Vande Metro Train: देश में वंदे भारत ट्रेनों की पॉपुलैरिटी के बाद अब मेट्रो ट्रेन में भी इसकी एंट्री होगी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने बताया कि रेलवे वंदे मेट्रो ट्रेन (Vande Metro Train) पर काम कर रही है, जो देश में 1950 और 60 के दशक में डिजाइन किए गए ट्रेनों की जगह लेगी. उन्होंने बताया कि इन वंदे मेट्रो ट्रेनों (Vande Metro Train) का निर्माण इतने बड़े पैमाने पर किया जाएगा कि ये देश में 1950 और 1960 के दशक की डिजाइन वाली सभी ट्रेनों को बदल देगी. वैष्णव ने बताया कि अभी इसकी डिजाइन पर काम किया जा रहा है. 

कब आएगी वंदे मेट्रो ट्रेन?

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रेलमंत्री ने बताया कि देश में जून 2023 के बाद वंदे मेट्रो ट्रेन आ सकती है. उन्होंने कहा कि रेलवे अभी इसकी डिजाइन पर काम कर रही है और यह मई या जून तक पूरी हो सकती है. वंदे भारत (Vande Bharat) के बाद वंदे मेट्रो ट्रेन (Vande Metro Train) रेलवे में भारत की एक बड़ी छलांग साबित होगी. 

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गरीबों के काम आएगी वंदे मेट्रो ट्रेन (Vande Metro Train)

अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने जोर देते हुए कहा कि ये वंदे मेट्रो ट्रेन मध्यम और गरीब वर्ग के लोगों का विशेष तौर पर ख्याल रखेगी. उन्होंने कहा कि अमीर लोग अपना ख्याल रख सकते हैं. केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) हमेशा से मध्यम और निम्न वर्ग के लोगों पर अपना ध्यान केंद्रित करती है, जो ज्यादा खर्च करने में सक्षम नहीं हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि रेलवे हर भारतीय के जीवन में बड़ा परिवर्तनकारी बदलाव लाए. 

रेलवे के प्राइवेटाइजेशन पर क्या बोले रेलमंत्री

रेलमंत्री ने रेलवे के निजीकरण (privatisation of railways)  के सवाल पर पूरी तरह से इंकार करते हुए कहा कि सरकार रेलवे का प्राइवेटाइजेशन करने के बारे में नहीं सोच रही है. उन्होंने कहा, "रेलवे एक स्ट्रैटजिक सेक्टर है और यह सरकार के पास रहेगा."

वंदे भारत (Vande Bharat Train) पर क्या है सरकार का प्लान

रेलमंत्री ने कहा कि रेलवे वंदे भारत-3 (Vande Bharat-3) डिजाइन पर काम कर रहा है, जिसमें स्लीपर क्लास भी होगी. इन ट्रेनों का इस्तेमाल लंबे सफर के लिए भी किया जाएगा. वर्तमान में, रेलवे (Indian Railways) एक दिन में 12 किमी रेलवे ट्रैक निर्माण कर रहा है, जो 2004 से 2014 तक कांग्रेस के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के दौरान केवल चार किमी प्रतिदिन हुआ करता था.