महंगाई पर लगाम के साथ रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूती देगा आरबीआई का यह फैसला, दिसंबर में बड़ा बदलाव संभव
आरबीआई के इस घोषणा के बाद रियल एस्टेट डेवलपर्स ने खुशी जताते हुए कहा कि इस फैसले से प्रॉपर्टी बाजार और होम बायर्स दोनों को फायदा मिलेगा. रियल एस्टेट सेक्टर के अलग-अलग दिग्गजों ने आरबीआई के इस कदम को बेहतर बताते हुए अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं.
त्योहारी सीजन पर घर खरीदारों को राहत देते हुए आरबीआई ने बड़ा फैसला लिया है. इस बार भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखकर रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ी राहत दी. हालांकि उम्मीद की जा रही थी कि फेडरल रिजर्व के रेट कट के बाद आरबीआई भी 25 बेसिस प्वाइंट्स तक रेट में कटौती कर सकता है. हालांकि अभी भी मार्केट एक्सपटर्स का कहना है कि यह भी सेक्टर के लिए बेहतर निर्णय है, क्योंकि आरबीआई ने अपने स्टांस को न्यूट्रल रखा है. इसके बाद माना जा सकता है कि वैश्विक हालात को देखते हुए अगली मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में दरों को कम किया जा सकता है. आरबीआई के इस घोषणा के बाद रियल एस्टेट डेवलपर्स ने खुशी जताते हुए कहा कि इस फैसले से प्रॉपर्टी बाजार और होम बायर्स दोनों को फायदा मिलेगा. रियल एस्टेट सेक्टर के अलग-अलग दिग्गजों ने आरबीआई के इस कदम को बेहतर बताते हुए अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं.
Gaur Group के मनोज गौड़ का बयान
क्रेडाई के अध्यक्ष और गौर ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ ने कहा कि आरबीआई द्वारा रेपो दर पर यथास्थिति बनाए रखने की घोषणा से बाजार, खरीदारों के साथ-साथ रियल एस्टेट डेवलपर्स दोनों में उत्साह बढ़ेगा. यह निर्णय न केवल भारत की अर्थव्यवस्था में स्थिरता का संकेत देता है. इसके साथ ही आरबीआई ने संकेत दे दिए हैं कि आने वाले समय में रेट कम हो सकती हैं और होम बायर्स को राहत मिल सकती है. हालांकि, किफायती आवास क्षेत्र अभी भी चिंता का एक क्षेत्र है, और हमें उम्मीद है कि आरबीआई इसकी चिंताओं पर ध्यान देगा.
काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी का कहना है कि आरबीआई का रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर पहली बार घर खरीदने वालों के लिए, जो त्योहारों के मौसम में अच्छे ऑफर्स का इंतज़ार कर रहे हैं. इसके साथ ही पॉलिसी के रुख को न्यूट्रल करने से आने वाले समय में रेट कट के संकेत मिलना रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूती दे रहा है. वर्तमान भू-राजनीतिक परिस्थिति और देश की मजबूत आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, यह फैसला स्थिरता और विकास का संकेत देता है. यह बाजार को गति देगा और घर खरीदना सस्ता बनाएगा, साथ ही आरबीआई की इस स्थिति से हमें भविष्य में दरों में कटौती की उम्मीद भी है.
रियल एस्टेट डेवलेपर्स मिला सपोर्ट
एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर संजय शर्मा का कहना है कि आरबीआई ने फेस्टिव सीजन में रेपो रेट को 6.50% पर स्थिर रखकर बायर्स की उम्मीदों को एक बार फिर संतुष्ट किया है. इससे न केवल संभावित खरीदारों के लिए ब्याज दरें स्थिर होंगी बल्कि त्योहारों के दौरान खरीदारी को भी बल मिलेगा. यह आरबीआई का स्वागत योग्य कदम है और हम आशा करते हैं कि रियल एस्टेट सेक्टर जिस तेजी से आगे बढ़ रहा है, वह जारी रहेगा. यह निर्णय बायर्स और डेवलपर्स दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा. वहीं, आरबीआई ने संकेत दिया है कि आने वाले समय में रेट में कटौती हो सकती है जो सेक्टर के लिए सकारात्मक कदम है.
