क्रिसमस और न्यू ईयर की छुट्टियां मनाने के लिए पर्यटक हिमाचल प्रदेश की बर्फीली वादियों की तरफ रुख कर रहे हैं. इसी के मद्देनजर उत्तरी रेलवे ने शुक्रवार को नए साल और सर्दियों के मौसम के लिए यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज शिमला-कालका नैरो गेज रेलवे लाइन पर स्पेशल ट्रेनें शुरू की हैं. शिमला रेलवे स्टेशन के सुप्रीटेंडेंट संजय घेरा ने बताया कि ये ट्रेनें 28 फरवरी, 2025 तक टूरिस्टों के लिए चलाई जाएंगी. उन्होंने कहा कि पहले ही दिन 81 यात्रियों ने ट्रेन में सफर किया.

कालका शिमला स्पेशल ट्रेन का टाइम टेबल, इन स्टेशनों पर रुकेगी  

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ट्रेन संख्या 52443 (कालका-शिमला) कालका से सुबह 8:05 बजे चलेगी और दोपहर 1:35 बजे शिमला पहुंचेगी. वापसी में ट्रेन संख्या 52444 (शिमला-कालका) शिमला से शाम 4:50 बजे चलेगी और रात 9:45 बजे कालका पहुंचेगी. संजय घेरा ने कहा कि ये स्पेशल ट्रेनें न केवल टूरिज्म को बढ़ावा देंगी बल्कि रेलवे के लिए रेवेन्यू भी पैदा करेंगी. इस ट्रेन में लगभग 156 यात्री बैठ सकते हैं. ये ट्रेनें धरमपुर, बड़ोग, सोलन, कंडाघाट और समरहिल रेलवे स्टेशनों पर रुकेंगी. 

ट्रेन में होंगे कुल सात डिब्बे, होटल में शुरू हुई एडवांस बुकिंग

कालका-शिमला ट्रेन में कुल सात डिब्बे होंगे, जिनमें तीन सामान्य डिब्बे और दो-दो चेयर कार और प्रथम श्रेणी के डिब्बे होंगे. उत्तरी रेलवे, अंबाला डिवीजन के एक अधिकारी ने बताया कि क्रिसमस और नए साल के दौरान शिमला आने वाले पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए दो विशेष ट्रेनें चलाने का फैसला लिया गया है. शिमला होटल एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एम के सेठ ने कहा कि क्रिसमस के लिए भारी बुकिंग हुई है और नए साल के लिए 25 से 30 प्रतिशत एडवांस बुकिंग हो चुके हैं.

1903 में बिछाई थी पहली रेलवे लिंक, 2009 में घोषित किया विश्व धरोहर स्थल

आपको बता दें कि अंग्रेजों ने 1903 में शिमला को जोड़ने के लिए पहली रेल लिंक बिछाई थी. 2009 में, कालका-शिमला रेल ट्रैक को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था. 96.6 किलोमीटर लंबे इस नैरो गेज रेलवे ट्रैक पर 103 सुरंगें, 800 पुल, 919 मोड़ और 18 रेलवे स्टेशन हैं. 11 दिसंबर, 2018 को विस्टाडोम कोच चलाने वाला शिमला-कालका देश का पहला नैरो गेज ट्रैक बन गया था.