सिर्फ 6 महीनों में 70 स्टार्टअप्स ने किया 17 हजार लोगों का Layoff, करीब एक तिहाई रह गई Startup Funding
एक रिपोर्ट आई है, जिसने दावा किया है कि 6 महीनों में ही 70 स्टार्टअप ने लगभग 17000 लोगों को नौकरी से निकाल दिया है. छंटनी का ये आंकड़ा हैरान करने वाला है.
स्टार्टअप्स (Startups) का फंडिंग विंटर (Funding Winter) खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. एक के बाद एक तमाम स्टार्टअप्स में छंटनी (Layoffs) हो रही है. कहीं चंद कर्मचारी निकाले जा रहे हैं तो कोई अपने स्टार्टअप के बहुत सारे कर्मचारियों की छुट्टी कर दे रहा है. इसी बीच एक रिपोर्ट आई है, जिसने दावा किया है कि 6 महीनों में ही 70 स्टार्टअप ने लगभग 17000 लोगों को नौकरी से निकाल दिया है. छंटनी का ये आंकड़ा हैरान करने वाला है.
छंटनी की ये रिपोर्ट एक रिक्रूटमेंट और स्टाफिंग फर्म CIEL HR ने जारी की है. रिपोर्ट के अनुसार इन 17 हजार लोगों को 2023 की पहली छमाही में ही निकाला गया है. ये छंटनी भी करीब 70 स्टार्टअप्स ने की है. यानी एक बात तो साफ होती है कि स्टार्टअप्स के लिए अभी मुश्किलें कम नहीं हुई हैं. यही वजह है कि आए दिन स्टार्टअप्स से कर्मचारी निकाले जा रहे हैं.
किन सेक्टर में निकाले गए सबसे ज्यादा लोग
फिनटेक, एडटेक, लॉजिस्टिक्स टेक, हेल्थ टेक जैसे सेक्टर के स्टार्टअप्स में सबसे ज्यादा छंटनी हुई है. ग्रॉसरी, बेबी केयर और पर्सनल केयर जैसे सेगमेंट में डील करने वाली ई-कॉमर्स स्टार्टअप्स ने भी तेजी से लोगों को बाहर निकाला है. Meesho, Unacademy, Swiggy और ShareChat जैसे यूनिकॉर्न ने भी लोगों को नौकरी से निकाला है. एडटेक सेक्टर के सबसे बड़े स्टार्टअप Byju's ने भी पिछले दिनों में 500-1000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है.
फंडिंग विंटर है इसकी सबसे बड़ी वजह
अगर स्टार्टअप्स में छंटनी की बात करें तो इसकी सबसे बड़ी वजह है फंडिंग विंटर. जब कभी स्टार्टअप्स को मिलने वाली फंडिंग बहुत ज्यादा गिर जाती है यानी स्टार्टअप को फंडिंग मिलनी मुश्किल हो जाती है, तो ऐसी स्थिति को स्टार्टअप ईकोसिस्टम में फंडिंग विंटर कहा जाता है. स्टार्टअप मॉडल काम ही फंडिंग के आधार पर करता है. ऐसे में अगर फंडिंग पर असर पड़ता है तो उसका सीधा असर कंपनी की कमाई पर पड़ता है. जब कंपनियों की कमाई गिरने लगती है तो कॉस्ट कटिंग शुरू होती है और नतीजा ये होता है कि छंटनी शुरू हो जाती है.
करीब एक तिहाई रह गई फंडिंग राउंड की संख्या
भारतीय स्टार्टअप्स की फंडिंग (Startup Funding) में इस साल की पहली छमाही (H1) यानी जनवरी से जून की अवधि तक में करीब 72 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में सामने आ रहा है, जिसे Tracxn Geo Semi-Annual Report: India Tech- H1 2023 नाम की रिपोर्ट में पब्लिश किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार पहली छमाही में भारत के स्टार्टअप्स को सिर्फ 5.5 अरब डॉलर की फंडिंग ही मिली है.
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि फंडिंग राउंड की संख्या में भी गिरावट देखने को मिली है. इस साल की पहली छमाही में करीब 536 फंडिंग राउंड हुए हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में ये आंकड़ा 1500 था, जो पिछले साल दूसरी छमाही में 946 रह गया था. Tracxn की को-फाउंडर नेहा सिंह कहती हैं कि इस गिरावट के बावजूद भारत तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और भारत के स्टार्टअप-ईकोसिस्टम में अभी काफी तेजी से बढ़ने की क्षमता है.