Ola में इन दिनों इस्तीफों और छंटनी का दौर चल रहा है. हाल ही में कंपनी ने सीएफओ कार्तिक गुप्ता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, वो भी सिर्फ 7 महीने में ही. इससे पहले सिर्फ 4 महीने ही कंपनी में बिताने के बाद ओला कैब्स के सीईओ हेमंत बख्शी इस्तीफा दे चुके हैं. इतना ही नहीं, कंपनी ने करीब 10 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी भी करने का फैसला किया है. इसी बाच भाविश ने अपने भाई अंकुश अग्रवाल को कंपनी में एक बड़ी जिम्मेदारी है. अब लोगों के समझ में ये नहीं आ रहा है कि आखिर कंपनी के अंदर चल क्या रहा है?

क्यों दिया कार्तिक गुप्ता ने इस्तीफा?

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ओला ने पिछले दिनों ही इस बात को साफ कर दिया था कि वह बिजनेस रीस्ट्रक्चरिंग कर रही है. कंपनी के प्रवक्ता के अनुसार ओला मोबिलिटी के सीएफओ कार्तिक गुप्ता का कंपनी से इस्तीफा देना भी उसी का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि एआई की मदद से कैब-सर्विस देने वाली इंडस्ट्री पूरी दुनिया में बेहतर बन रही है. इसके चलते प्रोडक्टिविटी को बेहतर करने के लिए कंपनी में बिजनेस को रीस्ट्रक्चर करने का फैसला किया है.

हाल ही में कंपनी में आए हैं अंकुश अग्रवाल

ओला (Ola) के फाउंडर भाविश अग्रवाल (Bhavish Aggarwal) के ने हाल ही में अंकुश अग्रवाल (Ankush Aggarwal) को कंपनी में एक बड़ा पद दिया है. उन्होंने अंकुश अग्रवाल को ओला फाइनेंशियल सर्विसेस (Ola Financial Services) का चीफ एग्जिक्युटिव ऑफिसर नियुक्त किया है. रिपोर्ट्स के अनुसार अंकुश अग्रवाल ओला कैब्स की सीनियर लीडरशिप का हिस्सा होंगे. बता दें कि अंकुश अग्रवाल और कोई नहीं, बल्कि भाविश अग्रवाल के भाई हैं. 

4 महीने बाद ही ओला कैब्स के सीईओ का इस्तीफा

अप्रैल महीने के आखिरी हफ्ते में ही हेमंत बख्शी (Hemant Bakshi) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. पता चला कि वह करीब 4 महीने पहले ही ओला कैब्स (Ola Cabs) के सीईओ बने थे. जनवरी के महीने में ही ओला की पैरेंट कंपनी ANI Technologies ने यूनीलीवर के एक पूर्व एग्जिक्युटिव हेमंत बखशी को सीईओ पद पर नियुक्त किया था. यह डेवलपमेंट ओला कैब्स की तरफ से आईपीओ लाने के लिए कुछ इन्वेस्टमेंट बैंकों के साथ बातचीत शुरू होने के कुछ ही दिनों बाद हुआ, जो सबको हैरान कर रहा है.

चल रही बिजनेस रीस्ट्रक्चरिंग की प्रक्रिया

यह भी बताया जा रहा है कि कंपनी तक अपने बिजनेस को रीस्ट्रक्चर करने की प्रक्रिया में है. इस प्रक्रिया के तहत कंपनी के करीब 10 फीसदी तक कर्मचारियों की नौकरी जा सकती है. पिछले ही साल ओला ने करीब 200 कर्मचारियों की छंटनी की थी. यह लोग ओला कैब्स, ओला इलेक्ट्रिक और ओला फाइनेंशियल सर्विसेस वर्टिकल से निकाले गए थे और उस वक्त भी इसे बिजनेस रीस्ट्रक्चरिंग का हिस्सा बताया गया था.

कई देशों में बंद किया बिजनेस

ओला (Ola) ने हाल ही में ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में अपना कामकाज समेटने का फैसला किया था. कंपनी ने कहा है कि वह भारतीय मार्केट पर फोकस करेगी और बिजनेस बढ़ाएगी. ओला मोबिलिटी के प्रवक्ता ने कहा था- ‘हमारा कामकाज तेजी से बढ़ रहा है और हम भारत में लाभदायक स्थिति में और क्षेत्र में अगुवा बने हुए हैं. न केवल व्यक्तिगत परिवहन में बल्कि ऑनलाइन टैक्सी बुकिंग कारोबार में भविष्य इलेक्ट्रिक है. साथ ही भारत में विस्तार के लिए काफी अवसर हैं.’