भारत का स्टार्टअप (Startup) इकोसिस्टम ने हाल ही में एक चुनौतीपूर्ण दौर देखा है. सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 5 दिसंबर 2024 तक Startup India पहल के तहत रजिस्टर हुए कुल स्टार्टअप्स में से 5000 से भी अधिक स्टार्टअप बंद (Startup Shut Down) हो चुके हैं. बता दें कि यह आंकड़ा कुल रजिस्टर्ड स्टार्टअप 1.52 लाख का 3.3% है. केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय में राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने हाल ही में लोकसभा में एक लिखित जवाब में दी.

महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा स्टार्टअप हुए बंद

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राज्यों के हिसाब से महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा स्टार्टअप्स बंद हुए हैं. यहां 929 स्टार्टअप्स ने अपना काम बंद किया है. इसके बाद कर्नाटक (644), दिल्ली (593), उत्तर प्रदेश (487) और तेलंगाना (301) का नंबर आता है. इन स्टार्टअप्स का बंद होना उन चुनौतियों को दिखाता है, जिनका सामना स्टार्टअप्स को करना पड़ता है. इनमें तगड़ा कॉम्पटीशन, फंडिंग की कमी और अस्पष्ट मार्केटिंग स्ट्रेटेजी शामिल हैं.

रोजगार पैदा होने के बावजूद चुनौतियां

ये स्टार्टअप बंद होने के बावजूद, Startup India पहल ने रोजगार पैदा करने में अहम भूमिका निभाई है. इस पहल ने 55 से अधिक उद्योगों में 16.6 लाख से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार पैदा किए हैं. आईटी सेवाओं ने 2.04 लाख नौकरियों के साथ सबसे बड़ा योगदान दिया. इसके बाद स्वास्थ्य और जीवन विज्ञान (1.47 लाख), पेशेवर सेवाएं (94,060), शिक्षा (90,414), निर्माण (88,702) और खाद्य और पेय पदार्थ (88,468) क्षेत्रों का स्थान रहा. 

MSME सेक्टर भी संकट में

यह संकट केवल स्टार्टअप्स तक ही सीमित नहीं है, बल्कि MSMEs भी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. उध्यम पोर्टल के जरिए पंजीकृत MSMEs में से 61,469 यूनिट्स ने अपना संचालन बंद कर दिया है. जुलाई 2020 में पोर्टल की शुरुआत से अब तक, जुलाई और नवंबर 2024 के बीच 12,000 से अधिक MSMEs बंद हो चुके हैं.