मिग्सन ग्रुप के एमडी यश मिगलानी के अनुसार रियल्टी सेक्टर का डेवलपमेंट पॉजिटिव बना हुआ है, कंजम्पशन बढ़ रही है, और अधिक से अधिक लोग मिड, प्रीमियम और लक्जरी रेजिडेंशियल सेगमेंट में इन्वेस्ट कर रहे हैं. फेस्टिव सीजन की शुरुआत के साथ ही इसमें ओर तेजी आई है. अब आरबीआई द्वारा रेपो रेट को अनचेंज्ड रखकर गति को और बढ़ाने का निर्णय रियल एस्टेट सेक्टर को मोटीवेट करेगा क्योंकि इससे खरीदारों को कुछ राहत भी मिलेगी क्योंकि उनकी ईएमआई नहीं बढ़ेगी. साथ ही भविष्य में रेट कट की संभावनाओं से बाजार में और तेजी आएगी.
रॉयल एस्टेट ग्रुप समेत इन कंपनियों ने दिए ये बयान
रॉयल एस्टेट ग्रुप किे एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पीयूष कंसल के अनुसार रेपो रेट को 6.5% पर बनाए रखने के आरबीआई के फैसले से हाउसिंग मार्किट में अनुकूल राइज की उम्मीद है. नवरात्र और दीवाली समेत पूरे फेस्टिव सीजन में अन चेंज्ड होम लोन दरें संभावित होम बायर्स को कुछ राहत प्रदान करेंगी. नतीजतन, स्टेबल इंटरेस्ट रेट बायर्स और डेवलपर्स दोनों को लाभान्वित करेंगी, जिससे सेक्टर में कॉन्फिडेंस और इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा मिलेगा. आरबीआई ने घोषणा की है कि उसका रुख अब न्यूट्रल है, जिसके चलते भविष्य में रेट कम होने की उम्मीद है. इससे होम बायर्स को और लाभ होगा.
स्पेक्ट्रम मेट्रो के वाइस प्रेजीडेंट सेल्स व मार्केटिंग RBI ने इस बार भी रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखा है और अपने रुख को न्यूट्रल रखकर भविष्य में रेट कट के संकेत दे दिए हैं. केंद्रीय एजेंसी ने मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया है. हालांकि, हमारी राय में एजेंसी 25 आधार अंकों तक दर को संशोधित करने पर विचार कर सकती थी, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था को और मदद मिलती. भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 25 में 7% की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जो इसे ऐसे समय में सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक बनाती है, जहां वैश्विक स्तर पर विकास ज्यादातर सुस्त है. हालांकि आरबीआई का यह निर्णय फेस्टिव सीजन में कमर्शियल और रेजीडेंशियल दोनों रियल एस्टेट मार्केट को सपोर्ट करेगा.
तिरस्या एस्टेट्स के संस्थापक और प्रबंध निदेशक रवींद्र गांधी ने कहा, "आरबीआई द्वारा रेपो दर को अपरिवर्तित रखने और अपने रुख को तटस्थ करने का निर्णय रियल एस्टेट बाजार के लिए एक उत्साहजनक खबर है, जिससे खरीदारों और डेवलपर्स दोनों को लाभ होगा। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब इस क्षेत्र में नई ऊर्जा का अनुभव हो रहा है, नए क्षेत्रों में विस्तार हो रहा है और अपनी पेशकशों को बढ़ा रहा है. यह भारत की अर्थव्यवस्था में स्थिरता को दर्शाता है, खासकर वैश्विक चुनौतियों के बीच. यह यथास्थिति भविष्य में संभावित दरों में कटौती का मार्ग भी प्रशस्त कर सकती है, जिससे मार्केट का रुख सकारात्मक होगा. हालांकि, हम किफायती आवास क्षेत्र के बारे में चिंतित हैं और उम्मीद करते हैं कि आरबीआई आगामी समीक्षाओं में इसकी चुनौतियों का समाधान करेगा.
सनड्रीम ग्रुप के सीईओ हर्ष गुप्ता के अनुसार आरबीआई ने रेपो रेट को स्थिर रखकर एक बार फिर बेहद अच्छी पहल की है, क्योंकि फेस्टिव सीजन में जहां कमर्शियल रियल एस्टेट में अच्छी खरीदारी हो रही है, वहीं यह निर्णय बायर्स और विश्वास देगा. स्थिर रेपो रेट होम बायर्स के लिए विश्वसनीयता और आत्मविश्वास प्रदान करती है. इस स्थिरता का रियल एस्टेट सेक्टर के विकास पर सीधा प्रभाव पड़ता है, जो बदले में भारत की जीडीपी और भविष्य की विकास संभावनाओं में महत्वपूर्ण योगदान देता है.
