Koo के पूर्व को-फाउंडर मयंक बिदावतका (Mayank Bidawatka) ने अपने नए बिजनेस के लिए बड़ी फंडिंग (Startup Funding) उठाई है. उन्होंने Billion Hearts Software Technologies नाम से नया स्टार्टअप शुरू किया है, जिसके लिए उन्होंने हाल ही में करीब 2.5 लाख डॉलर यानी करीब 2 करोड़ रुपये की फंडिंग उठाई है. यह फंडिंग उन्होंने redBus, Ola, InMobi और Myntra समेत Flipkart के पूर्व सीटीओ और कुछ अन्य निवेशकों से जुटाई है.

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बताया जा रहा है कि इस फंडिंग राउंड में कुल 13 निवेशकों ने पैसे लगाए हैं, जिनमें 3 वीसी फर्म भी शामिल हैं. कुछ कंज्यूमर टेक आंत्रप्रेन्योर्स और कॉरपोरेट एग्जिक्युटिव्स ने भी इसमें पैसे लगाए हैं. कंपनी इसी साल के अंत तक अपने प्रोडक्ट का बीटा वर्जन लॉन्च करने की तैयारी कर रही है. कहा जा रहा है कि इस प्रोडक्ट का मार्केट साइज दुनिया भर के स्मार्टफोन यूजर्स के जितना बड़ा होगा.

बताया था एक नया स्टार्टअप शुरू करेंगे

कुछ समय पहले ही मयंक ने खुद ही सोशल मीडिया पर पोस्ट कर के कहा था कि अब वह एक नया स्टार्टअप शुरू करेंगे. अब उन्होंने ये स्टार्टअप शुरू भी कर दिया है. कंपनी के लिए मयंक ने फंडिंग भी हासिल कर ली है.

कुछ वक्त पहले ही बंद हुआ है कू

कुछ वक्त पहले ही भारत का सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म कू (KOO) बंद हो गया. इसकी जानकारी खुद कंपनी को को-फाउंडर मयंक बिदावतका ने दी. उन्होंने अपने लिंक्डइन हैंडल पर लिखा- 'छोटी पीली चिड़िया फाइनल गुडबाय कहती है.' बता दें कि माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर को टक्कर देने के लिए अप्रमेय राधाकृष्ण (Aprameya Radhakrishna) और मयंक ने भारत के लिए ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म कू को बनाया था और कू का लोगो छोटी पीली चिड़िया था.

क्या लिखा था मयंक ने?

मयंक बिदावतका ने अपनी लिंक्डइन पोस्ट में लिखा था- 'कू के बारे में यह मेरे और अप्रमेय राधाकृष्ण की तरफ से फाइनल अपडेट है. पिछले 4 सालों में आप लोगों की शुभकमानाओं और सपोर्ट के लिए आप सभी का धन्यवाद.'

क्यों बंद हुआ ये प्लेटफॉर्म?

मयंक ने अपनी पोस्ट में बताया था कि यह स्टार्टअप उन्हें क्यों बंद करना पड़ा. उन्होंने बताया कि कंपनी की तरफ से पार्टनरशिप को लेकर की जा रही बातचीत आगे नहीं बढ़ सकी और इसे बंद करना पड़ा. कंपनी ने कई बड़ी कंपनियों और मीडिया हाउस के साथ पार्टनरशिप को लेकर बातचीत की, लेकिन उम्मीद के मुताबिक कुछ नहीं मिल पाया.

मयंक का कहना था कि अधिकतर लोग यूजर जनरेटेड कंटेंट और सोशल मीडिया के वाइल्ड नेचर को देखते हुए डील नहीं करना चाहते थे. एक टेक्नोलॉजी ऐप को चलाने की लागत बहुत अधिक होती है और फाउंडर्स उसे नहीं झेल पाए, जिसके चलते कंपनी का ऑपरेशन बंद करना पड़ा.

फंडिंग विंटर की भेंट चढ़ गई कंपनी

बंद होने से पहले कू पर रोजाना एक्टिव यूजर्स 2.1 मिलियन थे. वहीं मंथली एक्टिव यूजर्स 10 मिलियन थे. इसमें 9000 से अधिक वीआईपी लोग भी थे. हम 2022 में ट्विटर से निपटने से बस थोड़ा ही दूर थे, लेकिन यह प्लेटफॉर्म आगे नहीं बढ़ पाया. इसके बंद होने की सबसे बड़ी वजह फंडिंग विंटर कही जा रही.