Home Loan Prepayment: कोरोना महामारी के दौरान होम लोन 7 फीसदी के नीचे तक आ गया था. उस समय रेपो रेट 4 फीसदी था. पिछले एक साल में रेपो रेट 2.5 फीसदी बढ़ा है जिसके कारण होम लोन 9.5 फीसदी के पार पहुंच गया है. इंटरेस्ट रेट बढ़ने के कारण EMI तो नहीं बढ़ी, लेकिन लोन की अवधि 8-10 सालों के लिए बढ़ गई है. होम लोन प्रीपेमेंट को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ने के साथ में कंफ्यूजन भी बढ़ा है. पीरामल फाइनेंस के मैनेजिंग डायरेक्टर जयराम श्रीधरण से जानते हैं कि होम लोन प्रीपेमेंट से पहले किन 5 बातों को ध्यान में रखना जरूरी है

लोन की अवधि और EMI समझदारी से चुनें

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जयराम श्रीधरण ने कहा कि जब किसी होम लोन का प्रीपेमेंट किया जाता है तो दो फैक्टर महत्वपूर्ण होता है. अगर EMI कम रखेंगे तो लोन की अवधि बढ़ेगी और इंटरेस्ट पार्ट ज्यादा होगा. अगर EMI बढ़ाते हैं तो लोन की अवधि घट जाएगी और इंटरेस्ट में बचत होगी. हालांकि, इससे आपका खर्च बढ़ेगा. ऐसे में समझदारी से EMI और लोन अवधि का फैसला लें.

इमरजेंसी फंड को हाथ नहीं लगाना है

हर किसी को इमरजेंसी फंड बनाकर रखना चाहिए. होम लोन प्रीपेमेंट के लिए इस इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए. अगर ऐसा करते हैं तो इमरजेंसी हालात में आपको महंगी दरों पर पर्सनल लोन उठाने होंगे जो ठीक नहीं है.

टाइमिंग

होम लोन 20-30 सालों का होता है. ऐसे में प्रीपेमेंट का फैसला कब लिया गया है यह महत्वपूर्ण फैक्टर होता है. अगर लोन के शुरुआती समय में भुगतान कर देते हैं तो लाखों रुपए का इंटरेस्ट बच जाएगा. इससे आपकी EMI घट सकती है. अगर देर से प्रीपेमेंट करते हैं तो बेहतर होगा कि आप एडिशनल फंड को कहीं और निवेश करें और होम लोन को पूर्व निर्धारित अवधि में चुकाएं. बॉरोअर्स अपने लेंडर्स से भी इस तरह के तमाम फैक्टर्स को लेकर चर्चा कर  सकता है.

प्रीपेमेंट नियमों और शर्तों को समझना

आमतौर पर लोगों को फ्लोटिंग दर पर प्राप्त किए गए उनके होम लोन के प्रीपेमेंट पर किसी तरह का शुल्क या चार्ज नहीं देना पड़ता. हालांकि,  लोन प्रीपेमेंट करने से पहले इसकी जानकारी जरूर लें. पहले अपने लेंडर्स से सभी टर्म एंड कंडीशन के बारे में जानें फिर लोन प्रीपेमेंट का फैसला लें.

अपने इन्वेस्टमेंट को इससे दूर रखें

रिटायरमेंट प्लानिंग, बच्चों की शिक्षा और अन्य बड़े खर्चों के लिए बनाए गए निवेश को घर के लोन के प्रीपेमेंट के लिए लिक्विडेट करना आर्थिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है. इससे दूर रहें ताकि बड़े लक्ष्यों को पूरा करने के लिए महंगे लोन लेने की जरूरत न हो.

 

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