'खाना बनाने में 2 मिनट, 8 मिनट में डिलीवरी', इस Startup Founder ने दिखाई 10 Minute Food Delivery की सच्चाई!
आजकल 10 मिनट में फूड डिलीवरी (10 Minute Food Delivery) का बिजनेस फलने-फूलने लगा है. सवाल ये है कि घर में जो खाना बनाने में घंटे भर से भी ऊपर का वक्त लग जाता है, वह बनकर आपके पास 10 मिनट में कैसे डिलीवर हो जाएगा?
पहले 30 मिनट में पिज्जा डिलीवरी (Pizza) की गारंटी होती थी. फिर धीरे-धीरे ग्रॉसरी भी 30 मिनट में आने लगी. कॉम्पटीशन बढ़ा तो जेप्टो-ब्लिंकइट (Zepto-Blinkit) जैसे 10 मिनट में ग्रॉसरी डिलीवरी करने वाले स्टार्टअप शुरू हो गए. और अब 10 मिनट में फूड डिलीवरी (10 Minute Food Delivery) का बिजनेस फलने-फूलने लगा है. सवाल ये है कि घर में जो खाना बनाने में घंटे भर से भी ऊपर का वक्त लग जाता है, वह बनकर आपके पास 10 मिनट में कैसे डिलीवर हो जाएगा? Bombay Shaving Company के फाउंडर और सीईओ शांतनु देशपांडे (Shantanu Deshpande) ने इसी पर सवाल उठाते हुए एक लिंक्डइन पोस्ट की है, जो अब तेजी से वारयल (Viral Post) हो रही है.
शांतनु देशपांडे ने रविवार को एक लिंक्डइन पोस्ट करते हुए इस पर अपनी बात कही. उन्होंने कहा कि देश इस वक्त खराब न्यूट्रिशन के साथ-साथ अनहेल्दी प्रोसेस्ड और अल्ट्रा प्रोसेस्ट फूड की सबसे बड़ी समस्या से जूझ रहा है. तमाम चीजों पाम ऑयल में बन रही हैं और उनमें शुगर की मात्रा भी खूब है. ऐसे में उन्होंने फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स से कहा है कि वह अपने प्रोडक्ट को पौष्टिक बनाएं.
क्या आलसी हो चुके हैं लोग?
उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा- 'फ्रोजन प्यूरी और करी और पुरानी सब्जियों को गर्म कर के उन्हें धनिया के साथ सजाया जाता है, जिससे वह बिल्कुल ताजे दिखें. इसके बाद इन्हें किसी ऐसे बाइक राइडर को दे दिया जाता है, जो मैड मैक्स की तरह बाइक चलाए और 10 मिनट में आपके दरवाजे पर पहुंच जाए, क्योंकि आप और 15 मिनट इंतजार नहीं कर सकते हैं. या आप इतने आलसी हो चुके हैं कि एक कुकर चढ़ाकर दाल-चावल तक नहीं बना सकते.'
'खाना बनाने में 2 मिनट, 8 मिनट में डिलीवरी'
उन्होंने क्विक कॉमर्स इंडस्ट्री से जुड़े एक फाउंडर दोस्त से बात की और उन्हें जो पता चला वह हैरान करने वाला है. देशपांडे ने अपनी पोस्ट में लिखा- 'खाना बनाने का टाइम 2 मिनट और अगले 8 मिनट में इसकी डिलीवरी. क्विक कॉमर्स से जुड़े मेरे एक फाउंडर दोस्त ने मुझे ये बताया और इस बात ने मेरे होश उड़ा दिए हैं.'
'जोमैटो, स्विगी और जेप्टो- प्लीज ऐसा मत करो'
उन्होंने आगे कहा- 40 रुपये के पिज्जा और 20 रुपये के जहरीले एनर्जी ड्रिंक और 30 रुपये के बर्गर की हमारी जंक फूड की लत हमें चीन और अमेरिका के रास्ते पर ले जा रहे हैं. और इसमें यह नहीं सोचा जा रहा है कि स्वास्थ्य के लिए क्या जरूरी है. और सभी निवेशक और फाउंडर पहले से ही देश में इसे अगली बड़ी लहर बनाने पर तुले हुए हैं. जोमैटो, स्विगी और जेप्टो- प्लीज ऐसा मत करो. और अगर आप फिर भी ऐसा करना ही चाहते हो तो अपने प्रोडक्ट को पौष्टिक (Palatable) बनाओ.
'रेगुलेटर्स इस पर रखें नजर'
रेगुलेटर्स को अलर्ट करते हुए उन्होंने कहा- 'मैं चाहता हूं कि हम इनोवेशन करें और सच में 10 मिनट में अच्छा और ताजा खाना देने की सेवा देने में सफल हो जाएं. यह एक बहुत बड़ा बदलाव होगा, लेकिन मुझे नहीं लगता कि हम अभी तक इस दिशा में तैयार हैं. रेगुलेटर्स से अपील की है कि वह इस पर नजर रखें.'
'आज जो खाते हैं, वही बन जाते हैं'
उन्होंने आगे सलाह देते हुए कहा- 'सबसे ज्यादा, सभी से मेरी विनती है कि कृपया खाना बनाएं. यह एक एडल्ट स्किल है. कोई भी इतना बिजी नहीं है कि 10 मिनट का वक्त निकालकर एक अच्छा सा दाल-चावल, स्मूदी, सलाद या सैंडविच न बना सके. आपके पेट यानी गट आपकी मौजूदगी का केंद्र है. आज जो खाते हैं, वही बन जाते हैं.' यानी देशपांडे कहना चाहते हैं कि पौष्टिक और अच्छा खाना खाएं, जिससे आपका स्वास्थ्य अच्छा बना रहे.
सोशल मीडिया पर लोग दे रहे प्रतिक्रिया
अब देशपांडे की पोस्ट पर सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं. कुछ उनका साथ देते दिख रहे हैं तो कुछ विरोध भी कर रहे हैं. एक यूजर ने तो कहा कि उनकी दादी कहती थीं जल्दी का काम शैतान का होता है. वह बोले कि आसान खाना खराब खाने जैसा होता है, तो उससे दूर ही रहें.
सिपला में मैनेजर जयकिशन भाटिया ने कहा कि किसी रेगुलेटरी अथॉरिटी को इस पर लगाम लगानी चाहिए. जल्दी डिलीवरी करना दिक्कत की बात नहीं है, बल्कि इसके लिए खाने की क्वालिटी के साथ समझौता करना गलत है. उन्होंने तो एक सुझाव भी दिया कि कंपनी खाना बनाने का वक्त और उसे डिलीवरी करने का वक्त अलग-अलग कर सकती है. इस तरह खाने की क्वालिटी भी खराब नहीं होगी और स्टार्टअप अपने 10 मिनट डिलीवरी के वादे को भी पूरा कर सकेंगे.