इस बार फेस्टिव सीजन सेल (Festive Season Sale) के पहले हफ्ते में तमाम ईकॉमर्स (Ecommerce) प्लेटफॉर्म ने करीब 47 हजार करोड़ रुपये का सामान बेचा है यानी जीएमवी (GMV) हासिल किया है. साल दर साल के आधार पर यह आंकड़ा करीब 19 फीसदी बढ़ा है, जो 15 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते का है. यह रिपोर्ट कंसल्टिंग फर्म Redseer ने जारी की है. पहले हफ्ते की सेल में हाई एवरेज सेलिंग प्राइस वाले आइटम जैसे मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और बड़े उपकरण शामिल रहे. अगर पहले हफ्ते के कुल जीएमवी का देखें तो लगभग 67 फीसदी सेल सिर्फ इन्हीं आइटम की रही है. रेडसीर के अनुसार हफ्ते के आखिरी दिन साल दर साल के आधार पर करीब 36 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली. 

फ्लिपकार्ट ग्रुप रहा सबसे आगे

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रेडसीर के लेटेस्ट अनुमान के मुताबिक इस बार के फेस्टिव सीजन में फ्लिपकार्ट ग्रुप सबसे आगे रहा है, जिसमें उसके तमाम शॉपिंग प्लेटफॉर्म जैसे फ्लिपकार्ट, मिंत्रा, शॉप्सी जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को भी कंसीडर किया गया है. कुल जीएमवी में करीब 63 फीसदी हिस्सेदारी तो सिर्फ फ्लिपकार्ट ग्रुप की ही है. वहीं अगला नंबर है अमेजन था, जिसने भी अच्छी-खासी सेल की है. 

सेल्स वॉल्यूम के मामले में मीशो दूसरे नंबर पर

मिंत्रा ने करीब 460 मिलियन कस्टमर विजिट दर्ज किया. वहीं सेल्स वॉल्यूम के मामले में मीशो ने दूसरा स्थान हासिल किया है और कुल ऑर्डर के करीब 25 फीसदी हिस्से तक पहुंचा. साल 2022 में यह आंकड़ा 21 फीसदी था, जो इस साल बढ़ा है.

यहां एक बात ध्यान देने की है कि इन ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म्स ने फेस्टिव सीजन सेल के शुरुआती 4 दिनों में ही करीब 29 हजार करोड़ रुपये की जीएमवी हासिल कर लिया. तमाम प्लेटफॉर्म की तरफ से प्री-बुकिंग के भी ऑफर दिए जा रहे हैं. आसान फाइनेंसिंग और प्रोडक्ट हाथ से निकल जाने के डर की वजह से बहुत सारे लोगों ने प्री-बुकिंग भी की. रेडसीर का अनुमान है कि इस साल ईकॉमर्स सेक्टर का जीएमवी करीब 18-20 फीसदी बढ़ सकता है. पिछले साल यह आंकड़ा करीब 76 हजार करोड़ रुपये था, लेकिन इस साल यह 90 हजार करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर सकता है.

क्या होता है जीएमवी?

जीएमवी यानी ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू का मतलब है कि कितने रुपये का सामान ग्राहकों को बेच गया है. इसमें ग्राहकों लगाई गई कोई फीस या उन्हें दिया गया कोई डिस्काउंट नहीं जोड़ा जाता है. जब जीएमवी से तमाम डिस्काउंट, फीस, कैशबैक आदि को एडजस्ट कर लिया जाता है, तब जाकर रेवेन्यू निकलता है. यानी जीएमवी हमेशा ही रेवेन्यू से अधिक होता है. एक उदाहरण से समझते हैं. मान लीजिए कि आपके बिजनेस ने 500 रुपये की 100 टीशर्ट बेची हैं. इसमें आपने हर टीशर्ट पर 50 रुपये का डिस्काउंट दिया है. ऐसे में आपका जीएमवी होता है 50000 रुपये, लेकिन आपका रेवेन्यू होगा सिर्फ 45 हजार रुपये का, क्योंकि बचे हुए 5000 रुपये तो 50 रुपये प्रति टी-शर्ट के हिसाब से आपने डिस्काउंट दे दिया.