Vande Bharat Express Train: विशाखापत्तनम से सिकंदराबाद के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस के ऊपर बुधवार को कुछ बदमाशों ने पत्थर चला दिया. पत्थरबाजी की इस घटना में 16 कोच वाले वंदे भारत ट्रेन के C8 कोच का शीशा टूट गया. बीते तीन महीने में वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थरबाजी की ये तीसरी वारदात है. वंदे भारत एक्सप्रेस पर बदमाशों ने ये पत्थर सिकंदराबाद से आते वक्त खम्मम और विजयवाड़ा के बीच हुई. हालांकि पत्थरबाजी की इस घटना में किसी पैसेंजर के घायल होने की खबर नहीं है, लेकिन ये जानना बहुत जरूरी है कि ट्रेन ऐसे पथराव करना गैरकानूनी है और अगर कोई ऐसा करते पकड़ा जाता है, तो उसे जेल की हवा खानी पड़ सकती है. इसके अलावा रेलवे आरोपी पर मोटा जुर्माना भी लगा सकती है.

क्या कहता है रेलवे का कानून

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रेलवे के कानून के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति किसी ट्रेन पर लापरवाही में, उकसावे में या जानबूझकर पथराव करता है, तो दोषी पाए जाने पर उसे 1 साल से लेकर 5 साल तक की सजा हो सकती है. The Railways Act, 1989 के सेक्शन 153 और 154 में इसे लेकर सख्त कानून बनाए गए हैं. 

The Railways Act, 1989 - Section 154 के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति उतावलेपन या लापरवाही से कोई कार्य करता है, या उसके किसी चूक से ट्रेन से यात्रा कर रहे किसी भी यात्री की सुरक्षा में खतरा होने की संभावना होती है, तो उसे एक साल की जेल की सजा हो सकती है. इसके अलावा उनपर जुर्माना भी लग सकता है या दोनों सजा हो सकती है.

The Railways Act, 1989 - Section 153 के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति किसी भी गैरकानूनी कार्य या किसी जानबूझकर चूक या उपेक्षा से ट्रेन में सफर कर रहे किसी पैसेंजर की सुरक्षा पर कोई खतरा आता है, तो रेलवे उसे पांच साल की सजा दे सकता है.

पहले भी चल चुके हैं पत्थर

बता दें कि इससे पहले जनवरी में आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम शहर में वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat) पर मेंटेनेंस के दौरान पथराव हुआ था. विशाखापत्तनम में कांचरापलेम के पास इस पथराव में वंदे भारत एक्सप्रेस के एक कोच का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया. इसके अलावा 12 मार्च को पश्चिम बंगाल से वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पर पथराव की एक घटना की सूचना मिली थी, जिसमें हाई-स्पीड ट्रेन के एक कोच की खिड़की के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए थे.

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