फरीदाबाद के बायोमैटेरियल्स स्टार्टअप Ukhi ने अपने प्री-सीड फंडिंग राउंड में 1.2 मिलियन डॉलर यानी करीब 10 करोड़ रुपये जुटाए हैं. यह पैसे स्टार्टअप (Startup) को सस्टेनेबल बायोमैटेरियल्स का उत्पादन बढ़ाने और पैकेजिंग सेक्टर में इनोवेशन (Innovation) को आगे बढ़ाने के लिए मदद करेंगे.

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इस फंडिंग राउंड की अगुवाई 100Unicorns ने की. इसके अलावा इस फंडिंग राउंड में Venture Catalysts और एंजल निवेशक अवतर मोंगा ने भी हिस्सा लिया. इसके अलावा Small Industries Development Bank of India (SIDBI) से स्टार्टअप को डेट फंडिंग भी हासिल हुई है.

बिजनेस बढ़ाने और रिसर्च पर फोकस

Ukhi अपने जुटाए गए निवेश का उपयोग अपनी उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने, सस्टेनेबल मटेरियल्स पर रिसर्च को बेहतर बनाने और ग्लोबल लेवल पर पैकेजिंग सॉल्यूशंस का विस्तार करने के लिए करेगी. 

इस स्टार्टअप की शुरुआत 2019 में प्रियंका चौहान, विशाल विवेक और सुंदीप कुमार त्यागी ने की थी. Ukhi स्टार्टअप को एग्रीकल्चर वेस्ट का इस्तेमाल करते हुए बायोडिग्रेडेबल बायोमैटेरियल्स बनाने में महारत हासिल है. इस स्टार्टअप की पेटेंट पेंडिंग तकनीक, लिग्नोसेलूलोजिक एग्री वेस्ट को कम्पोस्टेबल मटीरियल्स में बदलने का काम करती है, जो पारंपरिक रुप से इस्तेमाल हो रहे प्लास्टिक को रिप्लेस करने की क्षमता रखती है.

प्लास्टिक प्रदूषण से निपटना है मकसद

Ukhi का मकसद प्लास्टिक प्रदूषण से निपटना और फसल जलाने को कम करना है. इसके लिए स्टार्टअप कृषि अवशेषों को कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल करता है. हरियाणा और उत्तराखंड में अपने ऑपरेशनल बेस के साथ, Ukhi फूड और रिटेल इंडस्ट्री के लिए सस्टेनेबल पैकेजिंग प्रोडक्ट्स की एक रेंज तैयार कर रहा है.

सस्टेनेबल पैकेजिंग की बढ़ रही मांग

Ukhi की इनोवेटिव तकनीक पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पैकेजिंग उत्पादों के लिए एक नई दिशा प्रदान कर रही है. इससे उत्पादित बायोमैटेरियल्स उद्योगों को उनके कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और पर्यावरणीय नियमों का पालन करने में मदद करेंगे. 

Ukhi की यह पहल सस्टेनेबल पैकेजिंग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है, जिससे भारत और अन्य देशों में पर्यावरण को बचाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा सकेगा.