Delhivery ने Startups के लिए शुरू किया 'Velocity', इसके लिए AWS और Nexus Ventures से मिलाया हाथ
Delhivery ने स्टार्टअप्स (Startups) के लिए एक एक्सीलरेटर प्रोग्राम (Accelerator Program) लॉन्च किया है. इस एक्सीलरेटर प्रोग्राम को Velocity नाम दिया गया है. इससे स्टार्टअप्स को लॉजिस्टिक ईकोसिस्टम में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी.
कूरियर सेवा मुहैया कराने वाली लॉजिस्टिक्स कंपनी Delhivery ने स्टार्टअप्स (Startups) के लिए एक एक्सीलरेटर प्रोग्राम (Accelerator Program) लॉन्च किया है. इस एक्सीलरेटर प्रोग्राम को Velocity नाम दिया गया है. इससे स्टार्टअप्स को लॉजिस्टिक ईकोसिस्टम में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी. इस एक्सीलरेटर प्रोग्राम को शुरू करने के लिए Delhivery ने AWS और Nexus Ventures के साथ हाथ मिलाया है. Delhivery एक लिस्टेड कंपनी है, जिसने इसकी जानकारी आज ही सुबह करीब 10.28 बजे शेयर बाजार को दी है.
क्या है कंपनी के शेयर का हाल?
शेयर बाजार के शुरुआती सत्र में Delhivery के शेयरों में गिरावट देखी जा रही है. बाजार खुलने के करीब 2 घंटे बाद तक यह गिरावट जारी है. हालांकि, सुबह 10.15 बजे के करीब मामूली बढ़त देखने को मिली, जिससे गिरावट में तुलनात्मक रूप से थोड़ी कमी आई. यानी इस डील से जुड़ी खबर का कुछ असर तो देखने को मिला. सुबह यह शेयर मामूली गिरावट के साथ 420.05 रुपये के स्तर पर खुला था और उसके बाद से अब तक यह लाल निशान में ही कारोबार कर रहा है. 11 बजे कंपनी का शेयर करीब 1 फीसदी की गिरावट के साथ 420 रुपये के आस-पास कारोबार करता दिखा.
कैसे रहे हैं कंपनी के नतीजे?
लॉजिस्टिक्स कंपनी डेल्हीवेरी को जून 2023 तिमाही में नुकसान हुआ था. इस तिमाही में कंपनी का शुद्ध घाटा कम होकर 89.5 करोड़ रुपये हो गया. घाटा कम होने की वजह रही कंपनी का तगड़ा रेवेन्यू. कंपनी ने एक नियामक फाइलिंग में कहा था कि पिछले वित्त वर्ष (2022-23) की अप्रैल-जून अवधि के दौरान उसे 399.3 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था. कंपनी की कुल आय एक साल पहले की तिमाही में 1,794.5 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,031.1 करोड़ रुपये हो गई.
कंपनी का इसी अवधि में टैक्स के बाद घाटा साल-दर-साल आधार पर 78 प्रतिशत और तिमाही-दर-तिमाही आधार पर 44 प्रतिशत कम हुआ, जो वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में 159 करोड़ रुपये था. सेवाओं से कंपनी का राजस्व Q1 FY24 में 11 प्रतिशत बढ़कर 1,930 करोड़ रुपये हो गया, जो Q1 FY23 में 1,746 करोड़ रुपये था.