India Real Estate: भारतीय रियल एस्टेट से विदेशी निवेशकों का मोह भंग, इतना घट गया इनफ्लो
Indian Real Estate: कंसल्टेंट कंपनी ने कहा कि विदेशी निवेशकों के सतर्क रुख के कारण उनका निवेश सालाना आधार पर 30% गिर गया, लेकिन घरेलू निवेशकों का निवेश 120% बढ़ गया.
Indian Real Estate: भारतीय रियल एस्टेट (Indian Real Estate) में विदेशी निवेशकों से फंड इनफ्लो पिछले साल (2023 में) 30% घटकर 2.73 अरब डॉलर रह गया है. रियल एस्टेट कंसल्टेंट कंपनी वेस्टियन का कहना है कि लेकिन इस सेगमेंट में घरेलू निवेशकों से यह प्रवाह दो गुना से अधिक बढ़कर 1.51 अरब डॉलर हो गया है. आंकड़ों के अनुसार, रियल एस्टेट में कुल संस्थागत निवेश 2023 में 12% घटकर 4.3 अरब डॉलर रह गया, जो 2022 में 4.9 अरब डॉलर था.
कंसल्टेंट कंपनी ने कहा कि विदेशी निवेशकों के सतर्क रुख के कारण उनका निवेश सालाना आधार पर 30% गिर गया, लेकिन घरेलू निवेशकों का निवेश 120% बढ़ गया. घरेलू निवेशकों ने पिछले साल 1.51 अरब डॉलर का निवेश किया, जबकि 2022 वर्ष में यह 68.7 करोड़ डॉलर था. हालांकि, विदेशी फंड का प्रवाह पिछले साल कम होकर 2.73 अरब डॉलर रहा, जबकि 2022 में यह 3.92 अरब डॉलर था. इस प्रकार, रियल एस्टेट में घरेलू निवेशकों की हिस्सेदारी 2022 में 14% से बढ़कर 2023 में 35% हो गई.
ये भी पढ़ें- इस स्टॉक ने 3 साल में दिया 210% रिटर्न, अब निवेशकों को देगा Dividend और Bonus Share का तोहफा
रियल एस्टेट बाजार को उत्साहित बनाए रखा
वेस्टियन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) श्रीनिवास राव ने कहा, रियल एस्टेट क्षेत्र में मांग में अनिश्चितता के बावजूद पूरे वर्ष निवेश मजबूत रहा. घरेलू निवेशकों की सकारात्मक धारणा ने रियल एस्टेट बाजार को उत्साहित बनाए रखा. हालांकि, साल 2023 में निवेश 5 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया, लेकिन वेस्टियन को भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन और योजनाबद्ध इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की एक स्वस्थ प्रक्रिया के दम पर 2024 में पुनरुत्थान की उम्मीद है. भारतीय रियल एस्टेट में 2019 में संस्थागत निवेश 6.5 अरब डॉलर था. साल 2020 में निवेश 5.9 अरब डॉलर और 2021 में 4.8 अरब डॉलर था.
रियल एस्टेट सेक्टर को मिल सकता है इंडस्ट्री का दर्जा
सर्वोत्तम वर्ल्ड के डायरेक्टर विकास जैन का कहना है कि उम्मीद है कि बीते साल की तरह इस साल भी रियल स्टेट सेक्टर में ग्रोथ देखने को मिलेगी. डेवलपर्स को किफायती घर बनाने और उन्हें प्रेरित करने के लिए टैक्स छूट जैसे कई अहम कदम उठाने की जरूरत है. इसके अलावा इस बार के बजट में काफी समय से रियल एस्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा देने की मांग भी पूरी होनी चाहिए. साथ ही समय की बचत और प्रोजेक्टों में देरी से बचने के लिए सरकार को सिंगल विंडो क्लियरेंस की मंजूरी के लिए सुव्यवस्थित करने की दिशा में काम करने चाहिए.
ये भी पढ़ें- Bonus Share: 7 साल में तीसरी बार मुफ्त शेयर देगी ये कंपनी, भाव 50 रुपये से कम, 3 साल में 1380% का दमदार रिटर्न
अंतरिम बजट में सस्ते और छोटे घर बनाने के लिए प्रोत्साहित करने की मांग लंबे समय से की जा रही. उम्मीद की जा रही है कि यह मांग इस बजट में पूरी हो जाएगी. साथ ही रियल एस्टेट सेक्टर का मानना है कि मकान की कीमत कम होने और टैक्स में अधिक राहत मिलने से आवासीय घरों की बिक्री में भी बढ़ोतरी होगी.
सर्वोत्तम वर्ल्ड के डायरेक्टर ऋषभ जैन का कहना है कि अभी देश में 41 फीसदी आबादी के पास अपना घर नहीं है. लोग शहरों में अपने सपने का आशियाना चाहते हैं. बहुत से ऐसे लोग हैं जो सस्ते और छोटे मकान लेना चाहते हैं. इसलिए सरकार इन सब बातों को इस बजट में जोड़ने की पहल करें. इससे ना केवल लोगों के सपने साकार होंगे. बल्कि अधिक मकान के निर्माण से सीमेंट, स्टील, जैसे सेक्टर को भी बूस्ट मिलेगा और बड़े पैमाने पर रोजगार का भी पैदा होगा.
ये भी पढ़ें- Agri Business Idea: मुनाफे का सौदा है जंगली गेंदे की खेती, 3500 रुपये लगाकर कमाएं ₹75,000