छोटे घरों की कम हुई डिमांड, 1.5 करोड़ से ज्यादा के लग्जरी मकानों की बढ़ी बिक्री...क्रेडाई के क्वार्टरली रिपोर्ट में खुलासा
क्रेडाई की रिपोर्ट के मुताबिक नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम लग्जरी हाउसिंग के प्रमुख केन्द्र बनकर उभरे हैं. इन शहरों में आधुनिक सुविधाएं और प्रीमियम जीवनशैली की मांग बढ़ी है.
2024 की पहली तिमाही में रियल एस्टेट में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. क्रेडाई एनसीआर की हालिया क्वार्टरली रिपोर्ट बताती है कि लग्जरी हाउसिंग की बिक्री में साल-दर-साल 40% की वृद्धि हुई है, जबकि किफायती हाउसिंग में 20% की गिरावट दर्ज की गई है. खासतौर पर 1.5 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य वाले घरों की बिक्री में भी बढ़ोतरी देखी गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक लग्जरी हाउसिंग मार्केट में इस बढ़ोतरी के कई कारण हैं, जैसे बढ़ती आय और उच्च-स्तरीय घरों की बढ़ती मांग. लोग अब लग्जरी घरों को निवेश के रूप में देख रहे हैं. नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुरूग्राम लग्जरी हाउसिंग के प्रमुख केंद्र बन गए हैं, जहां आधुनिक सुविधाएं और प्रीमियम जीवनशैली मौजूद हैं.
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम टॉप पर
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम लग्जरी हाउसिंग के प्रमुख केन्द्र बनकर उभरे हैं. इन शहरों में आधुनिक सुविधाएं और प्रीमियम जीवनशैली की मांग बढ़ी है. इस मामले में क्रेडाई एनसीआर के प्रेजिडेंट मनोज गौड़ का कहना है कि लग्जरी घरों की मांग बढ़ने का एक कारण ये है कि अमीर खरीदार आधुनिक सुविधाओं वाले उच्च-स्तरीय घरों की तलाश में हैं. ये घर केवल लग्जरी नहीं, बल्कि प्रतिष्ठा का प्रतीक भी हैं.
NRI के निवेश ने भी डाला असर
देश की आर्थिक वृद्धि, सामान्य समृद्धि और बड़े घरों की प्राथमिकता कुछ प्रमुख कारक रहे हैं. इसके अलावा, मांग-आपूर्ति में कोई असंतुलन नहीं है और प्रमुख डेवलपर्स ने इन मांगों को पूरा करने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं. इसके अलावा, NRI के निवेश ने भी इस वृद्धि को बढ़ावा दिया है, जिससे लग्जरी घर न केवल प्रतिष्ठा के प्रतीक बल्कि आकर्षक निवेश उपकरण भी बन गए हैं.
1.5 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत के मकानों की बढ़ी बिक्री
1.5 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत वाले आवासीय यूनिट्स की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो उच्च-मूल्य वाली प्रॉपर्टीज के प्रति बढ़ती रुचि को दर्शाता है. विशेष रूप से नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुरूग्राम में खरीदार बड़े, अच्छी तरह से व्यवस्थित और सुविधाओं से भरपूर रेजिडेंस को प्राथमिकता दे रहे हैं. वहीं किफायती हाउसिंग सेगमेंट में 20% की गिरावट आई है. ये आर्थिक अनिश्चितताएं और खरीदारों की बदलती रुचि का असर है. संभावित खरीदार बेहतर निवेश के मौके और उन्नत जीवन के अनुभव की तलाश में हैं, जिससे किफायती हाउसिंग सेगमेंट में शिफ्ट हो रहा है.
2024 की पहली तिमाही में बिक्री का डेटा
2023 में लगभग 4,000 लग्जरी यूनिट्स बेची गईं, जबकि 2022 में यह संख्या 1,600 थी. 2024 में यह संख्या बढ़कर 8,200 हो गई, जो कुल बिक्री का 11% है. प्रमुख शहरों में बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली एनसीआर शामिल हैं.
किफायती घरों की मांग में गिरावट
2024 की पहली तिमाही में किफायती घरों (50 लाख रुपये से कम) की मांग में गिरावट आई. कुल आवासीय बिक्री का केवल 15% हिस्सा किफायती हाउसिंग का था. 2022 में यह हिस्सा 27% था, जो 2023 में घटकर 18% और 2024 में 15% हो गया.
दिल्ली एनसीआर में बिक्री
2024 की पहली तिमाही में दिल्ली NCR में कुल 10,060 आवासीय यूनिट्स बिकीं, जो 2023 की तुलना में 164% की वृद्धि है. किफायती हाउसिंग का कुल बिक्री में केवल 15% हिस्सा था.
2024 में लग्जरी हाउसिंग में बड़ी वृद्धि हुई है, जबकि किफायती हाउसिंग में गिरावट आई है. बदलते उपभोक्ता रुझानों और बाजार की गतिशीलता ने लक्ज़री और किफायती हाउसिंग में अंतर पैदा किया है.