बेटियों के हाथ में होगा देश की पहली रीजनल ट्रेन की कमान, RapidX के ऑपरेशन में इन महिलाओं को मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी
RapidX Trains: दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बीच 17 किलोमीटर लंबा पहला RRTS कॉरिडोर बहुत जल्द लॉन्च होने वाला है. देश के इस पहले रीजनल ट्रेन के संचालन में महिलाओं की बड़ी भागीदारी रहने वाली है.
RapidX Trains: दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर का 17 किलोमीटर लंबा पहला फेज जल्द ही जनता को समर्पित किया जायेगा. इस आधुनिक हाई स्पीड, हाई-फ्रीक्वेंसी रैपिडएक्स ट्रेनों (RapidX Trains) के संचालन में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. इसमें बड़ी बात ये है कि इस खंड के परिचालन में महिला कर्मचारियों की भागीदारी पुरुष कर्मचारियों से अधिक होगी. NCRTC ने महिला-पुरुष के सभी मानकों को तोड़ने की तरफ एक सशक्त कदम उठाया है. इस प्रकार भारत की प्रथम रीजनल रेल द्वारा न सिर्फ तकनीक के क्षेत्र में कदम बढ़ाया जा रहा है बल्कि महिला सशक्तीकरण के प्रयासों द्वारा आधुनिक भारत की एक नई तस्वीर भी गढ़ी जा रही है.
पुरुषों के मुकाबले महिला कर्मचारी ज्यादा
प्राथमिक खंड में रैपिडएक्स ट्रेनों (RapidX Trains) के संचालन के लिए नियुक्त ट्रेन संचालकों में पुरुष संचालकों की तुलना में महिला संचालकों की संख्या अधिक है. इसके अलावा स्टेशन कंट्रोल, प्रबंधन, संचालन एवं रखरखाव, ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर, ट्रेन अटेंडेंट आदि के रूप में भी महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. शहरी परिवहन प्रणाली से परिचित कराने एवं प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए पहले इन संचालकों को तीन महीने के लिए क्लासरूम स्टडीज़ के साथ-साथ सिमुलेटर पर ट्रेन चलाने और ट्रेन की गति पर नियंत्रण करने समेत अन्य ज़रूरी प्रशिक्षण दिए गए.
160 किमी प्रति घंटा की स्पीड पर होगी ट्रेन
इस प्रशिक्षण में उन्हें RRTS प्रणाली में विश्व में पहली बार प्रयोग की जा रही ETCS लेवल-2 सिग्नलिंग प्रणाली, इसके रोलिंग स्टॉक, ट्रेन कंट्रोल सिस्टम आदि के बारे में प्रशिक्षित किया गया. रैपिडएक्स ट्रेनों (RapidX Trains) की परिचालन गति 160 किमी प्रति घंटा है, इन महिला संचालकों के लिए इतनी तेज़ रफ्तार पर ट्रेन चलाना बहुत रोमांचक है. ट्रेन का संचालन एक बहुत ही एकाग्रता, संयम एवं ज़िम्मेदारी का कार्य है.
पिछले 6 महीने में इस प्रणाली पर ठीक उसी तरह ट्रेनें चलाई जा रही हैं, जैसी परिचालन के बाद चलाई जाएंगी. साथ ही, इस प्रणाली के हर आयाम की बारीकी से जांच की जा रही है. इस पूरी प्रक्रिया में इन महिला कर्मचारियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है. इन महिलाओं को तो इस परियोजना का हिस्सा होने की प्रसन्नता है ही, उनका परिवार भी गौरवान्वित महसूस कर रहा है.
उनके अनुसार अब जब इस परियोजना का परिचालन होने जा रहा है, इतने यात्रियों की सुरक्षित और सफल यात्रा की ज़िम्मेदारी का अहसास और गहरा हो गया है. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर के प्राथमिक खंड में परिचालन जल्द ही आरंभ होने वाला है, जिसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
इन स्टेशनों से गुजरेगी रैपिडएक्स
इस खंड में 5 स्टेशन हैं, साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो. RRTS का प्राथमिक खंड देश की ऐसी पहली रेलवे प्रणाली है, जिसे 160 किमी प्रति घंटा की अधिकतम परिचालन गति पर इसकी सम्पूर्ण लंबाई को तय करने के लिए परिचालन के लिए खोला जा रहा है.
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