2024 में जमीन सौदों में आया बड़ा उछाल, खरीद-बिक्री में 65% बढ़ोतरी,दिल्ली-NCR बना निवेशकों का हॉट फेवरेट
रियल एस्टेट सेक्टर में इस साल जमीन के सौदों में एतिहासिक तेजी देखने को मिली है. सीबीआरई की रिपोर्ट बताती है कि इस दौरान 1,700 एकड़ से ज्यादा जमीन के सौदे हुए, जो पिछले साल के मुकाबले एक बड़ी उपलब्धि है.
देश के रियल एस्टेट सेक्टर में इस साल जमीन के सौदों में ऐतिहासिक उछाल देखा गया है. जनवरी से सितंबर 2024 के बीच जमीन की खरीद-बिक्री में 65% की बढ़ोतरी हुई है. सीबीआरई की रिपोर्ट बताती है कि इस दौरान 1,700 एकड़ से ज्यादा जमीन के सौदे हुए, जो पिछले साल के मुकाबले एक बड़ी उपलब्धि है. खासतौर पर दिल्ली-एनसीआर ने सबसे ज्यादा सौदे करके बाजार में अपनी पकड़ मजबूत की है. गुरुग्राम, नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और बढ़ती कनेक्टिविटी ने इन क्षेत्रों को निवेशकों और डेवलपर्स की पहली पसंद बना दिया है.
दिल्ली-एनसीआर की बढ़त जारी
जमीन के सौदों में ऐतिहासिक उछाल का असर आवासीय क्षेत्र में भी दिखा, क्योंकि इस समय में मेट्रो और उपनगरों में 1,700 एकड़ से ज्यादा ज़मीन का लेन-देन हुआ. 100 से ज्यादा सौदे किए गए, जो पिछले साल के 60 सौदों से बहुत ज्यादा थे. इस बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा असर टियर 1 शहरों जैसे मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु और पुणे में देखी गई, दिल्ली-एनसीआर ने इस बढ़ते बाजार में सबसे बड़ी हिस्सेदारी हासिल की, जहां गुरुग्राम ने 65% के साथ बाजी मारी. नोएडा और ग्रेटर नोएडा ने 20% हिस्सेदारी के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कुल सौदों में 61% आवासीय प्रोजेक्ट्स के लिए हुए हैं, जो घरों की बढ़ती मांग को दर्शाते हैं.
डेवलपर्स ने जताई डिमांड बढ़ने की उम्मीद
क्रीवा,कनोडिया ग्रुप और कनोडिया सीमेंट के फाउंडर डॉ.गौतम कनोडिया कहते हैं कि दिल्ली-एनसीआर में अच्छे घरों की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिसे जमीन की खरीद-फरोख्त में इजाफे से समझा जा सकता है. इस साल की शुरुआत में, हमने गुरुग्राम के सेक्टर 46 में ₹153 करोड़ में 1.74 एकड़ जमीन खरीदी थी. शहरीकरण बढ़ने और इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर होने के साथ, हम इस बदलाव पर नजर रख रहे हैं और ज्यादा जमीन खरीदने पर ध्यान दे रहे हैं.
डेवलपर्स और निवेशकों का बढ़ा है भरोसा
डॉ.गौतम कनोडिया कहते हैं हमारा फोकस दिल्ली-एनसीआर के उभरते इलाकों में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अच्छे और लंबे समय तक फायदा देने वाले घर तैयार करना है. बाजार की अच्छी स्थिति, इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास और घरों की बढ़ती मांग ने देशभर में जमीन की डील्स को बढ़ावा दिया है. भारतीय अर्थव्यवस्था के बढ़ने से डेवलपर्स और निवेशकों का भरोसा भी बढ़ा है, जिससे वे रियल एस्टेट में नए प्रोजेक्ट लॉन्च करने और बेहतर मुनाफा कमाने की कोशिश कर रहे हैं.
नए इलाकों में प्रोजेक्ट लॉन्च करने की तैयारी
लैंडमार्क ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन संदीप छिल्लर ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में जमीन खरीदने के मामलों में तेजी रियल एस्टेट सेक्टर के लिए अच्छा संकेत है. यह बढ़ोतरी बेहतर आर्थिक माहौल, निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी, ज्यादा मांग और खरीदारों की बदलती पसंद के कारण हो रही है. बदली हुई जरूरतों को देखते हुए रियल एस्टेट डेवलपर्स नए इलाकों में जमीन खरीदने और प्रोजेक्ट लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं. मौजूदा जमीन की डील्स दिखाती हैं कि अगले साल घरों की आपूर्ति बेहतर रहेगी और बाजार में उत्साह बना रहेगा.
गुरुग्राम और नोएडा बने निवेशकों के पसंदीदा विकल्प
दिल्ली-एनसीआर, खासकर गुरुग्राम, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में तेजी से हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर विकास ने ऐसे इलाकों को विकास के लिए खोला है, जो पहले कनेक्टिविटी की कमी के चलते पिछड़ गए थे. द्वारका एक्सप्रेसवे और साउदर्न पेरिफेरल रोड जैसे एक्सप्रेसवे ने सफर का समय काफी घटा दिया है, जिससे ये इलाके डेवलपर्स और घर खरीदने वालों के लिए और ज्यादा आकर्षक हो गए हैं.
साइड इनकम के लिए जमीन में कर रहे हैं निवेश
360 रियल्टर्स के निदेशक संजीव अरोड़ा ने बताया कि जमीन अब मिडिल क्लास और हाई-इनकम फैमिली के बीच काफी पॉपुलर हो रही है. एनसीआर में लोग जमीन खरीद रहे हैं क्योंकि इसे कई तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है. कुछ लोग इसे अपने लिए खरीदते हैं, तो कुछ बिल्डर फ्लोर बनाने के लिए, जो एक अच्छा निवेश माना जाता है. यहां तक कि नौकरीपेशा लोग भी साइड इनकम के लिए जमीन में निवेश कर रहे हैं. लेकिन जमीन की कीमतें बहुत बढ़ गई हैं.
गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड जैसे इलाकों में जमीन की कीमत ₹25,000-30,000 प्रति वर्ग फुट तक है, जो हर किसी के बजट में नहीं आती. इसलिए, लोग सोहना, द्वारका एक्सप्रेसवे और न्यू गुरुग्राम जैसे इलाकों की तरफ रुख कर रहे हैं. सोहना में ₹6,000-8,000 प्रति वर्ग फुट की जमीन मिल रही है, जो मिडिल क्लास फैमिली के लिए सही ऑप्शन है.