यश मिगलानी, एमडी, मिसगन ग्रुप के अनुसार "मैं आरबीआई के फैसले को मुद्रास्फीति पर काबू पाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के बीच एक संतुलन अधिनियम के रूप में देखता हूं. मुद्रास्फीति में कमी और जीडीपी अनुमान मजबूत रहने के साथ, रियल एस्टेट सेक्टर के लिए तेजी से अनुकूलन करना अनिवार्य है. इनोवेशन, स्थिरता और स्ट्रैटेजीज को अपनाना होगा यह उभरते परिदृश्य के माध्यम से सेक्टर में विकास के लिए नए अवसरों को खोलने की कुंजी बनेगा.
अजेंद्र सिंह, स्पेक्ट्रम मेट्रो, वाइस प्रेजीडेंट (सेल्स एंड मार्केटिंग) का कहना है कि कि नई सरकार के गठन के बीच रेपो रेट 6.50% पर बनाए रखने के आरबीआई के फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर में सराहनीय उछाल की उम्मीद है. आवास की कीमतों में वृद्धि के बीच, स्थिर होम लोन दरों से घर खरीदारों को कुछ राहत मिलेगी. इसके अलावा, अपरिवर्तित ब्याज दरों से खरीदारों और डेवलपर्स को लाभ होगा, जिससे क्षेत्र में मजबूत उपभोक्ता विश्वास और निवेश स्थापित होगा. रेपो रेट को स्थिर रखने के आरबीआई के फैसले से नई परियोजनाएं स्थापित होंगी और उभरते क्षेत्रों में विकास का विस्तार होगा.
संजीव अरोड़ा, डायरेक्टर 360 रियलटर्स के अनुसार पिछले कुछ महीनों से रियल एस्टेट सेक्टर आरबीआई के रेपो रेट को 6.5% पर बनाए रखने के फैसले पर उत्सुकता से नज़र रख रहा है. पोटेंटाइल बायर्स स्टेब्लिटी के परिणामस्वरूप अधिक आश्वस्त और उत्साहित महसूस कर रहे हैं, जो रेजिडेंशियल और कमर्शियल सेक्टर में इन्वेस्टमेंट को प्रोत्साहित कर रहा है - खासकर जब त्यौहार नज़दीक आ रहे हैं.
संदीप छिल्लर, फाउंडर और चेयरमैन, लैंडमार्क ग्रुप के अनुसार बाजार की सकारात्मक स्थिति में, लगातार दसवीं बार रेपो रेट को 6.5% पर बनाए रखना रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक बड़ा समर्थन है. इस समय आवासीय क्षेत्र में मांग अपने उच्चतम स्तर पर है, और त्योहारों के मौसम में हम उम्मीद कर रहे हैं कि हाउसिंग बिक्री के नए रिकॉर्ड बनेंगे. लोन रेट स्थिर रहने से संभावित घर खरीदारों की संख्या बढ़ेगी, जिससे यह सेक्टर लगातार आगे बढ़ेगा और नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा.
एचसीबीएस डेवलपमेंट्स के ग्रुप मैनेजिंग डायरेक्टर, सौरभ सहारन कहते हैं कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखना सेक्टर के लिए सही फैसला है. इससे बिक्री बढ़ेगी, जो भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद होगा. यह संभावित खरीदारों के लिए वित्तीय दबाव को भी कम करेगा. पिछले कुछ सालों में सेक्टर अच्छा कर रहा है, और यह फैसला डेवलपर्स को नई जरूरतों के हिसाब से प्रोजेक्ट बनाने में मदद करेगा.
ट्राईसोल रेड के एमडी, पवन शर्मा का कहना है कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट को 6.5% पर बनाए रखना यह दिखाता है कि बैंक मुद्रास्फीति नियंत्रण और विकास को बढ़ावा देने के बीच संतुलन बना रहा है. इस स्थिरता से एनसीआर में लक्जरी हाउसिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा. हम उम्मीद करते हैं कि यह निरंतर मौद्रिक नीति उपभोक्ताओं के विश्वास को और मजबूत करेगी और रियल एस्टेट निवेश की मांग को बनाए रखेगी. इससे रियल एस्टेट सेक्टर के लिए सकारात्मक माहौल बनेगा.
नीरज शर्मा, एमडी, एस्कॉन इंफ़्रा रियल्टर्स के अनुसार पहले की घोषणाओं की तरह, आरबीआई ने रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखा है, जो डिवेलपर्स और खरीदारों के लिए बड़ी राहत है. लग्जरी हाउसिंग के बढ़ते रुझान के साथ, इस स्थिरता से बाजार को और मजबूती मिलेगी, और लोन रेट स्थिर रहने से लोगों का विश्वास भी बना रहेगा. इससे रियल एस्टेट क्षेत्र नई ऊंचाइयों पर जाएगा और व्यावसायिक व आवासीय क्षेत्रों को मजबूती मिलेगी. इसके साथ ही उभरते क्षेत्रों में प्रोजेक्ट्स लॉन्च करने का रास्ता खुलेगा.
