केंद्रीय मंत्रिमंडल (central cabinet) द्वारा रेलवे (Railway) के संगठनात्मक पुनर्गठन (Organizational restructuring) को मंजूरी देते हुए मौजूदा आठ ग्रुप ए के सेवाओं को एक केंद्रीय सेवा, इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस (आईआरएमएस) के रूप में मंजूरी देने के दो दिन बाद रेलवे बोर्ड (Railway board) के चेयमैन वी.के.यादव ने कहा है कि रेलवे में सभी नई भर्तियां पांच स्पेशल्टीज के तहत यूपीएससी (UPSC) की सिविल सर्विसेज परीक्षा (Civil Services Examination) के जरिए होगी. आईएएनएस की खबर के मुताबिक, यादव ने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के कैंडिडेट की तरह, रेलवे में जाने की रुचि रखने वाले कैंडिडेट को अपनी प्रारंभिक परीक्षा (preliminary examination) के लिए उपस्थित होना होगा, जिसके बाद वे पांच स्पेशल्टीज के लिए आईआरएमएस (IRMS) के लिए अपनी प्रियोरिटीज देंगे.

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पांच स्पेशल्टीज में से चार इंजीनियरिंग स्पेशल्टीज से होगी- सिविल, मैकेनिकल, टेलीकॉम और इलेक्ट्रिकल, और एक गैर-तकनीकी स्पेशल्टीज से जिसके तहत अकांउट, कार्मिक और ट्रैफिक के अधिकारी भर्ती होंगे. उन्होंने कहा कि इस सलेक्शन प्रक्रिया के बारे में अभी काम चल रहा है. चेयरमैन ने कहा कि ऐसा मानना है कि उम्मीदवार पहले प्रारंभिक परीक्षा दे और फिर अपनी पसंद बताएं. उन्हें आईआरएमएस में उपस्थित होने का ऑप्शन दिया जाएगा.

हाल ही में कैबिनेट ने रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन (Railway board reshuffle) को मंजूरी दी है. रेलवे बोर्ड में अब आठ की जगह अध्यक्ष सहित पांच सदस्य होंगे. रेलवे की सभी सेवाओं को एकीकृत कर एक नई सेवा 'भारतीय रेल सेवा' (Indian Railway Service) बनाने को स्वीकृति भी दी गई है.

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रेलवे बोर्ड में यातायात, रोलिंग स्टॉक, ट्रैक्शन एंड इंजीनियरिंग के लिए सदस्यों की जगह नए बनाए गए बोर्ड में परिचालन, व्यवसाय विकास, मानव संसाधन, अवसंरचना और वित्त कार्यों के लिए सदस्य होंगे. भारतीय रेलवे में इंजीनियरिंग, यातायात, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिक सहित विभिन्न विभागों के लिए मौजूदा आठ सेवाओं की जगह अब केवल एक सर्विस 'भारतीय रेलवे मैनेजमेंट सर्विस' होगा.