वडसा-गढ़चिरौली प्रोजेक्ट पर रेलमंत्री वैष्णव का बयान, पूरा हो गया जमीन अधिग्रहण काम, इन लोगों को मिलेगा आराम
Wadsa-Gadchiroli Railway Line: रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वडसा-गढ़चिरौली एक महत्वपूर्ण परियोजना है. इससे वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों को भी लाभ मिलेगा. यह क्षेत्र के गरीब लोगों के लिए महत्वपूर्ण परियोजना है."
Wadsa-Gadchiroli Railway Line: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि महाराष्ट्र में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्र में वडसा-गढ़चिरौली रेलवे लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण और वन मंजूरियों के बाद काम ने रफ्तार पकड़ ली है. लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान गढ़चिरौली-चिमूर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के सदस्य किरसन नामदेव के पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए वैष्णव ने कहा कि परियोजना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों से होकर गुजरती है.
महाराष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण है वडसा गढ़चिरौली प्रोजेक्ट
उन्होंने कहा, "वडसा-गढ़चिरौली एक महत्वपूर्ण परियोजना है. इससे वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों को भी लाभ मिलेगा. यह क्षेत्र के गरीब लोगों के लिए महत्वपूर्ण परियोजना है."
रेल मंत्री ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे नीत पूर्ववर्ती सरकार ने इस परियोजना के लिए आवश्यक मंजूरी नहीं दी थी और भूमि अधिग्रहण में भी सहयोग नहीं दिया. उन्होंने कहा कि इसके बाद शिवसेना-भाजपा की सरकार बनने के बाद भूमि अधिग्रहण की दिशा में अच्छी तरह काम हुआ.
पूरा हुआ जमीन अधिग्रहण का काम
वैष्णव ने कहा, "करीब 220 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता थी. आवश्यक जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है. कार्य प्रगति पर है."
क्या है वडसा गढ़चिरौली प्रोजेक्ट?
वडसा-गढ़चिरौली परियोजना को दिसंबर 2015 में एक विशेष रेलवे परियोजना घोषित किया गया था. 52.36 किलोमीटर लंबी यह रेल लाइन यात्रियों के आसान परिवहन के साथ-साथ कृषि और वन उपज की सुगम ढुलाई की सुविधा भी प्रदान करेगी.
अन्य परियोजनाओं पर भी उठे सवाल
वैष्णव ने समाजवादी पार्टी के वीरेंद्र सिंह, नीरज मौर्य और अन्य दलों के कुछ सदस्यों के उनके क्षेत्रों में रेलवे परियोजनाओं से संबंधित पूरक प्रश्नों पर कहा कि सदस्य व्यक्तिगत रूप से उनसे आकर मिल सकते हैं और परियोजनाओं पर चर्चा कर सकते हैं.
वैष्णव ने कहा, "प्रश्न वडसा-गढ़चिरौली परियोजना से संबंधित था. देशभर में रोजाना करीब 20 हजार रेलगाड़ियां चलती हैं. सभी परियोजनाओं पर यहां चर्चा नहीं कर सकता. सभी सदस्यों का रेल भवन में स्वागत है. सभी परियोजनाओं के विकास और रेलगाड़ियों के ठहराव आदि के बारे में बैठकर चर्चा कर सकते हैं."
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन में जब रेलवे की अनुदान मांगों पर चर्चा होगी तो सदस्य विस्तार से अपनी बात रख सकते हैं.