ट्रेन भारत की लाइफ लाइन है. रोजाना लाखों से करोड़ों लोग भारतीय रेलवे से अपनी मंजिल की तरफ सफर करते हैं. ट्रेन में लोग अपना खाना ले जाते हैं. यही नहीं, कई ट्रेनों के टिकट में खाने का ऑप्शन होता है  IRCTC ने भी कोच में ही फूड डिलीवरी की सुविधा दी है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि एक ट्रेन ऐसी भी है जिसमें पिछले 29 साल से यात्रियों को फ्री में खाना दिया जाता है. इसी कारण इस ट्रेन को लंगर ट्रेन भी कहा जाता है.

दो गुरुद्वारे को जोड़ती है ये ट्रेन, 1995 से शुरू हुई लंगर सेवा

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सचखंड एक्सप्रेस (12715) अपने 39 स्टेशनों में से छह पर यात्रियों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराती है. नांदेड़ (महाराष्ट्र) के हजूर साहिब से अमृतसर (पंजाब) के बीच चलने वाली ये ट्रेन देश के पांच सबसे बड़े सिख गुरुद्वारों में से दो- अमृतसर का श्री हरमंदिर साहिब और नांदेड़ का श्री हजूर साहिब सचखंड को जोड़ती है. सिख समुदाय द्वारा साल 1995 में लंगर सेवा शुरू की गई थी. लंगर का खाना नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लंगर पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर के वीरजी दा डेरा द्वारा पकाया जाता है.

यात्री लाते हैं बर्तन, मेन्यू में कढ़ी-चावल

सचखंड एक्सप्रेस में सफर के दौरान यात्री अपने बर्तन स्वयं लाते हैं. लंगर सभी यात्रियों के लिए खुला है, चाहे वे किसी भी श्रेणी के हों. मेन्यू में मेन्यू में कढ़ी-चावल, दाल और सब्जी जैसे वेजिटेरियन डिश शामिल हैं. इस ट्रेन में लगभह दो हजार यात्रियों को रोजाना खाना परोसा जाता है. सफर के दौरान छह स्टेशन मनमाड, नांदेड़, भुसावल, भोपाल, ग्वालियर और नई दिल्ली पर यात्रियों को लंगर का खाना परोसा जाता है.

सचखंड एक्सप्रेस का टाइम टेबल

सचखंड एक्सप्रेस के टाइम टेबल की बात करें तो हज़ूर साहिब नांदेड़ से सुबह 9:30 बजे चलती है और अमृतसर जंक्शन शाम 9:45 बजे पहुंचती है.ट्रेन 12 घंटे 15 मिनट में सफ़र तय करती है. वापसी में सचखंड एक्सप्रेस, अमृतसर जंक्शन से सुबह 5:30 बजे चलती है और हुज़ूर साहिब नांदेड़ शाम 2:35 बजे पहुंचती है. इस ट्रेन में 1A, 2A, 3A, और स्लीपर क्लास की सीटें हैं. सचखंड एक्सप्रेस शुरुआत में साप्ताहिक आधार पर शुरू हुई थी. 1997-98 में इसे हफ्ते में पांच दिन चलाया गया है. 2007 से ये ट्रेन प्रतिदिन चलती है.