ग्रॉसरी पर फोकस करने वाले सोशल कॉमर्स यूनिकॉर्न (Unicorn) स्टार्टअप Dealshare ने अपना B2B बिजनेस बंद कर दिया है. अब कंपनी ने अपना फोकस B2C सेगमेंट पर कर दिया है. कंपनी की तरफ से ऐसा सख्त फैसला लिए जाने की वजह से कई लोगों की नौकरी खतरे में (Layoff) पड़ गई है. कंपनी की ने एक बयान में साफ कहा है कि कंपनी ने अपना फोकस अब कंज्यूमर मार्केट पर शिफ्ट किया है, जिसकी वजह से कई लोगों की नौकरी (Jobs) पर असर पड़ा है. 

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कंपनी ने कोई आधिकारिक आंकड़ा तो नहीं दिया है, लेकिन अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह आंकड़ा 100-130 के बीच हो सकता है. कंपनी ने कहा है कि इस कदम से जिन भी कर्मचारियों की नौकरी पर असर पड़ा है, उन्हें हर संभव मदद मुहैया कराने की कोशिश की जा रही है. कंपनी अपने नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए उन्हें दूसरी जगहों पर नौकरी पाने में भी मदद कर रही है.

पहले भी करीब 100 लोगों की हो चुकी है छंटनी

कपंनी के बिजनेस का करीब आधा रेवेन्यू तो सिर्फ B2B सेगमेंट से ही आता था. ऐसा नहीं है कि कंपनी ने पहली बार छंटनी की है. इससे पहले जनवरी के महीने में भी कंपनी ने करीब 100 लोगों को नौकरी से निकाला था. कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी ने अपना बिजनेस गुरुग्राम में शिफ्ट कर दिया है, ताकि वह जयपुर, दिल्ली-एनसीआर, लखनऊ और कोलकाता जैसे इलाकों में अपना बिजनेस बढ़ा सके. कंपनी एक ऑनलाइन+ऑफलाइन बिजनेस मॉडल बनाना चाहती है.

प्रोडक्ट मार्केट फिट तक पहुंचने में संघर्ष कर रही कंपनी

कंपनी की तरफ से यह कदम उस वक्त उठाया गया है, जब कंपनी प्रोडक्ट मार्केट फिट तक पहुंचने में संघर्ष कर रही थी. पिछले कुछ महीनों में Dealshare ने अपने बिजनेस मॉडल और कोर टीम में कई बदलाव भी किए. बताया जा रहा है कि कंपनी को फंड से जुड़ी कुछ दिक्कतें भी हो रही थीं. वैसे फंडिंग विंटर के दौरान फंडिंग ना मिल पाना या पैसों की दिक्कत हो जाना कोई नई बात नहीं है. हालांकि, कंपनी के प्रवक्ता ने कहा है कि कंपनी के पास पैसों की कोई कमी नहीं है.

393 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटा चुका है ये यूनिकॉर्न

पिछले साल जनवरी के महीने में कंपनी ने 1.7 अरब डॉलर की वैल्युएशन पर 165 मिलियन डॉलर जुटाए थे. अगर अब तक की बात करें तो कंपनी  Alpha Wave Global, ADIA, WestBridge Capital, Matrix Partners India और कुछ अन्य निवेशकों से कुल मिलाकर 393 मिलियन डॉलर का फंड जुटा चुकी है. इसी साल जुलाई के महीने में कंपनी ने अपना बिजनेस बेंगलुरू से गुरुग्राम शिफ्ट किया था. कंपनी ने अभी तक वित्त वर्ष 2023 के आंकड़े जारी नहीं किए हैं, लेकिन 2022 में कंपनी का रेवेन्यू करीब 8 गुना बढ़कर 1933 करोड़ रुपये हो गया था. हालांकि, कंपनी का नुकसान 6.4 गुना बढ़कर 431 करोड़ रुपये हो गया था. अभी कंपनी करीब 100 शहरों में है और करीब एक तिहाई बिजनेस सिर्फ दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान से आता है.