करीब 800 किलोमीटर लंबा माल ढुलाई गलियारा (डीएफसी) दिसंबर अंत तक खुलने के लिए तैयार है. पूर्वी डीएफसी का 200 किलोमीटर खुर्जा-भदन खंड नवंबर अंत तक खुलने के लिए पूरी तरह तैयार है. यह खंड उत्तर प्रदेश में है. जबकि रेवाड़ी (हरियाणा)-मदार (राजस्थान) के बीच पश्चिमी डीएफसी का 300 किलोमीटर का खंड दिसंबर अंत तक पूरा हो जाएगा.

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रेलवे पश्चिमी डीएफसी के 190 किलोमीटर के अटेली (हरियाणा)-फुलेरा (राजस्थान) खंड को इस साल के अंत में खोल दिया जाएगा. पश्चिमी डीएफसी के 190 किलोमीटर के अटेली-फुलेरा खंड पर 10 विशाल पुल, 127 छोटे पुल, एक रेल ओवरब्रिज, पुल के नीचे से गुजरने वाली 118 सड़कें और छह स्टेशन हैं.

पूर्वी डीएफसी के 143 किलोमीटर भदन-भौपुर खंड (दोनों उत्तर प्रदेश में हैं) को जनवरी 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा और पश्चिमी डीएफसी पर 128 किलोमीटर लंबे मदार-मारवाड़ (दोनों राजस्थान में हैं) को फरवरी 2019 तक पूरा किया जाएगा.

पूर्वी डीएफसी पर भौपुर-मुगलसराय खंड को अगस्त 2019 तक पूरा किया जाएगा और इसी मार्ग पर सोनेनगर (बिहार)-मुगलसराय (उत्तर प्रदेश) खंड का कार्य अक्टूबर 2019 तक पूरा होगा. रेलवे को आशा है कि पूरे डीएफसी को मार्च 2020 तक यानी इसकी समयावधि में पूर्ण विद्युतीकृत कर दिया जाएगा.

81,459 करोड़ रुपये परियोजना

81,459 करोड़ रुपये की इस परियोजना को 2006 में कैबिनेट ने हरी झंडी दी थी. नौ राज्यों और 60 जिलों से गुजरने वाली इस परियोजना में पश्चिमी डीएफसी पर जंक्शन के साथ 48 स्टेशन और पश्चिमी डीएफसी पर 58 स्टेशन हैं.

पश्चिमी डीएफसी नवी मुंबई के समीप जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह ट्रस्ट से उत्तर प्रदेश के दादरी तक 1,504 किलोमीटर की दूरी तय करेगा, जो वड़ोदरा, अहमदाबाद, पालनपुर, फुलेरा, रेवाड़ी से होकर गुजरेगा. जबकि पूर्वी डीएफसी पंजाब के लुधियाना से पश्चिम बंगाल में कोलकाता के समीप दंकुनी तक 1,856 किलोमीटर का दायरा तय करेगा. यह हरियाणा, उत्तर प्रदेश और झारखंड से होकर गुजरेगा.

(आईएएनएस से)