Vande Bharat Train: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने मंगलवार को तिरुवनंतपुरम रेलवे स्टेशन से केरल की पहली वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat Train) को हरी झंडी दिखाई. यह ट्रेन केरल के तिरुवनंतपुरम से कासरगोड चलेगी. हरी झंडी दिखाने के दौरान मोदी के साथ केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, स्थानीय सांसद-शशि थरूर सहित अन्य लोग मौजूद थे. केरल राज्य को मिलने वाली ये पहली वंदे भारत ट्रेन देश की 16वीं वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat Express Train) है. इस दौरान पीएम मोदी ने स्कूली बच्चों के साथ वंदे भारत ट्रेन से सफर भी किया. 

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बच्चों के साथ सफर करते हुए पीएम मोदी ने उनसे कई सारे सवाल भी पूछे, जिनका बच्चों ने पूरे उत्साह के साथ जवाब दिया. वहीं कुछ बच्चों ने पीएम मोदी को कविता सुनाई और कुछ बच्चों ने उन्हें अपने हाथ से बनाई हुई पेंटिंग भी दी. इस दौरान एक बच्ची ने पीएम मोदी को एक सलाह भी दिया, जिसे सुनकर उन्होंने हंसते हुए कहा कि वो अब से उनकी एडवाइजर है. 

 

वंदे भारत का पूरा शेड्यूल

केरल में वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat Train) की पहली कमर्शियल सर्विस बुधवार को कासरगोड से शुरू होगी और 7 घंटे 50 मिनट में तिरुवनंतपुरम पहुंचेगी. तिरवनंतपुरम से कासरगोड के लिए पहली सेवा गुरुवार से शुरू होगी. ट्रेन कोल्लम, कोट्टायम, त्रिशूर, शोरनूर, कोझिकोड और कन्नूर में रुकेगी और कासरगोड में समाप्त होती है. ट्रेन में 16 कोच हैं, इनमें से दो एग्जीक्यूटिव कोच हैं.

इन प्रोजेक्ट्स को दिखाई हरी झंडी

पीएम मोदी ने मंगलवार को कोच्चि वाटर मेट्रो सहित विभिन्न विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया और कहा कि जैसे-जैसे राज्यों का विकास होगा, देश तेजी से विकास करेगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सहकारी संघवाद पर जोर देती है और मानती है कि अगर राज्यों का विकास होता है तो इससे देश के विकास में मदद मिलेगी. 

आठ दशक पुराने 'केरलागानम' गीत हुआ पेश

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में मंगलवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम की शुरुआत आठ दशक से अधिक पुराने मलयालम देशभक्ति गीत से हुई, जिसे राज्य सरकार ने केरल का सांस्कृतिक गीत घोषित किया है. यह संभवत: पहली बार है जब 1938 में स्वतंत्रता सेनानी-कवि बोधेश्वरन द्वारा लिखित 'केरलागानम' को पिछले साल राज्य सरकार के निर्देश के बावजूद विशिष्ट अतिथियों की मौजूदगी वाले किसी बड़े कार्यक्रम की शुरुआत में प्रस्तुत किया गया. गायकों के एक समूह ने सेंट्रल स्टेडियम में समारोह की शुरुआत करते हुए अपनी मधुर आवाज में यह कविता सुनाई. 

'जय जय कोमल केरल धरणी' से शुरू होने वाली 25 पंक्तियों की इस कविता को 2014 में केरल का सांस्कृतिक गीत घोषित किया गया था. आमतौर पर किसी भी सांस्कृतिक कार्यक्रम में यह गीत कभी नहीं गाया जाता. राज्य के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री साजी चेरियन ने जुलाई 2022 में घोषणा की थी कि कविता को दक्षिणी राज्य में आयोजित होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों के उद्घाटन गीत के रूप में गाया जाएगा. राज्य के गठन के बाद केरल विधानसभा की पहली बैठक में ‘केरलागानम’ गाया गया था. फिर इसे आकाशवाणी के कलाकार शारदामणि और राधामणि द्वारा गाया गया, जिन्हें परवूर बहनों के नाम से नाम से जाना जाता है.

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