बिजनेस वर्ल्ड में हर पिता अपने बेटे या बेटी को बहुत सारी नॉलेज और बना-बनाया बिजनेस देता है. वहीं कुछ ऐसे भी पिता होते हैं जो बिजनेस चलाने का हुनर अपने बच्चों को सिखाते हैं और मार्गदर्शन करते रहते हैं. लेकिन कुछ ऐसे भी पिता हैं, जिन्होंने स्टार्टअप (Startup) शुरू करने में अपने बच्चों का साथ दिया है. पिता हर कदम पर अपने बच्चों का साथ देता है. आज फादर्स डे (Fathers Day) के मौके पर आइए जानते हैं स्टार्टअप की दुनिया की कुछ ऐसी ही जोड़ियों के बारे में, जिसमें पिता ने स्टार्टअप शुरू करने में अपने बच्चों का साथ दिया है. 

1- Wizely

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सीरियल आंत्रप्रेन्योर रह चुके विजय बोबा (Vijay Bobba) ने अपने बेटे (Nihar Bobba) के साथ मिलकर Wizely की शुरुआत की. इस स्टार्टअप के पीछे का आइडिया वही है, जो हर मां-बाप अपने बच्चों को कहते हैं कि पैसे बचाओ. Wizely की मदद से कहीं घूमने जाने, कोई गैजेट खरीदने या फिर मां के लिए कोई ज्वैलरी खरीदने के लिए पैसे बचाने को आसान बनाया गया है. इस स्टार्टअप की शुरुआत 2018 में हुई थी. विजय बोबा एक सीरियल आंत्रप्रेन्योर रह चुके हैं, जिन्होंने अपनी इससे पहले की कंपनी PayBack को Amex को बेच दिया. वहीं दूसरी ओर निहार बोबा एक डेटा साइंस के जानकार हैं, जो अमेरिका में एक आई-बैंकर की तरह काम कर चुके हैं.

2- Aromezeia

एक एक्सिडेंट में अखिलेश पाठक का कंधा टूट गया और उन्हें भारी दर्द से गुजरना पड़ा. उनके पास करीब 33 सालों का एरोमाथेरेपी तेल बनाने का अनुभव था. ऐसे में उन्होंने कई तरह के हर्ब्स को मिलाकर एक परफेक्ट तेल बनाया, जिससे उन्हें दर्द से बहुत राहत मिली. जब उन्होंने ये तेल अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को टेस्ट कराया, तो उन्हें भी ये बहुत पसंद आया. उसके बाद उनके बेटी स्वप्निल पाठक ने पिता के साथ मिलकर Aromazeia स्टार्टअप की शुरुआत की, जो नेचुरल तरीके से बनाए जाने वाले इसेंशियल ऑयल का प्लेटफॉर्म है. 

2014 में बाप-बेटी ने मिलकर उत्तराखंड में एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाई है. वहां से दोनों साथ मिलकर इन इसेंशियल ऑयल को भारत समेत दुनिया भर के कई देशों में भेजते हैं. इनके इसेंशियल ऑयल Argentina, Australia, Austria, Bulgaria, Belgium, Bosnia, Brazil, Columbia, Bulgaria, Cambodia, Canada, China, Chile, Denmark, Indonesia और France जैसे देशों में भी जाते हैं.

3- Jeevaniya Naturals

डॉ. नरेंद्र नाथ मेहरोत्रा ने एक एनजीओ जीवनिया सोसाएटी की शुरुआत की थी. उनका एनजीओ परंपरागत हेल्थ, फार्मिंग और एजुकेशन सिस्टम को प्रमोट करता था. इसी बीच उनकी बेची दीप्ति मेहरोत्रा ने देखा कि ऑर्गेनिक प्रोडक्ट के मार्केट में एक बड़ा गैप है. तेजी से इसकी डिमांड बढ़ रही है, लेकिन उसे पूरा नहीं किया जा पा रहा है. इसके बाद बाप-बेटी ने मिलकर Jeevaniya Naturals नाम से एक सप्लाई चेन नेटवर्क बनाया है. अभी उनका एक स्टोर लखनऊ में है और उनके नेटवर्क के किसानों से मिले ऑर्गेनिक प्रोडक्ट वहां पर मिलते हैं.

4- IoT Research Labs

दीक्षित और थन्मई ने 2015 में IoT रिसर्च लैब की शुरुआत की, जब उन्होंने टेक्नोलॉजी का उपयोग करके वाहन उद्योग में चुनौतियों का समाधान करने का मौका देखा. यह एक फ्लीट मैनेजमेंट कंपनी है, जो इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) द्वारा संचालित होती है. जब थनमई दीक्षित को पहली बार यह आइडिया आया, तो उन्होंने अपने पिता दीक्षित दुवल्ला से बात की. उनकी बातचीत जल्द ही इंटरनेट ऑफ थिंग्स, क्लाउड कंप्यूटिंग और डेटा एनालिटिक्स जैसी तकनीकों का उपयोग करने के लिए आगे बढ़ी. IoT आधारित सेंसर गाड़ी के बारे में जानकारी इकट्ठा करता है और यूजर एप्लिकेशन पर लॉगिन तकर के सारी जानकारी हासिल कर सकता है. यह स्टार्टअप व्यावहारिक रिपोर्ट और एनालिसिस भी मुहैया करता है जो तमाम बिजनेस को डेटा के आधार पर बिजनेस डिसीजन लेने में मदद करता है.

5- Varenyam Farms

जब बेटी शादी के बाद अपना घर छोड़कर पति के घर चली जाती है तो वहां भी उसे माता-पिता का प्यार मिलता है. ये प्यार उसे सास-ससुर से मिलता है. गुजरात की Brinda Shah को ना सिर्फ अपने ससुर से पिता जैसा प्यार मिला, बल्कि उन्होंने अपने ससुर के साथ मिलकर Varenyam Farms की शुरुआत कर दी. 

बृंदा ने अपने ससुर के साथ मिलकर गिर नस्ल की 8 गाय और दो बैल खरीदे और उनका पालन-पोषण करने लगे. भारतीय लोग दूध का सेवन कैसे करते हैं, इस पर रिसर्च करने पर उन्हें पता चला कि भारतीय लोग दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए यूरोपीय गायों और हाइब्रिड नस्ल का उपयोग करते हैं. वह A1 दूध का उत्पादन करते हैं जो स्थानीय गायों से मिलने वाले A2 जितना हेल्दी नहीं होता है.

इसके बाद उन्होंने 130 पशुओं के साथ एक पारवारिक फार्म Varenyam Farms स्थापित किया है, जो HMS ब्रांड के तहत दूध बेचता है. बृंदा, उनकी बहन और बृंदा के ससुर ने साथ मिलकर इससे पहले एक ऐसा प्लेटफॉर्म भी बनाया था, जहां सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर के खेत के उगने वाली चीजों को लोगों को दिखाया जा सकता है.