Koo Shutdown: छोटी पीली चिड़िया के गुडबाय के बाद अब क्या कर रहे फाउंडर्स? खुद बताया किस Startup पर कर रहे हैं काम
कुछ समय पहले ही भारत के सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म कू (Koo) के बंद होने की खबर आई थी. इसकी जानकारी खुद कंपनी के को-फाउंडर मयंक बिदवातका (Mayank Bidawatka) ने दी थी.
कुछ समय पहले ही भारत के सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म कू (Koo) के बंद होने की खबर आई थी. इसकी जानकारी खुद कंपनी के को-फाउंडर मयंक बिदवातका (Mayank Bidawatka) ने दी थी. अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये स्टार्टअप (Startup) बंद होने के बाद अब मयंक क्या करेंगे? इस बारे में मयंक ने खुद ही सोशल मीडिया पर पोस्ट कर के कहा कि अब वह एक नया स्टार्टअप शुरू करेंगे.
मयंक ने कहा है कि वह कंज्यूमर टेक वेंचर के साथ उनके नए प्रोजेक्ट पर अभी काम चल रहा है. उन्होंने लिंक्डइन पर लिखा- 'हम जल्द ही कुछ नया शुरू करेंगे. अभी इस पर काम चल रहा है. अभी यह पूरी तरह बूटस्ट्रैप्ड है. यह एक ऐसा आइडिया है, जो सालों से मेरे दिल के काफी करीब रहा है. अब इसे जिंदगी में लाने का वक्त आ गया है. यह एक कंज्यूमर टेक प्रोडक्ट होगा.'
7 लोगों की है टीम, ढूंढ रहे और लोग
फाउंडर ने यह भी बताया है कि उनकी 7 लोगों की टीम इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम कर रही है. उन्होंने इसमें दिलचस्पी रखने वाले लोगों को टीम ज्वाइन करने के लिए आमंत्रित भी किया है. मयंक ने कहा कि वह BE, ML, iOS और Android के लोगों की तलाश कर रहे हैं.
कुछ वक्त पहले ही बंद हुआ है कू
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कुछ वक्त पहले ही भारत का सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म कू (KOO) बंद हो गया. इसकी जानकारी खुद कंपनी को को-फाउंडर मयंक बिदावतका ने दी. उन्होंने अपने लिंक्डइन हैंडल पर लिखा- 'छोटी पीली चिड़िया फाइनल गुडबाय कहती है.' बता दें कि माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर को टक्कर देने के लिए अप्रमेय राधाकृष्ण (Aprameya Radhakrishna) और मयंक ने भारत के लिए ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म कू को बनाया था और कू का लोगो छोटी पीली चिड़िया था.
क्या लिखा था मयंक ने?
मयंक बिदावतका ने अपनी लिंक्डइन पोस्ट में लिखा था- 'कू के बारे में यह मेरे और अप्रमेय राधाकृष्ण की तरफ से फाइनल अपडेट है. पिछले 4 सालों में आप लोगों की शुभकमानाओं और सपोर्ट के लिए आप सभी का धन्यवाद.'
क्यों बंद हुआ ये प्लेटफॉर्म?
मयंक ने अपनी पोस्ट में बताया था कि यह स्टार्टअप उन्हें क्यों बंद करना पड़ा. उन्होंने बताया कि कंपनी की तरफ से पार्टनरशिप को लेकर की जा रही बातचीत आगे नहीं बढ़ सकी और इसे बंद करना पड़ा. कंपनी ने कई बड़ी कंपनियों और मीडिया हाउस के साथ पार्टनरशिप को लेकर बातचीत की, लेकिन उम्मीद के मुताबिक कुछ नहीं मिल पाया.
मयंक का कहना था कि अधिकतर लोग यूजर जनरेटेड कंटेंट और सोशल मीडिया के वाइल्ड नेचर को देखते हुए डील नहीं करना चाहते थे. एक टेक्नोलॉजी ऐप को चलाने की लागत बहुत अधिक होती है और फाउंडर्स उसे नहीं झेल पाए, जिसके चलते कंपनी का ऑपरेशन बंद करना पड़ा.
फंडिंग विंटर की भेंट चढ़ गई कंपनी
बंद होने से पहले कू पर रोजाना एक्टिव यूजर्स 2.1 मिलियन थे. वहीं मंथली एक्टिव यूजर्स 10 मिलियन थे. इसमें 9000 से अधिक वीआईपी लोग भी थे. हम 2022 में ट्विटर से निपटने से बस थोड़ा ही दूर थे, लेकिन यह प्लेटफॉर्म आगे नहीं बढ़ पाया. इसके बंद होने की सबसे बड़ी वजह फंडिंग विंटर कही जा रही.
11:33 AM IST