नंदनी गर्ग, डायरेक्टर, राजदरबार वेंचर्स ने कहा कि जब से रियल एस्टेट सेक्टर में लग्जरी रेसिडेंशियल प्रॉपर्टीज की मांग बढ़ी है, रेपो रेट की स्थिरता इस सेक्टर के लिए फायदेमंद होगी. इससे रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज की मांग बढ़ेगी और डेवलपर्स को ऐसे प्रोजेक्ट बनाने का मौका मिलेगा जो खरीदारों की जरूरतों को पूरा करें. इसके अलावा, स्थिर होम लोन दरें संभावित घर खरीदारों को बड़ा आराम देंगी. जैसे-जैसे लग्जरी हाउसिंग में रुचि बढ़ती जा रही है, यह स्थिरता खरीदारों की रुचि को बढ़ाएगी और डेवलपर्स को और अधिक प्रोजेक्ट बनाने के लिए प्रेरित करेगी.
कुशाग्र अंसल, निदेशक, अंसल हाउसिंग के अनुसार रेपो रेट को स्थिर रखने के आरबीआई के फैसले से हाउसिंग मार्केट पर सकारात्मक असर पड़ेगा. यद्यपि आवास की लागत बढ़ रही है, स्थिर गृह ऋण दरें संभावित खरीदारों को बहुत जरूरी राहत प्रदान करती हैं. यह स्थिरता उपभोक्ता विश्वास को बढ़ाकर और क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करके खरीदारों और डेवलपर्स दोनों को लाभान्वित करती है. आरबीआई के फैसले से नई परियोजनाओं की शुरूआत और रुचि के उभरते क्षेत्रों में विस्तार को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद है.
रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक बार फिर रेपो रेट को स्थिर रखते हुए विकास की गति को बनाए रखा है. इसके साथ ही अपने रुख को न्यूट्रल बताकर साफ कर दिया है कि आने वाले समय में रेपो रेट में कमी आएगी. आगामी त्योहारों के सीज़न को ध्यान में रखते हुए, इस स्थिरता से कर्ज़ की ब्याज दरों का बोझ नहीं बढ़ेगा, जिससे रियल एस्टेट परियोजनाओं में लोगों की रुचि बढ़ेगी. एक साल से अधिक समय से रेपो रेट में कोई बदलाव न होने के कारण, खरीदार अब बढ़ती ऋण ब्याज दरों के डर के बिना प्रॉपर्टी में निवेश जारी रख सकते हैं. रियल एस्टेट की कीमतों में उतार-चढ़ाव को देखते हुए, RBI के स्थिर रुख से उद्योग को एक महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.
क्रीवा के सीईओ मयंक जैन ने कहा कि आरबीआई का रेपो रेट को स्थिर रखने का निर्णय वित्तीय बाजार में स्थिरता का संकेत है. 6.5 प्रतिशत पर लगातार बिना बदलाव के रेपो रेट से आवास की मांग को समर्थन मिलेगा और रियल एस्टेट बाजार की विकास गति मजबूत होगी. यह कदम रियल एस्टेट बाजार के सकारात्मक दृष्टिकोण को बनाए रखेगा, "खासकर इस समय, जब लाखों लोग पहली बार घर खरीदने का मौका प्राप्त करने के लिए उत्सुक हैं. इस निर्णय से रियल एस्टेट क्षेत्र को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी.
सीआरसी ग्रुप के डायरेक्टर मार्केटिंग एंड बिजनेस मैनेजमेंट सलिल कुमार के अनुसार रेपो दरों को 6.50% पर अपरिवर्तित रखने का आरबीआई का निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है जो रियल एस्टेट क्षेत्र में देखी जा रही तेजी को बनाए रखेगा. इसके साथ ही आने वाले समय में रेपो रेट में कट होना तय माना जा रहा है क्योंकि आरबीआई ने अपना रुख न्यूट्रल रखा है. कमर्शियल सेक्टर में विशेष रूप से सकारात्मक मांग प्रदर्शित होने की उम्मीद है क्योंकि वित्तीय अस्थिरता सुलझ गई है और ब्याज दरें समान बनी हुई हैं. इससे इस क्षेत्र की ओर संभावित खरीदारों का प्रवाह भी बढ़ेगा क्योंकि इस क्षेत्र में निवेश करने से उनकी जेब पर ज्यादा भार नहीं पड़ेगा। हमें उम्मीद है कि अधिकारियों का रुख अनुकूल रहेगा, जिससे आगामी घोषणाओं में रियल एस्टेट क्षेत्र को भी लाभ होगा.