंत्रालय ने कहा कि इस नवोन्मेषी तकनीक के परिणामस्वरूप कम कक्षा वाले स्थान के लिए एक नॉन-टॉक्सिक और पर्यावरण-अनुकूल प्रणोदन प्रणाली तैयार हुई है. मंत्रालय ने कहा, "इस प्रणाली में स्वदेशी रूप से विकसित प्रोपेलेंट, फिल एंड ड्रेन वाल्व, लैच वाल्व, सोलेनॉइड वाल्व, कैटलिस्ट बेड, ड्राइव इलेक्ट्रॉनिक्स आदि शामिल हैं. यह उच्च थ्रस्ट आवश्यकताओं वाले अंतरिक्ष मिशनों के लिए आदर्श है." इसमें कहा गया है कि पूरा प्रोजेक्ट डीआरडीओ के प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग एंड मेंटरिंग ग्रुप के मार्गदर्शन में विकास एजेंसी द्वारा किया गया है.