Budget Expectations: होम लोन के ब्याज पर ₹5 लाख हो टैक्स डिडक्शन लिमिट, रीयल एस्टेट को मिले इंडस्ट्री का दर्जा
Budget Expectations For Real Estate Sector: रीयल एस्टेट इंडस्ट्री को भी बजट से काफी उम्मीदें हैं. इंडस्ट्री का कहना है कि हाउसिंग सेल्स को बूस्ट देने के लिए होम बायर्स को अतिरिक्त टैक्स रियायतें देने की जरूरत है. साथ ही साथ अफोर्डेबल हाउसिंग की कैपिंग खासकर मेट्रो शहरों के लिए बदलने की जरूरत है.
Budget Expectations For Real Estate Sector: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) आगामी 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2024 के लिए आम बजट पेश करेंगी. बजट एलानों पर हर किसी की नजर है. रीयल एस्टेट इंडस्ट्री को भी बजट से काफी उम्मीदें हैं. इंडस्ट्री का कहना है कि हाउसिंग सेल्स को बूस्ट देने के लिए होम बायर्स को अतिरिक्त टैक्स रियायतें देने की जरूरत है. साथ ही साथ अफोर्डेबल हाउसिंग की कैपिंग खासकर मेट्रो शहरों के लिए बदलने की जरूरत है.
पुष्पम ग्रुप के एमडी डॉ. सचिन चोपड़ा का कहना है, सरकार को टैक्स रियायतों के साथ मकान खरीदारी को बूस्ट देने के लिए इन्सेंटिव देने की जरूरत है. इससे होम बॉयर्स के लिए ज्यादा से ज्यादा मौके बनेंगे. साथ ही इससे सेक्टर में जरूरी लिक्विडिटी आ सकेगी. होम लोन की ब्याज दरें लगातार बढ़ रही हैं. इससे हाउसिंग सेक्टर और प्रॉपर्टी सेल्स को झटका लग रहा है. ऐसे में होम बॉयर्स को अतिरिक्त टैक्स छूट और फायदे देने की जरूरत है.
सचिन चोपड़ा का कहना है कि अफोर्डेबल हाउसिंग को बूस्ट देने की सरकार की कोशिश बेहतर है. इसे और प्रोत्साहित करने के लिए सरकार को सेक्शन 24(b) के अंतर्गत ब्याज दरों पर टैक्स डिडक्शन की लिमिट मौजूदा 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किए जाने की जरूरत है. अफोर्डेबल आउसिंग सेगमेंट में होम बॉयर्स के लिए यह राहत देने वाला होगा. इसके अलावा, अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट में मौजूदा 45 लाख की कैपिंग को हटाने या बढ़ाने की जरूरत है. मेट्रो शहरों के लिए इसे 1 करोड़ किया जाना चाहिए. कंस्ट्रक्शन की कुल लागत बढ़ने के चलते यह इंडस्ट्री के लिए जरूरी है.
रीयल एस्टेट को मिले इंडस्ट्री का दर्जा
अजमेरा रीयल्टी एंड इंफ्रा के सीएफओ नितिन बाविसी का कहना है, भारतीय रीयल एस्टेट मार्केट में घरेलू और NRI होम बॉयर्स की तरफ से जोरदार डिमांड देखने को मिली है. जॉब क्रिएशन में रीयल एस्टेट सेक्टर कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा सेक्टर है और इसे आज भी इंडस्ट्री का दर्जा नहीं है. ऐसे में हमें उम्मीद है कि सरकार इसकी जरूरत को समझेगी और लंबे समय रीयल एस्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा दिए जाने की मांग को इस बजट में पूरा करेगी.
वायसराय प्रॉपर्टीज एलएलपी के फाउंडर एंड मैनेजिंग पार्टनर सायरस मोदी का कहना है, महंगाई को काबू मे लाने में लाने के लिए ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी हुई है. इससे होम लोन की ब्याज दरें भी बढ़ रही हैं. इससे होम बॉयर्स के सेंटीमेंट खासकर अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट में कमजोर हुआ है. हालांकि, लग्जरी सेगमेंट में मार्केट पॉजिटिव मूड में दिख रहा है. हमें उम्मीद है कि आगामी बजट में रीयल एस्टेट को इंडस्ट्री का स्टेटस देने के साथ टैक्स स्ट्रक्चर में कुछ बड़े बदलाव करने चाहिए. ताकि, डिमांड बढ़ने के साथ-साथ इंडस्ट्री को भी बूस्ट मिल सके.
एस रहेजा रीयल्टी के मैनेजिंग डायरेक्टर राम रहेजा का कहना है, इंडस्ट्री लंबे समय से यह मांग कर रही है कि होम लोन के प्रिसिंपल और ब्याज के अमाउंट दोनों पर टैक्स डिडक्शन की लिमिट बढ़ाई जानी चाहिए. चूंकि, महंगाई कई सालों के टॉप पर है, ऐसे में बजट में टैक्स इन्सेंटिव दिए जाने से हाउसिंग डिमांड को बूस्ट मिलेगा.
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