फिनटेक लीडर्स ने सोमवार को भारत के एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) में अग्रणी होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि देश का फिनटेक परिदृश्य अब नवाचार का केंद्र बन गया है, जो देश की निडर भावना को दर्शाता है. आईएएनएस के साथ पीएम मोदी की विशेष बातचीत पर प्रतिक्रिया देते हुए रेजरपे के सीओओ राहुल कोठारी ने कहा, "आज, यूपीआई ग्राहकों के लिए भुगतान का आम और पसंदीदा तरीका बन गया है."

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कोठारी ने कहा, "न्‍यू नॉर्मल की स्थिति न केवल भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए आशाजनक प्रक्षेपवक्र को दर्शाती है, बल्कि हमारे नागरिकों द्वारा डिजिटल भुगतान में दिखाए गए अपार भरोसे के बारे में भी बताती है." प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपीआई जैसे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) मॉडल से प्रेरित होकर देश अब वैश्विक फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र का नेतृत्व कर रहा है और कई देश जनता को सशक्त बनाने के लिए 'इंडिया स्टैक' समाधान अपनाने के लिए तैयार हैं.

यूपीआई प्लेटफॉर्म ने वित्तवर्ष 23 में 139 लाख करोड़ रुपये के 8,376 करोड़ लेनदेन की तुलना में वित्तवर्ष 24 में 13,115 करोड़ के लेनदेन संसाधित किए, जिसका कुल मूल्य लगभग 200 लाख करोड़ रुपये था. बीएलएस ईसर्विसेज के सीओओ लोकनाथ पांडा ने आईएएनएस को बताया कि सुदूर गांवों में भी छोटे व्यापारी अपनी सुविधा और दक्षता के लिए डिजिटल भुगतान में निवेश कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, "प्रौद्योगिकी का उपयोग पारदर्शिता बढ़ा रहा है और समावेशिता को बढ़ावा दे रहा है. भारत का यूपीआई अब एक नई जिम्मेदारी निभा रहा है और वैश्विक भागीदारों को भारत के साथ एकजुट कर रहा है." भारत विभिन्न क्षेत्रों और खंडों में काम करने वाली 10,000 से अधिक फिनटेक कंपनियों का घर है. रिपोर्टों के अनुसार, भारत का फिनटेक विश्‍व स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा पारिस्थितिकी तंत्र है, जो वित्तवर्ष 2030 तक वार्षिक राजस्व में लगभग 70 अरब डॉलर तक पहुंचने की ओर अग्रसर है.