Green Buildings: रियल एस्टेट कंपनियों की शीर्ष संस्था क्रेडाई (CREDAI) ने सर्टिफाइड ईको-फ्रेंडली प्रोजेक्ट्स के विकास में अपने सदस्यों की मदद के लिए इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) के साथ गठजोड़ किया है. क्रेडाई ने एक बयान में कहा कि उसने अगले दो साल में 1,000 और 2030 तक 4,000 सर्टिफाइड ग्रीन बिल्डिंग प्रोजेक्ट्स (ग्रीन प्रोजेक्ट्स) को विकसित करने का लक्ष्य तय किया है.

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भारतीय रियल एस्टेट डेवलपर परिसंघ (CREDAI) ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आईजीबीसी के साथ समझौता किया है. क्रेडाई के अगले अध्यक्ष बनने जा रहे बोमन ईरानी ने कहा, इस समझौते से हम अपने 13,000 से ज्यादा सदस्यों को ईको-फ्रेंडली इमारतें बनाने के लिए प्रेरित करेंगे और उनका मार्गदर्शन करेंगे.

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ग्रीन प्रोजेक्ट्स में बनाई जाएंगे 4 लाख घर

उन्होंने कहा, सर्टिफाइड ईको-फ्रेंडली भवनों के विकास के लिए अपनाए जाने वाले अलग-अलग मानदंडों में एकरूपता होगी. इस तरह देश भर में 4 लाख से अधिक आवासीय इकाइयां ग्रीन प्रोजेक्ट्स में बनाई जाएंगी.

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आईजीबीसी के साथ क्रेडाई की साझेदारी क्रेडाई डेवलपर्स को बेहतर निर्माण करने के लिए आवश्यक जानकारी और क्षमताओं को मजबूत करने की अनुमति देगी. ईरानी ने कहा कि क्रेडाई का ध्यान 'G.R.O.W.T.H' पर होगा. उन्होंने कहा कि इसका मतलब हरित निर्माण, सुधार, नए भारत के निर्माण का अवसर, महिला सशक्तिकरण, पारदर्शिता और हाउसिंग फॉर ऑल है. ईरानी ने कहा, भारतीय रियल एस्टेट एक क्रांति के मुहाने पर खड़ा है और क्रेडाई में हम शामिल सभी हितधारकों के लिए विकास को सुविधाजनक बनाने पर अत्यधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.

साझेदारी पर टिप्पणी करते हुए, सिग्नेचर ग्लोबल के अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि किसी भी विकास का पर्यावरणीय प्रभाव एक महत्वपूर्ण विचार है. उन्होंने कहा कि इससे रियल एस्टेट उद्योग में सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा, जो समय की जरूरत है

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Colliers के रिसर्च हेड विमल नादर ने कहा कि बिल्डिंग्स और कंस्ट्रक्शन वैश्विक ऊर्जा और ऊर्जा से संबंधित CO2 उत्सर्जन में लगभग 40% का योगदान करते हैं. उन्होंने कहा, ग्रीन रियल एस्टेट इकोसिस्टम बनाना अब अपरिहार्य हो गया है.

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