कार्लाइल ग्रुप (Carlyle Group) ने डेल्हीवेरी (Delhivery) में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी है. इसके तहत Carlyle Group ने करीब 1.84 करोड़ शेयर बेचे हैं, जो कंपनी में लगभग 2.53 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है. इंटरनेट लॉजिस्टिक्स फर्म डेल्हीवेरी के शेयर्स को Carlyle Group ने एक ब्लॉक डील के जरिए बेचा है. बताया जा रहा है कि ब्लॉक डील के जरिए कंपनी को करीब 709 करोड़ रुपये मिले हैं. कंपनी ने ब्लॉक डील के तहत शेयरों का ऑफर प्राइस 385.5 रुपये तय किया था.

लगभग 5 साल पहले ली थी हिस्सेदारी

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लॉजिस्टिक्स यूनीकॉर्न डेल्हीवरी में कार्लाइल ग्रुप ने 2017 में हिस्सेदारी खरीदी थी. उस वक्त कंपनी के पास डेल्हीवरी में करीब 5.07 फीसदी हिस्सेदारी थी.  वहीं पिछले साल नवंबर कार्लाइल ग्रुप ने इस स्टार्टअप में लगभग 2.52 फीसदी यानी लगभग 1.8 करोड़ शेयर बेच दिए थे. इस तरह कंपनी की हिस्सेदारी आधी ही रह गई. यह हिस्सेदारी कार्लाइल ग्रुप की कंपनी CA Swift Investments के जरिए डेल्हीवरी में की गई थी. बता दें कि CA Swift Investments एक स्पेशल पर्पज व्हीकल है.

पिछले ही साल आया था डेल्हीवेरी का IPO

मई 2022 में ही Delhivery यूनीकॉर्न का आईपीओ आया था. आईपीओ के तहत कंपनी का शेयर 487 रुपये में निवेशकों को मिला था. इसकी लिस्टिंग महज 2 फीसदी प्रीमियम के साथ हुई थी. उसके बाद से अब तक कंपनी के शेयरों की कीमत में गिरावट का दौर जारी है. कंपनी के शेयरों में अब तक करीब 28 फीसदी की गिरावट देखी जा चुकी है. कंपनी का शेयर गुरुवार को करीब 385 रुपये के लेवल पर बंद हुआ. ऐसे में निवेशकों के लिए डेल्हीवरी अब फायदे का सौदा नहीं रहा है. इस साल टाइगर ग्लोबल और कुछ अन्य बड़े वेंचर कैपिटल फंड्स ने भी ओपन मार्केट में ट्रांजेक्शन के जरिए डेल्हीवरी कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेची है.