Business Idea: मछली पालन (Fisheries) रोजगार का एक नया जरिया बनकर उभरा है. मछली का बिजनेस करना काफी फायदेमंद है. इसके जरिए से कोई भी शख्स हर महीने लाखों की कमाई कर सकता है. मछली पालन बिजनेस की लोकप्रियता बढ़ी. लोग अब अपनी नौकरी छोड़कर इसमें हाथ आजमा रहे हैं और सफलता पा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले की प्यूशिका यादव भी इन्हीं से एक हैं, जिन्होंने टीचर की नौकरी छोड़ मछली पालन का काम शुरू की.

कैसे हुई शुरुआत?

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प्यूशिका यादव मछली पालन के क्षेत्र में आने से पहले एक शिक्षिका थीं और उन्हें ₹35,000 की मंथली इनकम होती थी. हालांकि, उनकी आय उनके परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं थी. वह एक ऐसे बिजनेस की तलाश कर रही थी जो उसे लंबे समय तक बनाए रखें और जल्द ही उन्हें एक समाधान मिला, फिश फूड बिजनेस का.

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इसके अलावा, उन्होंने महसूस किया कि ग्राहकों के लिए साल भर ताजी मछली की सप्लाई की जरूरत है. साल 2020 में, उन्होंने 1.7 हेक्टेयर क्षेत्र में कल्चर के लिए दो तालाब और बीज पालन के लिए 0.3 हेक्टेयर क्षेत्र में तीन तालाब बनाए. नेशनल फिशरीज डेवलपमेंट बोर्ड के मुताबिक, उन्होंने शुरू में इसे पर्सनल फार्मिंग के लिए बनाया था, लेकिन स्थानीय किसानों की निरंतर मांग के साथ, दिन-ब-दिन उनसे मिलने और फिश कल्चर में उनकी भागीदारी ने प्यूशिका को स्थानीय किसानों के लिए बीज पालन का बिजनेस शुरू करने के लिए प्रेरित किया.

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इसका उन्हें बेहतर नतीजा मिला. उन्होंने पहले बैच से 2.5 लाख अर्ली फ्राई का उत्पादन किया. उन्हें अप्रशिक्षित मजदूरों, ज्यादा बिजली बिल और बीजों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी जैसी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा. बाद में, उन्होंने न केवल अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया बल्कि उन्हें अपनी आजीविका कमाने में मदद की और मछली के बीज के ट्रांसपोर्टेशन के लिए गाड़ी खरीदी.

वह पानी की गुणवत्ता के मापदंडों के उचित रखरखाव, बेहतर फीड के साथ मछली को खिलाने और नियमित अंतराल पर मछली के स्टॉक के नमूने के माध्यम से पालने वाले तालाबों को मैनेज करती है, जिससे जीवित रहने के अनुपात को आमतौर पर 20% के मुकाबले 30% से 40% तक बढ़ाने में मदद मिली.

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प्यूशिका ने 2020 में मछली पालन का बिजनेस शुरू की थी. वो सालाना 30 टन मछली का उत्पादन करती हैं और सालाना 40 लाख रुपये का कारोबार कर लेती हैं.

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