Funding Winter के बीच डिवाइस इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म Fingerprint ने हाल ही में 33 मिलियन डॉलर यानी करीब 274 करोड़ रुपये जुटाए हैं. कंपनी को यह पैसे सीरीज सी फंडिंग राउंड के दौरान मिले हैं. इस फंडिंग राउंड (Funding Round) का नेतृत्व Nexus Venture Partners ने किया. इसके अलावा इस राउंड में Uncorrelated Ventures ने भी निवेश किया है. इस राउंड के बाद अब Fingerprint की कुल फंडिंग 77 मिलियन डॉलर यानी करीब 640 करोड़ रुपये हो गई है. Startup की दुनिया में फ्रॉड (Fraud) से बचना बहुत जरूरी हो गया है, वरना बिजनेस (Business) शुरू होने से पहले ही खतरे में पड़ जाता है.

क्या करता है ये स्टार्टअप?

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Fingerprint स्टार्टअप की मदद से डेवलपर्स को डिवाइस आइडेंटिफिकेशन बनाने में मदद मिलती है. इसके जरिए वह फ्लेक्सिबल API की मदद पाते हैं, जो फ्रॉड करने वालों की पहचान करने में सक्षम हो. यह प्लेटफॉर्म एक्युरेसी के मामले में अपनी कैटेगरी के टॉप प्लेटफॉर्म में आता है. 

फिंगरप्रिंट के को-फाउंडर और सीईओ Dan Pinto ने कहा- 'कंपनियां इन दिनों ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों से कई तरह के हमलों का सामना कर रही हैं. ऐसे में उन्हें जरूरत है कि वह खुद को तमाम हमलों से बचाएं और अपने ग्राहकों का नुकसान ना होने दें. ऐसे में हाई एक्युरेसी के डिवाइस आइडेंटिफिकेशन की जरूरत काफी बढ़ गई है. Fingerprint हजारों कंपनियों के लिए इस चुनौती का हल निकाल रही है.'

कंपनी की हो रही शानदार ग्रोथ

2021 में कंपनी ने आखिरी बार फंडिंग उठाई थी. तब से लेकर अब तक कंपनी की शानदार ग्रोथ हुई है. Dropbox जैसे इंडस्ट्री लीडर्स को भी Fingerprint पर पूरा भरोसा है जिससे अकाउंट टेकओवर की कोशिशों का पता लगाया जा सकता है और ऐसा करने वालों को ब्लॉक किया जा सकता है. अगर कमर्शियल लेवल की बात करें तो पिछले 3 सालों में कंपनी करीब 20 गुना तक ग्रो हुई है. 

क्या होगा फंडिंग से जुटाए पैसों का?

इस राउंड में जुटाए पैसों का इस्तेमाल कंपनी अपने बिजनेस को बढ़ाना और बड़े एंटरप्राइजेज को अपना ग्राहक बनाने की दिशा में आगे बढ़ना है. साथ ही कंपनी का मकसद है कि वह नए टूल्स और क्षमताएं विकसित करे, जिससे डिवाइस आइडेंटिफिकेशन में जटिल चुनौतियों का भी सामना किया जा सके.